Gaya DM Guideline : पेयजल व्यवस्था सुचारू रखने के उद्देश्य : डीएम

योजनाओं का स्थल निरीक्षण अनिवार्य 


गया : समाहरणालय सभगार में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से जिला पदाधिकारी, गया डॉ० त्यागराजन एसएम द्वारा ज़िले के सभी टोलो में पेयजल व्यवस्था सुचारू रखने के उद्देश्य से सभी प्रखंड विकास पदाधिकारी तथा प्रखंड पंचायत राज पदाधिकारी के साथ बैठक कर स्पष्ट निर्देश दिया की प्रत्येक दिन कम से कम 4 योजनाओं का स्थल निरीक्षण अनिवार्य रूप से करना सुनिश्चित करे। साथ ही उन्होंने सभी प्रखंड विकास पदाधिकारी को निर्देश दिया कि तकनीकी सहायक की मदद से हर दिन अपने क्षेत्र में पानी की समस्याओं की जानकारी लेते रहें।
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         बैठक में प्रखंड के वरीय पदाधिकारियों द्वारा बताया गया कि कुछ वार्डों में स्टार्टर तथा मोटर खराब होने के कारण पेयजल अवरुद्ध होने की सूचना मिली है। जिला पदाधिकारी ने निर्देश दिया की छोटी-छोटी समस्याओं के कारण यदि किसी टोले में अब तक पेयजल आपूर्ति बंद है, उसे चिन्हित करते हुए तेजी से मरम्मती का काम करवाएं और पेयजल व्यवस्था सुचारू करावे।

         

        प्रखंडों के वरीय पदाधिकारियों द्वारा बताया गया कि सड़क निर्माण होने के दौरान कुछ नल जल योजना की पाइप क्षतिग्रस्त हुई है, जिसके कारण जलापूर्ति बंद है। जिला पदाधिकारी ने निर्देश दिया की संबंधित नल जल योजना का स्थान तथा संबंधित पंचायत में निर्माणाधीन सड़क के संबंध में प्रतिवेदन उपलब्ध कराएं ताकि पथ निर्माण विभाग से समन्वय स्थापित करते हुए नल जल योजना की मरम्मती कराई जा सके।

        

        इसके उपरांत उन्होंने सभी प्रखंड विकास पदाधिकारी को सख्त हिदायत दिया कि आवास योजना में किसी प्रकार का बिचौलिया का हस्तक्षेप नहीं किया जाए, इसे सुनिश्चित कराएं। यदि किसी प्रखंड में आवास योजना के पात्र लाभुकों को योजना का लाभ देने के क्रम में यदि अवैध तरीके से पैसे की मांग की जाती है, तो उनके विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज करावे। साथ ही उन्होंने संबंधित प्रखंड विकास पदाधिकारी को निर्देश दिया कि पूर्व में आवास सहायकों के विरुद्ध किए गए प्राथमिकी दर्ज का प्रतिवेदन उपलब्ध करावे ताकि संबंधित आवास सहायकों पर कारवाई की जा सके।

बढ़ती तपिश में हीटवेब : अस्पताल प्रशासन की ओर से विशेष तैयारी 

■ *हीटवेब से पीड़ित मरीजों के इलाज हेतु मगध मेडिकल द्वारा किया गया पुख्ता इंतजाम*

■ *हीटवेब से पीड़ित 1-1 मरीजों को चैलेंज के रूप में किया जाएगा इलाज*

■ *वर्तमान वर्ष में अब तक हीटवेव से ग्रसित एक भी मामले नहीं आए हैं*

       बढ़ती तपिश में हीटवेब की संभावना अधिक बढ़ गयी है। इसको देखते हुए अस्पतालों में विशेष तैयार की गयी है। मरीजों वाले वार्डों में गर्मी से निबटने को लेकर अस्पताल प्रशासन की ओर से खासा ख्याल रखा जा रहा है।  मरीजो की सुविधा हेतु शहर के प्रभावती, जेपीएन व मगध मेडिकल अस्पताल के वार्डों में कूलर की व्यवस्था की गयी है। 

      पीएचसी से लेकर जिला के अस्पतालों में हिट वेव के लिए बेड को सुरक्षित रखा गया है। इन बेडों पर कूलर एवं अन्य सुविधाएं लगाये गये हैं। 

       मगध मेडिकल अधीक्षक डॉ पीके अग्रवाल ने बताया कि अस्पताल में हिट वेव के मरीजों की संभावना को देखते हुए इमरजेंसी के ऊपरी तल्ले को रिजर्व रखा गया है ताकि, यहां हिट वेव के मरीजों को भर्ती किया जा सके। इसके साथ ही पूरे डॉक्टर व स्टाफ के टीम को अलर्ट मोड में रहने का निर्देश दिया गया है. सामान्य वार्डों में भी जरूरत के अनुसार, गर्मी से निबटने के लिए कूलर लगाये जा रहे हैं. उन्होंने बताया कि भीषण गर्मी के प्रकोप से जनजीवन अस्तव्यस्त है. इस मौसम में लू लगना स्वास्थ्य समस्या बन जाती है. लू से निबटने के लिए सही प्रबंध नहीं होने पर यह स्थिति गंभीर हो जाती और इससे जान को भी खतरा रहता है. गर्मी के मौसम में शिशु और छोटी उम्र के बच्चों व बुजुर्ग का बहुत अधिक ध्यान रखने की जरूरत होती है. लू से बचाव के लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा विभिन्न जानकारियां दी जा रही हैं. इनमें लू लगने के लक्षण तथा इससे बचाव संबंधित आवश्यक जानकारी आमलोगों के साथ साझा किया गया है. बच्चों व बुजुर्ग को लू लगने बचाना बेहद जरूरी है. पांच साल से कम उम्र के बच्चों को पसीना कम निकलता और वे जल्दी गर्म वातावरण के अभ्यस्त नहीं हो पाते. इसलिए लंबे समय तक धूप में रहने से बच्चे बीमार पड़ सकते हैं. डॉ अग्रवाल ने बताया कि लू से बचाव के लिए ऐसे हर किसी को सतर्क रहने की जरूरत है। 

       हीटवेव से ग्रसित मरीजों को बेहतर इलाज के लिए *25 बेड सुरक्षित रखे गए हैं जिनमें 15 बेड आईसीयू* तथा 10 बेड मिनी आईसीयू के हैं। 15 बेड पर सेंट्रलाइज ऑक्सीजन गैस पाइपलाइन के साथ वेंटीलेटर फैसिलिटी दी गई है। उन्होंने बताया कि *हीटवेव की संभावना को देखते हुए मगध मेडिकल अस्पताल अवस्थित m.c.h. भवन को पूर्णता खाली रखा गया है* ताकि किसी भी विपरीत स्थिति में चैलेंज के रूप में मरीजों का उपचार किया जा सके।

       *मगध मेडिकल अस्पताल में शीतल एवं शुद्ध पेयजल की पर्याप्त व्यवस्थाएं रखी गई है,* जिनमें आकस्मिकी भवन में 4 जगहों पर वाटर कूलर की व्यवस्था है इसके साथ ही अन्य तीन जगहों पर भी शीतल जल की व्यवस्था रखी गई है।

       *उन्होंने बताया कि पिछले सप्ताह में इलाजरत मरीजों की संख्या निम्न प्रकार है:-*

       *02 मई 2022 को ओपीडी में 1015 तथा आईपीडी में 65 ईलाज किये गए हैं। उसी प्रकार 01 मई 2022 को आईपीडी में 65 मरीजो का ईलाज किया गया।* 30 अप्रैल 2022 को ओपीडी में 703 तथा आईपीडी में 63 ईलाज किये गए हैं।  29 अप्रैल को ओपीडी में 779 तथा आईपीडी में 102,  28 अप्रैल को ओपीडी में 716 तथा आईपीडी में 96, 27 अप्रैल को ओपीडी में 721 तथा आईपीडी में 83 मरीज इलाज करवाएं हैं।

         अधीक्षक द्वारा बताया गया कि मगध मेडिकल अस्पताल में बुखार तथा अन्य बीमारी के रोगी आए हैं, परंतु हीटवेव स्टॉक के कोई भी मरीज नहीं मिले हैं।

➖ Anjnewsmedia

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