नगर निगम आयुक्त की बेहतरीन पहल सराहनीय
कर्मियों को कड़ाके की ठंड से बचाएगा शॉल- स्वेटर
शॉल और स्वेटर गरीब महिला सफाई कर्मियों का बना सहारा
गया नगर निगम के आयुक्त अभिलाषा शर्मा ने नगर के सफाई कर्मियों पर दी विशेष ध्यान उन्हें ठंड से बचाव के लिए भेंट की शॉल एवं स्वेटर महिला कर्मीगण हुईं खुश |
नगर निगम आयुक्त के इस पहल को काफी सराहा गया। उनकी जन उपयोगी सोच नगर निगम के महिला सफाई कर्मियों के लिए वरदान साबित हो रहा है। उन कर्मियों को प्रचंड ठंड से निजात दिलाएगी शॉल एवं स्वेटर।
नगर निगम आयुक्त अभिलाषा शर्मा ने नगर के सफाई कर्मियों को भेंट की गर्म कपड़ा उन्हें ठंड से दिलाएगा निजात |
जिसमे श्रीमती अभिलाषा शर्मा,भा. प्र.से., नगर आयुक्त, प्रफुल्लचंद्र यादव, उप नगर आयुक्त, श्रीमती हीरा कुमारी, उप नगर आयुक्त, शैलेंद्र कु सिंह नोडल पदाधिकारी सफाई, दिनकर प्रसाद, उप नोडल पदाधिकारी सफाई एवं अन्य कर्मचारीगण उपस्थित थे।
नगर निगम आयुक्त अभिलाषा शर्मा की सकारात्मक पहल |
उनके द्वारा कुल 418 महिला सफाई कर्मियों में से उपस्थित 367 महिला सफाई कर्मियों को स्वेटर एवं शॉल प्रदान किया गया। शेष 51 अनुपस्थित महिला कर्मियों का शॉल- स्वेटर स्टोर रूम में उन्हें देने हेतु सुरक्षित रखा गया है।
DM ने कड़ाके की ठंड का लिया जायजा |
ठंड में ठिठुरते अनेक लोगों को जिलाधिकारी ने ओढ़ाया कंबल।
जिलाधिकारी द्वारा ठंड से बचाव हेतु किये जा रहे कार्यों का लिया गया जायजा।
शीतलहर में पूरी सावधानी बरतें जिलेवासी।
गया जिलाधिकारी डॉक्टर त्यागराजन एसएम के नेतृत्व में जिला प्रशासन की पूरी टीम द्वारा ठंड से बचाव हेतु किये जा रहे कार्यों का जायजा लिया गया। इस क्रम में शहर के विभिन्न सार्वजनिक स्थानों सहित मुख्य चौक-चौराहों का भ्रमण किया गया।
DM ने रैन बसेरा का लिया जायजा |
इस अवसर पर नगर आयुक्त गया नगर निगम श्रीमती अभिलाषा शर्मा, सहायक निदेशक सामाजिक सुरक्षा दिवेश शर्मा, उप नगर आयुक्त गया नगर निगम सहित अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।
DM ने कड़ाके की ठंड के दौरान अलाव का लिया जायजा |
भ्रमण के क्रम में जिलाधिकारी द्वारा समुचित अलाव की व्यवस्था, रैन बसेरा का संचालन, जरूरतमंदों के बीच कंबल वितरण आदि की जानकारी उपस्थित अधिकारियों से ली गयी। जिलाधिकारी द्वारा ठंड से बचाव हेतु किये जा रहे उपायों पर संतोष प्रकट किया गया। साथ ही यह निर्देश भी दिया गया कि ठंड से बचाव हेतु किये जा रहे कार्य में किसी भी प्रकार की लापरवाही, कोताही नहीं बरती जाय, अन्यथा सख्त कार्रवाई की जाएगी।
DM ने कड़ाके की ठंड में गरीबों को बांटे कंबल |
इस दौरान जिलाधिकारी द्वारा गांधी मैदान के समीप रिक्शा चालकों, भिक्षुकों और अन्य जरूरतमंदों के बीच कंबल का वितरण किया एवं जल रे अलाव का जायजा लिया। अलाव के समीप बैठे व्यक्तियों से जानकारी लेने पर लोगों ने खुशी जाहिर करते हुए धन्यवाद दिया कि हम सभी असहाय व्यक्तियों के लिए अलाव की व्यवस्था प्रशासन द्वारा की गई है।
रैन बसेरा में सोए हुए मजदूर लोग |
इसके बाद सहायक निदेशक सामाजिक सुरक्षा को निर्देश दिया गया कि बोधगया महाबोधि मंदिर के समीप आज ही जाकर बुजुर्ग व्यक्तियों/ असहाय व्यक्तियों के बीच जरूरतमंदों को स्वयं कंबल बाटने का कार्य करे।
रैन बसेरा का DM ने किया निरीक्षण, देखी व्यवस्था |
जिलाधिकारी ने कहा कि गत एक सप्ताह से लगातार तापमान में भारी गिरावट देखी जा रही है। विभागीय दिशा-निर्देशों के अनुरूप जिला प्रशासन द्वारा ठंड से बचाव हेतु सभी व्यवस्थाएं की जा रही है। भीड़भाड़ वाले इलाकों में अलाव की व्यवस्था, लोगों के ठहरने के लिए रैन बसेरों की व्यवस्था के अलावा जरूरतमंदों के बीच युद्धस्तर पर कंबल का वितरण कराया जा रहा है।
कड़ाके की ठंड में DM ने गरीबों को बांटे कंबल |
उन्होंने सभी संबंधित अधिकारियों को निदेश दिया कि रात के समय भ्रमण कर जरूरतमंदों को ठंड से बचाव की सामग्री का वितरण किया जाय। किसी भी जगह से ठंड की वजह से किसी प्रकार की दुर्घटना होने की सूचना नहीं आनी चाहिए।
नगर निगम आयुक्त ने कड़ाके की ठंड में गरीबों को बांटी कंबल |
जिलाधिकारी द्वारा जिलेवासियों से ठंड में पूरी सावधानी बरतने को कहा गया है। साथ ही जरूरतमंदों के बीच कंबल वितरण, अलाव की व्यवस्था जनहित में कराने की अपील की गई है।
Pls Watch The DM Video :-
आत्मनिर्भर बनी संगीता की छोटी सी दुकान |
स्वरोजगार से आत्मनिर्भर बनी संगीता
दिव्यांगजनों के लिए बनी आदर्श
सतत् जीविकोपार्जन योजना के जरिये संगीता की जगी उम्मीद
नई राह बना ! रची इतिहास
गया : गया के इमामगंज प्रखंड के भवनडीह पंचायत के पसेवा गांव की संगीता देवी शारीरिक रूप से अक्षम होने के बाद भी अपने हौसले किसी से कम नहीं हैं।
आत्मनिर्भरता बनी मुस्कान ! दुकान बना जीवन- यापन का सहारा |
अपने परिवार की आर्थिक स्थिति सुधारने के लिए लगातार प्रयासरत हैं। इनके परिवार में छह लोगों हैं। वर्तमान में अपने घर पर श्रृंगार दुकान चला रही है। ग्राम संगठन के माध्यम से सतत् जीविकोपार्जन योजना के माध्यम से संगीता देवी को श्रृंगार का सामान दिलाकर दुकान खुलवाया गया है।
संगीता देवी का चयन देशी शराब की बिक्री से जुड़े परिवार के रूप में किया गया है। योजना से प्राप्त पूंजी में क्रमिक वृद्धि करते हुए संगीता देवी निर्धनता से आत्मनिर्भरता की ओर आगे बढ़ी हैं।
इन्हें सरकारी योजना जैसे- जन वितरण प्रणाली, सुरिक्षत आवास, स्वच्छ पेयजल, घर में शौचालय का उपयोग, आदि का लाभ भी उन्हें मिला है। इसी प्रकार कई बिंदुओं को ध्यान में रखते हुए उन्हें मिशन स्वावलंबन के तहत प्रमाण पत्र दिया गया है।
यह दीदी बताती है उनके पति अशोक पासवान मानसिक रूप से कमजोर है, जिसकी वजह से वह कोई काम नहीं कर पते। उन्हें ही परिवार का ध्यान रखना होता है।
पहले दीदी के परिवार का भरण पोषण उनके ससुर के द्वारा मजदूरी कर किया जाता था। मजदूरी करने के दौरान ससुर दुर्घटनाग्रस्त हो गए। उनके कमर में भारी चोट लग गई। जिसके कारण उनकी मजदूरी छूट गई। इस कारण परिवार की आर्थिक स्थिति बहुत खराब हो गई।
वैसे विपरीत परिस्थिति में परिवार की पूरी जिम्मेदारी संगीता दीदी के ऊपर आ गई थी। जिसके कारण मजबूरन उन्हें शराब बेचने का कार्य करना पड़ा था।
राज्य सरकार द्वारा शराबबंदी घोषित होने के बाद दीदी के परिवार की माली स्थिति बहुत बिगड़ गई थी। कमाई का कोई रास्ता नहीं दिख रहा था। परन्तु सतत् जीविकोपार्जन योजना के जरिये संगीता देवी को उम्मीद की किरण दिखी।
जो उनके लिए मददगार साबित हुआ। जिसके दम पर वे जीविकोपार्जन की नई राह बनाई।
अब उनका परिवार बेहद खुश है। और घर में खुशहाली की रौनक है।
संगीता देवी को ज्योति जीविका महिला ग्राम संगठन के माध्यम योजना के साथ जोड़ा गया। उन्हें श्रृंगार दुकान खोलने के लिए ग्राम संगठन के माध्यम से 20 हजार रुपए मूल्य का सामान दिया गया।
साथ ही योजना के माध्यम से सात माह तक एक हजार रुपए प्रति माह की दर से जीविकोपार्जन अंतराल राशि सीधे बैंक खाते में भेजी गई। परिवार को दैनिक खर्च के अलग से मासिक एक हजार रुपए मिले। जिससे दुकान की पूँजी बढ़ाने में मदद मिली।
बाद में इन्हें दुकान के संरचना निर्माण हेतु 10 हजार रुपए की विशेष निवेश राशि भी दी गई है। आज इस श्रृंगार दुकान के बदौलत संगीता दीदी अपने परिवार का भरण- पोषण कर रही है।
दीदी को नियमित तौर पर मास्टर संसाधन सेवी (एमआरपी) के द्वारा मार्गदर्शन सह सहयोग प्रदान कराया गया। आज दीदी ने अपने मूल श्रृंगार दुकान के साथ एक गुमटी बनवाकर किराना का कुछ सामान भी रखने लगी है।
गीता देवी अपने घर पर श्रृंगार का सामान बेचती है और उनके ससुर किराना दुकान (गुमटी) चलाने में दीदी को मदद करते हैं। वर्तमान में दुकान से 5 हजार से तक़रीबन 6 हजार रुपया मासिक आमदनी कर रही है।
संगीता देवी कुछ आमदनी बचाकर सिलाई मशीन भी खरीदी है, जिससे बचे हुए समय में कपड़ा सिलाई से भी कुछ आमदनी हो जाती है।
साथ ही इन्होनें बत्तख पालन भी आरंभ कर दिया है। अपने आत्मविश्वास और मेहनत की बदौलत दिव्यांग होते हुए अपने परिवार का भरण- पोषण कर रही हैं।
दीदी अपने दोनों बच्चो को अच्छी तरह से शिक्षा देना चाहती हैं, ताकि उनके बच्चे जीवन में कुछ अच्छा करें।
दुकान मिलने से संगीता देवी खुश है। वह कहती हैं जीविका में जुड़ने के बाद ही जीवन बदला। वह सभी जीविका दीदियों को धन्यवाद करती हैं।
– Anjnewsmedia Presentation