Gaya DM did the assessment of the drought of the district : गया डीएम ने किया जिले के सूखे का आकलन

इंद्रदेव के रूठने से बारिश है प्रभावित : सूखे की चपेट में  गया जिला 

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1 इंद्रदेव के रूठने से बारिश है प्रभावित : सूखे की चपेट में गया जिला

ज़िलाधिकारी को जनप्रतिनिधियों ने अपने- अपने विधानसभा एवं लोकसभा क्षेत्र की समस्याओं से कराया अवगत

बारिश के अभाव में गया जिले में पेयजल तथा धान की खेती में आई समस्या

Gaya DM did the assessment of the drought of the district : गया डीएम ने किया जिले के सूखे का आकलन, DM THIYAGARAJAN, DDC, NAGAR NIGAM AYUKT, MP, MLA, ANJNEWSMEDIA
VC Time :
डीएम त्याग ने ज़िले के सूखे की स्थिति पर
जनप्रतिनिधियों से लिया फीडबैक

गया : जिलाधिकारी डॉक्टर त्यागराजन एसएम की अध्यक्षता में समाहरणालय सभाकक्ष में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से पूर्व मुख्यमंत्री बिहार सह इमामगंज विधायक जीतन राम मांझी, सांसद औरंगाबाद सुशील कुमार, विधायक नगर डॉक्टर प्रेम कुमार, विधायक वजीरगंज वीरेंद्र सिंह, विधायिक शेरघाटी मंजू अग्रवाल, विधायक टिकारी अनिल कुमार, विधायक बोधगया कुमार सर्वजीत, विधायक गुरुआ विनय कुमार, विधायिक बाराचट्टी ज्योति देवी के साथ गया जिले में पेयजल एवं संभावित सुखाड़ को ध्यान में रखते हुए गया जिले में पेयजल तथा धान के खेती में हो रही   समस्या पर ज़िलाधिकारी को एक- एक कर अपने क्षेत्रवार समस्याओं से अवगत करवाया गया।

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डीएम त्यागराजन ने की गया ज़िले के सूखे की गहन समीक्षा

जिला पदाधिकारी ने उपस्थित पूर्व मुख्यमंत्री, सांसद एवं विधायक गण का स्वागत करते हुए कहा कि 1 जनवरी 2022 से 18 जुलाई 2022 तक लगभग 63% वर्षा की कमी हुई है, जिससे किसानों को काफी समस्या आ रही है। किसान जो भी धान का बिछड़ा डाले हैं रोपनी हेतु वो पानी के समस्या के कारण धान का बिछड़ा बर्बाद हो रहा है। उन्होंने कहा कि 19 जुलाई से 23 जुलाई तक मौसम विज्ञान विभाग द्वारा वर्षा का पूर्वानुमान बताया गया है। उन्होंने बताया कि पिछले वर्ष की तुलना में इस वर्ष काफी कम बारिश हुई है।

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उन्होंने कहा कि जिले में इस वर्ष 6500 चापाकलों को लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग द्वारा मरम्मति करवाते हुए खराब पड़े चापाकलों को चालू करवाया गया है। इसके साथ ही आवश्यकतानुसार महादलित टोला में कुल 150 चापाकल लगवाने का निर्देश सरकार द्वारा प्राप्त हुआ है, जिसके एवज में 105 चापाकल को लगवाने का कार्य किया जा चुका है। शेष 45 जगह चापाकल लगाने का कार्य किया जा रहा है।

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जनप्रतिनिधियों का जहां-जहां जिस जिस क्षेत्र से पेयजल समस्या एवं चापाकल की आवश्यकता के संबंध में सुझाव प्राप्त हुए हैं उसी के अनुरूप चापाकल लगवाने का कार्य किया गया। महादलित टोला में विशेष अभियान चलाकर चापाकल की मरम्मति की गई है।

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अंज न्यूज़ मीडिया की प्रस्तुति

नल जल योजना के समीक्षा के दौरान उन्होंने कहा कि नल जल योजना में जो भी दिक्कते/ समस्या आ रही थी उसे यथासंभव दूर करने का कार्य किया जा रहा है।

मार्च माह में पंचायत राज विभाग द्वारा संचालित नल जल योजना का व्यापक सर्वे करवाया गया जिसमें 481 ऐसे वार्ड में कार्य पूर्ण होने के बाद भी कुछ कमियां के कारण पेयजल संचालित नहीं हो रहा था।

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ज्यादातर मोटर जलने, पाइप लीकेज, पाइप फटने या ऑपरेटर काम नहीं कर रहा था, पुराने वार्ड सदस्य नए वार्ड सदस्य को चाबी नहीं देने, चार्ज नहीं देने, बिजली का भुगतान नहीं रहने इत्यादि समस्याओं के कारण बंद था। 

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इन सभी समस्याओं का निराकरण करते हुए वर्तमान में कुल  27 ऐसे टोले हैं जहां नल जल चालू नहीं है, उन्हें भी इस माह के अंत तक चालू करवा लिया जाएगा।

बैठक में जिला पदाधिकारी ने कहा कि विभिन्न जनप्रतिनिधियों से प्राप्त फीडबैक में वैसे टोले जो अब तक छूटे हुए हैं, वैसे टोले का सर्वेक्षण कराते हुए पंचायत राज विभाग द्वारा लगभग 1206 टोले अभी भी छूटे हुए हैं, उसका कारण यह है कि मॉडल स्टीमेट के अनुरूप 1 वार्ड में अगर 4 टोले हैं और पहाड़ी होने के कारण विभिन्न जगहों पर है, उसमें एक टोला में काम हुआ है तथा शेष टोला में काम नहीं हुआ है उन टोलो का प्राक्कलन बनाते हुए निश्चय योजना के तहत राशि की मांग की गई है।

उसी प्रकार पीएचईडी द्वारा 200 टोला चिन्हित वार्डों में से छूटे हुए हैं इसका भी प्राक्कलन बनाकर विभाग को भेजा गया है। 41 पीएचईडी के ऐशे वार्ड है जहां पहाड़ी क्षेत्र होने के कारण भूगर्भ जलस्तर कम है। इन टोलो में वैकल्पिक जल स्रोत चिन्हित करने का निर्णय लिया गया है।

जिला पदाधिकारी ने यह भी कहा कि उप विकास आयुक्त की देखरेख में डीआरडीए द्वारा यह निर्णय लिया है कि वैसे 41 टोले जहां बार बार बोरिंग फेल हो रहा है वहां बोरिंग स्थल के समीप तालाब खुदाई या जल संरक्षण का कार्य किया जा रहा है ताकि अगले वर्ष या आने वाले समय में जो बोरिंग फेल होने की समस्या आ रही है वह दूर होगी।

इसके लिए एक्सपर्ट से भी विचार विमर्श किया जा रहा है। जल स्तर में वृद्धि लाने के लिए एवं जल संचयन के लिए विभिन्न व्यवस्थाएं की जा रही है। जिला पदाधिकारी ने कहा कि जिले में कुल 35 टोले ऐशे है, जो वाटर क्रिटिकल टोले हैं। वहां भूगर्भ जलस्तर काफी नीचे है। वर्तमान में ज़िले का औसतन भूगर्भ जलस्तर 32 फीट मापा गया है। 

उन्होंने कहा कि जल जीवन हरियाली आने के कारण भूगर्भ जल स्तर में काफी सुधार आई है। वर्ष 2020 के पहले जल जीवन हरियाली योजना के पूर्व लगभग 40 फीट के नीचे जलस्तर चले जाते थे जो इस वर्ष औसतन जलस्तर 32 फीट है।

शहरी क्षेत्र में जल संकट ना हो इसके लिए 63 टैंकर के माध्यम से जलापूर्ति की जा रही है तथा ग्रामीण क्षेत्रों में 7 टैंकर से जलापूर्ति सप्लाई हो रही है। आवश्यकता पड़ने पर यदि कहीं से समस्या की सूचना आती है तो टैंकर के माध्यम से जलापूर्ति उपलब्ध कराया जाएगा।

उन्होंने कहा कि सभी प्रखंड विकास पदाधिकारियों को यह निर्देश दिया गया है कि अपने क्षेत्र के मुखिया के साथ बैठक कर जल संकट से संबंधित बिंदु पर 2 दिनों के अंदर बैठक करते हुए टोले की समस्या संबंधित जानकारी जिला स्तर पर उपलब्ध करा दें ताकि उस क्षेत्र में वैकल्पिक व्यवस्था कराते हुए त्वरित गति से करवाया जा सके।

कृषि संबंधी नहर प्रणाली के समीक्षा के दौरान उन्होंने कहा कि गया जिले में विभिन्न नहरों में पानी नहीं रहने के कारण रोपनी में समस्या आ रही है।

वर्तमान समय में मात्र 2% ही धान रोपने का कार्य किया गया है। सरकारी नलकूप के समीक्षा के दौरान उन्होंने कहा कि 105 सरकारी नलकूप मुखिया को राशि हस्तांतरित किया गया है सभी मुखिया को निर्देशित किया गया है कि जल्द से जल्द कार्य पूर्ण करावे ताकि कुछ हद तक किसानों को राहत मिल सके।

उन्होंने कहा कि भूगर्भ जल स्तर को बढ़ाने के उद्देश्य से तथा मनरेगा के माध्यम से मजदूरों की संख्या बढ़ाने के उद्देश्य से आहर, पाइन, पोखर को सिंचाई हेतु नए सिरे से बड़ी संख्या में योजना लिए जा रहे हैं।

लघु सिंचाई द्वारा 114 नए बड़े-बड़े योजना को इस वर्ष क्रियान्वित हेतु लिए गए हैं जिससे जिले का भुगर्व जल स्तर में काफी सुधार होगा। भूमि संरक्षण के तहत इस वर्ष अधिक संख्या में चेक डैम बनाने का कार्य किया जा रहा है।

वन विभाग द्वारा पहाड़ के पानी को संरक्षित रखने हेतु पानी स्टोरेज हेतु डैम का निर्माण कराया जा रहा है तथा उस पानी को आहर पोखर के माध्यम से जोड़ते हुए सिंचाई में प्रयोग लाने हेतु कार्य किया जा रहा है।

वजीरगंज के विशनपुर पंचायत में तीन तलाव को पहाड़ के नीचे बनाया गया है, इसके साथ ही बांके बाजार प्रखंड के हतिया पत्थर एवं हतिया पोखर में बड़े-बड़े डैम बनाने का कार्य किया जा रहा है। लगभग 10 हेक्टेयर तक पानी स्टोरेज करने का स्ट्रक्चर बना है जिसे पाइन और आहर को कनेक्ट कर कर के आसपास के गांव का पटवन का कार्य कराया जा सकता है।

सिंचाई के साधन को बढ़ाने के लिए जल जीवन हरियाली योजना के तहत सिंचाई विभाग भूमि संरक्षण विभाग मनरेगा के तहत लगातार कार्य किया जा रहा है।

इसके उपरांत बारी-बारी से सभी जनप्रतिनिधियों से अपने क्षेत्र के बारे में समस्याओं के संबंध में जानकारी जिला पदाधिकारी को अवगत कर आए हैं। जिला पदाधिकारी ने सभी संबंधित समस्याओं को गंभीरता से सुनते हुए संबंधित पदाधिकारियों को तेजी से अनुपालन करवाने का निर्देश दिए हैं।


अवैध खनन में संलिप्त वाहनों से वसूले गए 23 लाख 47 हजार रुपये

कुल 16 वाहनों को जप्त करते हुए किये गए प्राथमिकी दर्ज

05 व्यक्तियों के विरुद्ध किया गया प्राथमिकी दर्ज


गया : अवैध खनन को रोकने के लिए जिला प्रशासन द्वारा लगातार कार्रवाई की जा रही है। सभी अनुमंडल पदाधिकारी, अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी, सभी अंचलाधिकारी तथा खनन विभाग के तमाम पदाधिकारियों को स्पष्ट निर्देश प्राप्त है कि अवैध खनन के विरुद्ध कठोर कार्रवाई करें। अवैध खनन की सूचना यदि कहीं से मिलती है तो संबंधित स्थान पर छापेमारी करने में कोताही ना बरतें। इसी कड़ी में आज ज़िले के विभिन्न स्थानों में अवैध खनन के विरुद्ध औचक छापेमारी की गई, जिसमे बड़ी संख्या में बालू एवं गिट्टी( पत्थर) लदे ट्रक एवं ट्रक्टर को जप्त किया गया है।

जप्त किये गए वाहन इस प्रकार है :-

  •           ● बेला थाना क्षेत्र अंतर्गत अवैध बालू लदे 11 हाइवा/ ट्रक को जप्त किया गया है। 
  •           ● कोच थाना क्षेत्र अंतर्गत बालू लदे 02 ट्रकटर को जप्त किया गया है।
  •           ● बाकेबाजार थाना क्षेत्र अंतर्गत बालू लदे 01 ट्रक्टर को जप्त किया गया।
  •           ●  कोतवाली थाना क्षेत्र के बालू लदा 01 ट्रकटर को जप्त किया गया है।
  •           ●नीमचक बथानी थाना क्षेत्र के बालू लदा 01 ट्रकटर को जप्त किया गया है। 

जप्त सभी वाहनों के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज की गई है साथ ही परिवहन विभाग तथा खनन विभाग द्वारा जप्त वाहनों के विरुद्ध फाइन वसूलने का कार्य किया जा रहा है। खनन विभाग द्वारा कुल 23 लाख 47 हजार रूपया की फाइन वसूल किया गया है।


नीमचकबथानी अनुमंडल में आगामी 22 जुलाई को आयोजित होगा जिला स्तरीय जनता दरबार

गया : आमजनों के समस्याओं के निराकरण हेतु समाहरणालय, गया अन्तर्गत प्रत्येक शुक्रवार को जनता दरबार कार्यक्रम आहूत की जाती है, जिसमें दूर-दूर से आमजन अपनी समस्यओं को लेकर आते है। 

जनता के सुगमता को देखते हुए सरकार द्वारा चलाई जा रही महत्वपूर्ण योजनाओं का लाभ सभी सुयोग्य लोगों तक पहुँचाये जाने हेतु जनता दरबार कार्यक्रम का आयोजन अनुमण्डल स्तर पर किये जाने का निर्णय लिया गया है।

आगामी शुक्रवार दिनांक 22.07.2022 को पूर्वाह्न 11:00 बजे अनुमंडल कार्यालय, नीमचक बथानी मुख्यालय खिजरसराय में जनता दरबार का कार्यक्रम निर्धारित किया जाता है।     

डीएम गया ने अनुमण्डल पदाधिकारी, नीमचक बथानी को निदेश दिया है कि उक्त जनता दरबार में नीमचक बथानी अनुमण्डल के सभी प्रखंड स्तरीय एवं पंचायत स्तरीय तथा जिला स्तरीय पदाधिकारियों के साथ-साथ आम ग्रामीण जनता हेतु उचित/आवश्यक व्यवस्था अनुमण्डल परिसर में स्थल का चयन करते हुए करवाना सुनिश्चित करेंगे।

डीएम ने नीमचक बथानी अनुमंडल के ग्रामीणों/ व्यक्तियों से अपील किया है कि सरकार के विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं से वंचित अथवा किसी प्रकार की शिकायत रहने पर आप 22 जुलाई शुक्रवार के दिन अपने नजदीकी खिजरसराय में आयोजित जनता दरबार में आए, आप सभी के समस्याओं को सुनते हुए निराकरण करवाया जाएगा।

नई शिक्षा नीति के तहत FLN को बढ़ावा देने के लिए पांच दिवसीय कार्यशाला का आयोजन


गया के हरिदास सेमिनरी में बुनियादी साक्षरता एवं संख्या ज्ञान “चहक मॉड्यूल – एफ एल एन कार्यक्रम”  के अंतर्गत पांच दिवसीय गैर आवासीय प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन किया गया। 

उक्त कार्यशाला का शुभारंभ जिला कार्यक्रम पदाधिकारी प्रारंभिक शिक्षा एवं सर्व शिक्षा अभियान असगर आलम खान के द्वारा दीप प्रज्वलित कर किया गया।  

उक्त प्रशिक्षण में प्रखंड स्तरीय प्रशिक्षक को जिला स्तरीय मास्टर ट्रेनरो के द्वारा  FLN चहक  मॉड्यूल  पर विशेष रूप से प्रशिक्षण दिया जा रहा है! इस प्रशिक्षण में बोधगया डोभी बाराचट्टी मोहनपुर के प्रशिक्षु को फाउंडेशन लिटरेसी एंड नोमरेसी का प्रशिक्षण दिया जा रहा है। 

असगर आलम खां के द्वारा FLN पर विस्तृत रूप से प्रकाश डाला गया कि इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य बच्चों की आधारभूत शिक्षा को बढ़ावा देना है एवं शिक्षक सह प्रशिक्षक को अपने अपने संकुल स्तरीय प्रशिक्षण आयोजित करने का निर्देश दिया। 

उक्त प्रशिक्षण में  बबलू सिंह शिक्षा विभाग, रवि रंजन जिला प्रबंधक, केशव ज्योति पिरामल से प्रशिक्षण में आवश्यक सहयोग प्रदान कर रहे थे।


सामुदयिक संगठनों की दीदियों के माध्यम से सामुदयिक संगठन को ठीक किया जा सकता है उक्त बातें जिला परियोजना प्रबंधक मुकेश कुमार सासमल ने आंतरिक सहायता टीम की समीक्षा बैठक में जिला संभागीय प्रबंधकों एवं प्रखंड परियोजना प्रबंधकों से कही 

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वर्तमान स्थिति की समीक्षा

जीविका अंतर्गत सामुदायिक संगठनों वर्तमान स्थिति की समीक्षा के उदेश्य से हाल ही में गया के आठ प्रखंडों आमस, इमामगंज,बांके बाजार, गुरुआ, शेरघाटी, डोभी, बाराचट्टी एवं डुमरिया में आंतरिक सहायता टीम भेजी गई थी। इस टीम ने जीविका अंतर्गत संचालित विभिन्न स्वयं सहयता समूह, ग्राम संगठन एवं संकुल संघ में जाकर इनकी वर्तमान स्थिति को समझने का प्रयास किया। सामुदायिक संगठों के विषय में कई जानकारी पता लगी। कई समहू का लेखांकन एवं रीपेमेंट बेहतर पाया गया, पर कहीं सुधर की आवश्यकता भी महसूस हुई। इसमें सामुदायिक बैठकों का आयोजन, लोन रेपीमेंट, लीडर रोटेशन आदि जैसे विषय में सुधार की आवश्यकता महसूस की गई। लोन वापसी को ध्यान में रख लगतार प्रशिक्षण एवं मॉनिटरिंग की आवश्यकता महसूस की गई।

बैठक में कम से कम प्रति एक हज़ार पर पचास रुपया की वापसी हो यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया गया। जिन समूह में बुक्स ऑफ़ रिकॉर्ड नहीं वहाँ के खरीदारी की जरुरत के लिए निर्देश दिए गए। जहाँ प्रशिक्षण की आवश्यकता है वहाँ इसे सुनिश्चित करने का निर्देश दिया गया। जिला परियोजना प्रबंधक द्वारा टीम सदस्यों से विभिन्न प्रखंड में किए जा रहे प्रयास की जानकारी ली गई। सभी प्रबंधकों ने बैठक में अपने-अपने विचार रखे है। सभी ने स्वयं सहयता समूह एवं ग्राम संगठनों का पुनः क्षमतावर्धन की आवश्यकता महसूस की।

जिला परियोजना प्रबंधक द्वारा विभिन्न विषयों पर चर्चा करने हुए जीविका दीदियों को जीविकोपार्जन से जोड़ते हुए उनकी इनकम बढ़ने के लिए विभिन्न प्रयास करने की दिशा में कार्य करने को कहा गया। साथ ही प्रधानमंत्री आवास योजना में अधूरे बने घरों का निर्माण पूरा करने के लिए कार्य करने के लिए लोगों को प्रेरित करने को कहा गया। राशनकार्ड, नल जल, सामाजिक सुरक्षा योजना एवं बीमा से जुड़ाव, प्रधानमंत्री आवास योजना, टॉयलेट आदि में कन्वर्जेन्स की स्थिति के विषय मे भी कार्य कराने को कहा गया।


– AnjNewsMedia Presentation

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