मामलों को गंभीरतापूर्वक सुने डीएम त्याग
लापरवाही करने वाले पदाधिकारियों एवं कर्मियों पर आपदा अधिनियम के सुसंगत धाराओं के तहत करें मामला दर्ज : डीएम
गया: ज़िला पदाधिकारी, गया डॉ० त्यागराजन एसएम द्वारा जनता दरबार में आए हुए करीब 500 व्यक्तियों के मामले यथा भूमि विवाद, राशन कार्ड, दाखिल खारिज, वृद्धा पेंशन, संपत्ति बंटवारा, किसान फसल क्षति, अनुकंपा पर नौकरी, भूमि अधिग्रहण का मुआवजा, सहारा कंपनी से पैसा निकासी, राजस्व कर्मचारी द्वारा कार्य में लापरवाही करने, भूदान के जमीन को कब्जा दिलवाने, किसानों से धान खरीदने, सहित अन्य मामलों को गंभीरतापूर्वक सुनते हुए संबंधित पदाधिकारियों को प्राप्त आवेदनों को जांच यथाशीघ्र कराते हुए जांच प्रतिवेदन उपलब्ध कराने का निर्देश दिया।
मामलों को सुनते डीएम त्यागराजन |
Gaya DM’s guideline.
गया शहरी क्षेत्र के एपी कॉलोनी के आवदेक द्वारा भू माफियाओं द्वारा कब्रिस्तान की भूमि को जबरन कब्जा कर रहे हैं। जिला पदाधिकारी ने अनुमंडल पदाधिकारी, सदर को उक्त मामले पर त्वरित गति से जांच करने का निर्देश दिया।
जनता दरबार में आवेदकों के मामलों को सुनते डीएम त्याग |
बोधगया मुचारिम के आवदेक ने बताया कि वह अपना निजी जमीन जिसका 2019- 20 तक जमीन का रसीद कटवा चुके हैं उसके बावजूद भी उनके खतियान डिमांड के साथ छेड़छाड़ किया जा रहा है तथा कागजात से नाम को हटाया जा रहा है। जिला पदाधिकारी ने मामले को गंभीरता से लेते हुए भूमि सुधार उप समाहर्ता, शेरघाटी को संबंधित मामलों को गहनतापूर्वक जांच करने का निर्देश दिया।
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आमस प्रखंड के बड़की चिलमी पंचायत के ग्रामीणों द्वारा बताया गया कि उन्होंने सहकारिता विभाग को 3880 क्विंटल धान पैक्स में बेचा था परंतु उसका भुगतान अब तक लंबित है। जिला पदाधिकारी ने जिला सहकारिता पदाधिकारी को संबंधित मामलों को जांच करते हुए भुगतान कराने का सख्त हिदायत दिया।
कोरोना से मृत्यु के उपरांत मुआवजा राशि के संबंध में कई मामला सामने आए, जिसपर जिला पदाधिकारी ने प्रभारी पदाधिकारी जिला आपदा को सभी मामलों की जांच करते हुए अनुदान की राशि उपलब्ध कराने का निर्देश दिए।
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गुरारू अंचल के आवदेक द्वारा बताया गया कि वज्रपात से मृत्यु के उपरांत अबतक किसी प्रकार की कोई अनुदान राशि उपलब्ध नहीं कराई गई है, जिस पर जिला पदाधिकारी ने तत्काल अनुदान राशि उपलब्ध कराने का निर्देश दिया।
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करमौनी भलुआ के अपीलार्थी द्वारा बताया गया कि वर्ष 2019 में तालाब में डूबने के दौरान उनके बच्चे की मृत्यु हो गई, परंतु अबतक सहायता राशि प्राप्त नहीं हुआ है। जिला पदाधिकारी ने अविलंब संबंधित व्यक्ति को अनुदान की राशि उपलब्ध कराने का निर्देश दिया।
इसके उपरांत अनेकों मामलों को जिला पदाधिकारी ने सुनकर संबंधित पदाधिकारियों को अग्रेसर कार्रवाई हेतु निर्देशित किया। उन्होंने सभी पदाधिकारियों को निर्देश दिया कि जनता दरबार में आने वाले व्यक्तियों की समस्या को सुनकर प्राथमिकता स्तर पर निष्पादित करें।
वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में डीएम त्याग |
गर्मी के मौसम में जलापूर्ति
आगामी गर्मी के मौसम में जलापूर्ति को सुचारू रूप से संचालित रखने के उद्देश्य से जिला पदाधिकारी, गया डॉ० त्यागराजन एसएम ने सभी अनुमंडल पदाधिकारी, प्रखंड विकास पदाधिकारी तथा लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग के अभियंताओं के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से समीक्षा बैठक की गई।
बैठक में जिलाधिकारी ने कहा कि आगामी गर्मी के मौसम के पूर्व ही सभी प्रखंडो में जल आपूर्ति से संबंधित सभी व्यवस्थाओं को दुरुस्त करें ताकि किसी भी व्यक्ति को जल संकट से जूझना न पड़े।
जिला पदाधिकारी ने कार्यपालक अभियंता, लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग, गया को निर्देश दिया कि प्रखंड के सभी टोलों में चापाकल सर्वेक्षण हेतु प्रपत्र का निर्माण करें, जिसमें प्रखंड, पंचायत, वार्ड संख्या, ग्राम, निकटवर्ती स्थल का नाम तथा किस प्रकार के चापाकल हैं, आदि से संबंधित जानकारियां प्रपत्र में लिखा रहे। साथ ही उक्त प्रपत्र को सभी प्रखंड विकास पदाधिकारियों के साथ साझा करते हुए 7 दिनों के अंदर चापाकलों के सर्वेक्षण का कार्य पूर्ण करावे। उन्होंने महादलित टोला में चापाकलो का सर्वेक्षण विकास मित्र के माध्यम से कराने का निदेश दिया। उन्होंने कहा कि चापाकल का सर्वेक्षण पूरी गुणवत्ता के साथ करवाना सुनिश्चित करें।
कार्यपालक अभियंता, पीएचईडी द्वारा बताया गया कि गया जिले में लगभग 42,000 चापाकल है, जिनमें 35000 चापाकल का जियो टैग रिपोर्ट प्राप्त है। बताया गया कि डुमरिया, बांकेबाजार, वजीरगंज, इमामगंज एवं मोहड़ा में गर्मी के मौसम में जलस्तर काफी नीचे जाने के कारण पानी की अत्याधिक समस्या सामने आती है। लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण के पास कुल 54 पानी टैंकर उपलब्ध है, सभी पानी टैंकर चालू अवस्था में है।
जिला पदाधिकारी ने अत्याधिक प्रभावित वाले क्षेत्रों में मोटरयुक्त स्टैंड पोस्ट लगवाने का सुझाव दिया ताकि अत्याधिक गर्मी पड़ने पर लोगों को आसानी से पानी मुहैया कराया जा सके। उन्होंने कहा कि सभी प्रखंडों में खराब चापाकल की मरम्मती का कार्य तेजी से करवाना सुनिश्चित करें।
समीक्षा के दौरान कार्यपालक अभियंता, पीएचईडी ने बताया कि गया जिला का औसतन वाटर टेबल 21.81 फिट है।
गया जिला में पेयजल की समस्या से निजात हेतु जिला पदाधिकारी ने कहा कि सभी प्रखंड विकास पदाधिकारी आपदा के तर्ज पर विशेष बल देते हुए कार्य करें।
उन्होंने कहा कि सचिव, लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग द्वारा निर्देश प्राप्त है कि सभी वार्डो का चालू चापाकल, बंद चापाकल या बहुत दिनों से बंद चापाकल (अक्रियाशील) चापाकलो का सर्वेक्षण कार्य शत प्रतिशत किया जाना है। सरकार द्वारा जो भी दिशा निर्देश मिलते हैं, उसका शत-प्रतिशत अनुपालन करें।
लापरवाही करने वाले पदाधिकारियों एवं कर्मियों पर आपदा अधिनियम के सुसंगत धाराओं के तहत करें मामला दर्ज। उन्होंने सभी प्रखंड विकास पदाधिकारी को कहा कि चापाकल सर्वेक्षण के कार्य हेतु आवास सहायक, पीआरएस एवं अन्य कर्मियों को लगाते हुए प्रतिवेदन उपलब्ध करवाना सुनिश्चित करें।
उन्होंने सभी अनुमंडल पदाधिकारी को निर्देश दिया कि अपने क्षेत्र के प्रखंड विकास पदाधिकारी एवं कनीय अभियंता के साथ बैठक कर सर्वेक्षण कार्य में प्रगति लावे।
नल जल योजना के समीक्षा के दौरान जिला पदाधिकारी ने सभी प्रखंड विकास पदाधिकारी को निर्देश दिया कि अपने प्रखंड में तकनीकी सहायकों से वार्डवार आईओटी डिवाइस के चालू स्थिति का जांच करवा लें। आईओटी डिवाइस के माध्यम से ही नल जल योजना का सेंट्रलाइज मॉनिटरिंग किया जा सकता है।
उन्होंने कार्यपालक अभियंता, पीएचईडी को निर्देश दिया कि यदि कहीं स्टार्टर, पानी लीकेज, पाइप खराब इत्यादि छोटे-छोटे समस्याएं सामने मिलती हैं, तो उसे त्वरित निष्पादन करते हुए उक्त वार्डों में पेयजल आपूर्ति करवाना सुनिश्चित करें।
वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में उप विकास आयुक्त श्री सुमन कुमार, निदेशक डीआरडीए श्री संतोष कुमार, अपर समाहर्ता श्री मनोज कुमार, कार्यपालक अभियंता पीएचईडी, जिला जनसंपर्क पदाधिकारी सहित अन्य संबंधित पदाधिकारी उपस्थित थे।
कौशल्य रथ को हरी झंडी दिखाकर रवाना किये डीएम त्यागराजन |
कौशल्य रथ
गया जिलाधिकारी त्यागराजन एस.एम. द्वारा हरी झंड़ी दिखाकर छः कौशल्य रथ को प्रखण्डों के लिए रवाना किया। कौशल्य रथ को भेजने का उद्देश्य जीविका के माध्यम से दीनदयाल उपाध्याय ग्रामीण योजना के योजना के प्रचार-प्रसार करना तथा ग्रामीण युवाओं को रोजगार से जुड़ने के लिए जानकारी देना है।
नीरा से आजीविका संवर्धन पर समीक्षा
ज़िला पदाधिकारी, गया डॉ० त्यागराजन एसएम की अध्यक्षता गया में नीरा से आजीविका संवर्धन विषय पर समीक्षा बैठक का आयोजन किया गया। बैठक में नीरा उत्पादन एवं बिक्री के विषय पर जोर देते हुए कहा कि ‘यह ध्यान देने की जरूरत है कि नीरा फर्मेंटेशन(खमीरीकरण) से खराब होकर ताड़ी बन जाता है, इसलिए जहाँ भी नीरा का उत्पादन एवं बिक्री हो वहाँ उसे शीत भंडारण किया जाए। साथ ही पी एच मीटर (ph meter) से समय-समय पर जाँच करने की जरूरत है कि नीरा ताड़ी में ना बदले।
डीपीएम जीविका ने बताया कि गया में अब तक 11 नीरा उत्पादन एवं बिक्री केन्द खोले जा चुके है। जिला पदाधिकारी ने डीपीएम जीविका को आगामी मंगलवार तक सभी प्रखण्डों में एक से दो बिक्री केंद खोलने के निर्देश दिये। साथ ही बचे हुए उत्पादक समूह का प्रशिक्षण कराने को कहा। उन्होंने कहा कि ज़िले में जीविका पारंपरिक रूप से ताड़ी का उत्पादन एवं बिक्री से जुड़े परिवारों का सर्वेक्षण किया गया है।
बैठक में डीपीएम जीविका ने नीरा के विषय में बताया कि नीरा एक बेहद लाभकारी प्राकृतिक पेय है जिसमें अनेक पोषक तत्व मौजूद होते हैं किन्तु इसे गुणों को प्रचारित करने की जरूरत है ताकि लोग इसे एक पोषक पेय के रूप में जान सकें।
बैठक में सभी प्रखंड परियोजना प्रबंधको एवं जिला स्तरीय प्रबंधको सहित अन्य पदाधिकारी उपस्थित थे।
गया स्वच्छ मिशन
● स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) फेज-2 के तहत गया जिले के 24 प्रखण्डों के 50 ग्राम पंचायतों को इस वित्तीय वर्ष 2021-22 में चयन किया गया।
● इस वित्तीय वर्ष चयनीत 50 ग्राम पंचायतों में ठोस एवं तरल अपशिष्ट प्रबंधन (SLWM) का कार्य शुरू किया जाना है, जिसे पंचायत/प्रखण्डों से अनुमोदनोपरात पंचायतों को राशि मो०-9,44,81,134 (नौ करोड़ चौआलिस लाख ईकासी हजार एक सौ चौतिस) रू० हस्तांतरित की गई है। पंचायतों में हस्तांतरित राशि खर्च का उपयोगिता (uc) प्राप्त होने के बाद शेष राशि पंचायतों को उपलब्ध करायी जाएगी।
● इस योजना को सफल बनाने के लिए मनरेगा, पंचायत राज विभाग एवं संबंधित विभाग से सहमति ली गई है।
● दिनांक 03.02.2022 को DwSC के बैठक में सभी 50 पंचायतों की कार्य योजना पर सभी माननीय सदस्यों की सहमति से पारित किया गया।
● इस योजना में कुल व्यय की राशि में 70% राशि स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण एवं शेष 30% राशि 15वीं वित्त /6th finance/ मनरेगा से देय होगा।
● इस योजना का मुख्य उदेश्य ग्रामीण क्षेत्रों को स्वच्छ सुंदर एवं समृद्ध गाँव की परिकल्पना को साकार करना एवं गाँव को कचरा से मुक्त कराना है।
● ग्रामीण विकास विभाग द्वारा 2024-25 तक जिले के सभी 320 ग्राम पंचायतों में इस योजना को शुरू करने का उद्देश्य है, जिसके अंतर्गत ग्रामीण क्षेत्रों में घर-घर कचड़ा उठाव किया जायेगा एवं पंचायतों के सभी घरों में डस्टबीन का वितरण किया जायेगा।
● इसके साथ-साथ वैसे घरों का भी चयन किया जायेगा, जिसमें किसी कारणवश शौचालय का निर्माण नहीं हो पाया है या भुगतान नहीं हो पाया है। फेज- 2 के अंतर्गत ऐसे शौचालय को चिन्हित कर इनका भुगतान करना सुनिश्चित किया जाना है।
● कचरा उठाव के लिए पंचायत स्तर पर एक ई-रिक्सा एवं हर एक वार्ड पर एक पैडल रिक्सा का क्रय किया जाना है।
● हर एक पंचायत पर एक स्वच्छता पर्यवेक्षक, एक ई-रिक्सा ड्राईवर एवं हर एक वार्ड पर अधिकतम दो स्वच्छता कर्मी की नियुक्ति की जानी है।
● कचरा संग्रहण करने के लिए पंचायत स्तर पर एक Waste Processing Unit तैयार किया जाना है, जहाँ कचरों का संग्रहण पृथ्कीकरण एवं उपचार किया जाना है।
● वार्ड स्तर पर जरूरत के हिसाब से धूसर जल प्रबंधन के लिए सामुदायिक सोख्ता एवं जंक्शन चैम्बर का निर्माण किया जाना है।
● पंचायत स्तर पर धूसर जल के पूर्ण निपटान के लिए एक Waste Stabilization Pond का निर्माण किया जा सकता है।
●प्रखण्ड स्तर पर P.W.M.U (Plastic Waste Management Unit) का निर्माण किया जाना है।