Gaya DM- Pitru Paksha will start in the coming September : आने वाले सितंबर में पितृ पक्ष शुरू होगा

पितृपक्ष मेले का प्रशासनिक तैयारी जारी : डीएम 

गया : जिला पदाधिकारी डॉ० त्यागराजन एसएम की अध्यक्षता में पितृपक्ष मेला 2022 के सफल आयोजन हेतु स्वास्थ्य व्यवस्था, विद्युत एवं प्रकाश व्यवस्था, विधि व्यवस्था एवं खाद्य सामग्री आपूर्ति समिति कोषांग के पदाधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की गई।

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पितृपक्ष मेले की तैयारी का डीएम त्याग ने की समीक्षा 

डीएम त्यागराजन ने कहा कि इस वर्ष पितृपक्ष मेला का आयोजन 09 सितंबर से 25 सितंबर तक निर्धारित है।

उक्त पितृपक्ष मेला के सफल आयोजन के लिए विभिन्न अलग अलग कार्य समिति का गठन किया गया है। उक्त कार्य समिति के स्वास्थ्य व्यवस्था, विद्युत एवं प्रकाश व्यवस्था, विधि व्यवस्था एवं खाद्य सामग्री आपूर्ति के कार्यों की समीक्षा आज की गयी।

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विश्व प्रसिद्ध पितृपक्ष मेला को ध्यान में रखते हुए वुडको द्वारा जलापूर्ति योजना हेतु विष्णुपद क्षेत्र सहित जिले के विभिन्न स्थानों पर पाइप बिछाने हेतु काटे गए सड़कों को जिला पदाधिकारी डॉ० त्यागराजन एसएम के पहल से तेजी से सड़को को रिस्टोर करवाया गया ताकि पितृपक्ष मेला के पहले सभी सड़कें बिल्कुल फंक्शनल रहे। यात्रियों को किसी प्रकार की कोई असुविधा ना हो इसके लिए जिला प्रशासन द्वारा हर तरह की मुकम्मल व्यवस्था करवाने हेतु अग्रसारित है।

उन्होंने विशेष रूप से अक्षय वट, बाईपास, समीर तकिया, दुर्गा स्थान, चांद चौरा, रामसागर तालाब इत्यादि सड़कों पर काफी गंभीरता से जिला पदाधिकारी ने बुडको एवं आरसीडी विभाग को बार बार चेतावनी देते हुए सड़कों को तेजी से रिस्टोर करवाया ताकि यात्री सुगमता से विष्णुपद मंदिर जा सके।

स्वास्थ्य सुविधा कोषांग के समीक्षा के दौरान डीपीएम स्वास्थ्य द्वारा बताया गया कि पितृपक्ष मेला के अवसर पर कुल 41 स्थानों पर अस्थाई/ स्थाई स्वास्थ्य शिविर लगाए जाते हैं तथा चिकित्सा व्यवस्था निर्वाध रूप से रखी जाती है।

उन्होंने बताया कि विष्णुपद मंदिर पार्क के निकट, रेलवे स्टेशन, खेल परिसर तथा निगमा धर्मशाला बोधगया में 24 घंटे स्वास्थ्य शिविर कार्यरत रहता है। इसके साथ ही मेला क्षेत्र के कुल 15 जगहों पर सुबह 6:00 बजे से संध्या 6:00 बजे तक स्वास्थ्य शिविर कार्यरत रहता है। इसके साथ ही 22 आवासन स्थलों के समीप दोपहर 2:00 बजे से रात्रि 8:00 बजे तक चिकित्सीय सुविधा हेतु शिविर कार्यरत रहता है।

उन्होंने यह भी कहा कि यात्रियों की चिकित्सीय सुविधा हेतु संक्रामक रोग अस्पताल में 20 बेड, जयप्रकाश नारायण अस्पताल में 10 बेड, प्रभावती अस्पताल में 10, अनुग्रह नारायण मगध मेडिकल अस्पताल में 10 तथा एम्स प्राइवेट अस्पताल में 10 बेड सुरक्षित रखा जाता है। उन्होंने कहा कि मेला क्षेत्र में कुल 10 एंबुलेंस को एक्टिव मोड में रखा जाता है। यदि कहीं से किसी पिंडदानी की तबियत खराब की सूचना मिलती है तो उसे त्वरित गति से एंबुलेंस के माध्यम से अस्पताल में भर्ती कराया जाता है। पितृपक्ष मेला के दौरान सभी चिकित्सीय शिविर के साथ-साथ सभी अस्पतालों में आवश्यक दवाओं के साथ-साथ सभी प्रकार की जीवन रक्षक दवाएं उपलब्ध रखी जाएगी।

जिला पदाधिकारी ने कहां की पितृपक्ष मेला के दौरान यात्रियों को फ्रेश एवं सही गुणवत्ता वाली खाना मिले इसके लिए फूड इंस्पेक्टर निरंतर रूप से खाद्य पदार्थों का जांच करते रहेंगे।

उन्होंने फूड इंस्पेक्टर को सख्त हिदायत दिया कि पितृपक्ष मेला अवधि में फूड प्वाइजनिंग की शिकायत नहीं मिलनी चाहिए इसके लिए आवश्यक जरूरी मापदंड को अपनाते हुए कार्य करें।

उन्होंने सिविल सर्जन को निर्देश दिया कि पितृपक्ष मेला के दौरान जिले में अतिरिक्त फूड इंस्पेक्टर की प्रतिनियुक्ति हेतु विभाग स्तर पर पत्र प्रेषित करें ताकि जिले में कम से कम 5 फूड इंस्पेक्टर मिल सके।

जिला पदाधिकारी ने डीपीएम स्वास्थ्य को सख्त हिदायत दिया कि पितृपक्ष मेला अवधि के दौरान मेला क्षेत्र में निरंतर रूप से ब्लीचिंग पाउडर का छिड़काव तथा चुना का छिड़काव होते रहे, इसके लिए पर्याप्त ब्लीचिंग पाउडर तथा चुना की आपूर्ति रखें साथ ही उन्होंने नगर आयुक्त को निर्देश दिया कि ब्लीचिंग पाउडर तथा चुना के छिड़काव के मॉनिटरिंग हेतु एक पदाधिकारी या कर्मी की प्रतिनियुक्ति रखें ताकि वह ब्लीचिंग पाउडर छिड़काव की जानकारी देते रहें।

बैठक में जिला पदाधिकारी ने नगर आयुक्त तथा प्रभारी पदाधिकारी जिला पर्यटन शाखा को निर्देश दिया कि मेला क्षेत्र के जितने भी वेदियां  एवं अक्षयवट, सीता कुंड हैं, उन सभी स्थानों को रंगाई पुताई की कार्य तेजी से करावे।

उन्होंने कहा कि मेला क्षेत्र में नाला के ऊपर ढक्कन का निर्माण, यदि कहीं सीढ़ी की आवश्यकता है तो सीढ़ी का निर्माण, टूटा हुआ टाइल्स, नालों की सफाई इत्यादि कार्य 1 सप्ताह के अंदर कार्य प्रारंभ करना सुनिश्चित करे। 

उन्होंने सभी कोषांगों के नोडल पदाधिकारी एवं वरीय पदाधिकारी को स्पष्ट निर्देश दिया है कि अपने अपने कोषांगों के अंतर्गत दिए गए विभिन्न कार्यों को 1 सप्ताह के अंदर प्रारंभ करना सुनिश्चित करें। 

विद्युत एवं प्रकाश व्यवस्था कोषांग के समीक्षा के दौरान नगर निगम के स्ट्रीट लाइट कंपनी ईईएसएल के अभियंता द्वारा बताया गया कि मेला क्षेत्र में कुल 184 स्ट्रीट लाइट खराब है, जिन्हें मरम्मत किया जा रहा है। जिला पदाधिकारी ने बिजली विभाग तथा ईईएसएल आपस में समन्वय रखते हुए सभी स्ट्रीट लाइट 15 अगस्त तक चालू करवाने का निर्देश दिए।

विधि व्यवस्था कोषांग के समीक्षा के दौरान जिला पदाधिकारी ने अनुमंडल पदाधिकारी सदर तथा अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी को स्पष्ट निर्देश दिया कि मेला क्षेत्र में अतिक्रमण के विरुद्ध अतिक्रमण वाद चलाते हुए अतिक्रमण हटवाना सुनिश्चित करे।

मेला क्षेत्र में सीसीटीवी संस्थापन के समीक्षा के दौरान जिला नजारत उप समाहर्ता द्वारा बताया गया कि विगत वर्ष कुल 82 प्वाइंट्स पर लगभग 222 कैमरे स्थापित किए गए थे। जिला पदाधिकारी ने अनुमंडल पदाधिकारी तथा मेला क्षेत्र के संबंधित थाना अध्यक्ष को निर्देश दिया कि इन पॉइंट के अतिरिक्त यदि अतिरिक्त सीसीटीवी कैमरे की आवश्यकता है तो उसका प्रस्ताव 2 दिनों के अंदर नजारत उप समाहर्ता को उपलब्ध करवाना सुनिश्चित करें।

खाद्य सामग्री एवं आपूर्ति कोषांग के समीक्षा के दौरान उन्होंने अनुमंडल पदाधिकारी तथा जिला आपूर्ति पदाधिकारी को निर्देश दिया कि खाद्य सामग्री यथा आटा चावल आलू सहित अन्य चीजों का दर निर्धारण करना सुनिश्चित करें ताकि पितृपक्ष मेला अवधि में देश-विदेश से आने वाले तीर्थ यात्रियों को निर्धारित दर से अधिक दर पर खाद्य सामग्री ना मिले तथा कालाबाजारी पर नियंत्रण रखा जा सके।

बैठक में जिला पदाधिकारी ने बिजली विभाग के अभियंता को निर्देश दिया कि श्रावणी मेला के तर्ज पर पितृपक्ष मेला क्षेत्र में बिजली के जर्जर तारों, बिजली के इलेक्ट्रिक पोल को प्लास्टिक से कवर करवाएं ताकि किसी भी व्यक्ति को करंट या बिजली से कोई घात न पहुंचे। उन्होंने कहा कि जरूरत पड़े तो बिजली पोल के खंभों में डेंजर लिखा हुआ साइन बोर्ड भी लगावे ताकि यात्री दूर से ही पढ़ कर समझ सके।


– AnjNewsMedia 

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