GAYA- Government’s priority is social reform : सरकार की प्राथमिकता है समाज सुधार

समाज सुधार के तहत जीविका दीदियों के साथ प्रमंडल स्तरीय घरेलू हिंसा संवेदीकरण

कार्यशाला का मंत्री ने किया शुभारंभ 


गया : समाज सुधार अभियान के तहत जीविका दीदियों के साथ प्रमंडल स्तरीय घरेलू हिंसा संवेदीकरण कार्यशाला का आयोजन किया गया।

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GAYA- Government's priority is social reform : सरकार की प्राथमिकता है समाज सुधार, AnjNewsMedia
कार्यक्रम का शुभारम्भ की ग्रामीण विकास मंत्री
साथ में हैं पदाधिकारीगण 

कार्यक्रम का शुभारम्भ मंत्री ग्रामीण विकास विभाग, बिहार श्रवण कुमार ने महिला एवं बाल विकास निगम की अध्यक्ष सह प्रबंध निदेशक हरजोत कौर बम्हारा, मगध प्रमंडल के आयुक्त मयंक वरवड़े, गया के जिला पदाधिकारी डॉ० त्यागराजन एस०एम०, निगम के परियोजना निदेशक अजय कुमार श्रीवास्तव , उप विकास आयुक्त विनोद दूहन की उपस्थिति में दीप प्रज्वलित  कर किया गया।

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कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मंत्री ग्रामीण विकास विभाग बिहार सरकार श्रवण कुमार ने कहा कि बिहार सरकार और मुख्यमंत्री की प्राथमिकता में समाज सुधार अभियान हैं। सरकार लड़कियों और महिलायों के बेहतरी के लिए प्रतिबद्ध है। घरेलू हिंसा को समाप्त करने के लिए पहले हमें उस कारण में जाना पड़ेगा। कारण कई है जैसे आर्थिक तंगी, शराब पीना, दहेज प्रथा और बाल विवाह के कारण भी घरेलू हिंसा होती है। 

इसको समाप्त करने के लिए हम सब को मिल कर कार्य करना होगा और इसमें आपसब जीविका दीदियों की भूमिका बहुत महत्वपूर्ण है। 2016 में मुख्यमन्त्री ने शराबबंदी कानून लागू किया।

शराबबंदी जब से बिहार में हुई है तब से महिला हिंसा में कमी आई है। गया जिले में इसमें काफी बेहतर कार्य हुआ है, गया जिले में 55 फीसदी की कमी हुई है। पूरे राज्य में भी 13 प्रतिशत की कमी हुई है।

बिहार महिलाओं के सशक्तिकरण में काफी कदम उठाये है, जैसे पंचायत और निकाय चुनाव में 50 प्रतिशत का आरक्षण दिया गया है जिसमें बिहार पहला राज्य है।

जब वे मुख्यमंत्री बने थे तब उन्होंने साइकिल योजना शुरू की उस समय एक लाख सतर बेटियां पढ़ती थी, अभी हाल में कोरोना से पहले हमने 9 लाख बेटियों को साइकिल योजना का लाभ दिया  था। आज हम सब यहाँ से संकल्प ले कर जायेंगे कि  समाज सुधार में हम सब मिल कर अपनी भूमिका निभाएं ।

महिला एवं बाल विकास निगम की अध्यक्ष सह प्रबंध निदेशक श्रीमती हरजोत कौर बम्हरा ने कहा कि समाज को सुधारना है तो तो महिलाओं को आगे बढ़ाना होगा।

हमें यह सोचना होगा कि समाज उन्हें कितना मूल्यवान समझता है। अगर समाज मानेगा कि महिलाएं लड़कियां मूल्यवान है तो समाज की बहुत सी कुरीतियां जैसे भ्रूण हत्या, बाल विवाह, दहेज प्रथा यह अपने आप समाप्त हो जाएगी। मुख्यमंत्री की अगुवाई में बिहार में महिलाओं के लिए जो काम किया गया है, वैसा कार्य और किसी राज्य में नहीं हुआ है।

आज आप उसका बहुत हद तक परिणाम देख सकते हैं। आज जब आप सड़कों पर घूमते हैं खासकर, पटना की सड़कों पर तो आप को अधिकतम महिला पुलिस दिखती है, विभिन्न सेवाओं में भी 35% आरक्षण दिया गया है जिसके कारण सेवाओं में महिलाओं की संख्या भी बढ़ी है।

मगध प्रमंडल के आयुक्त मयंक वरवड़े ने कहा कि घरेलू हिंसा कहां से शुरू होती है और घरेलू हिंसा का क्या दायरा है। घरेलू हिंसा जैसी सामाजिक कुरीतियां अभी भी हो रही है हालांकि अभी काफी हद तक कम हुआ है इसको कम करने के लिए प्रशासन पूर्ण रूप से प्रतिबद्ध है। आर्थिक रूप से जब महिलाएं और किशोरियां सशक्त होंगी तो घरेलू हिंसा अपने आप कम हो जाएगी।  

गया के जिला पदाधिकारी डॉ० त्यागराजन एस एम ने कहा कि जब भी बाल विवाह से सम्बंधित खबर प्राप्त होती है तो हम उसपर एक्शन लेते हैं। कन्या भ्रूण हत्या कानून को भी सख्ती से इंप्लीमेंट करा रही है। लड़कियों के साथ अब भी भेद भाव है जैसे पौष्टिक आहार ना दिया, उनका बाल विवाह किया जाना है, उनको पढ़ाई ना करने देना उन को आर्थिक सहायता ना देना इत्यादि समाज सुधार के तहत हमें इसको दूर करना है। 

गया की वरीय पुलिस अधीक्षक हरप्रीत कौर ने कहा कि महिलाओं के बारे में काफी कानून बने हैं पर सबसे जरुरी है आपका उसके बारे में जानकारी. कई बार महिलाओं को पता नहीं होता है उन्हें शिकायत  क्या करनी है और कहा करनी हैं. काननों के बारे में जागरूक होना आप  के लिए जरुरी है. कई बार महिलाये आर्थिक स्वतंत्रता नहीं होने के कारण भी घरेलू हिंसा को झेलती हैं। इनके बारे में हमें स्कूल कॉलेज में भी इस प्रकार के कार्यक्रम करने की जरुरत है। 

कार्यक्रम के तकनीकी सत्र के दौरान टाटा इंस्टिट्यूट ऑफ़ सोशल साइंस की सुश्री अनुप्रिया ने घरेलू हिंसा कानून पर विस्तृत प्रस्तुतिकरण दिया साथ ही उन्होंने कई घरेलू हिंसा के ऐसे उदाहरण भी दिए जिसे आमतौर पर घरेलू हिंसा के मामला ही नहीं मानते।  

सेंटर फॉर कैटलाइजिंग चेंज (C3) की ओर से अनामिका और गुंजन बिहारी ने जेंडर और सेक्स में अंतर के बार में बताया। कार्यक्रम में प्रमंडल के विभिन्न जिलों से लगभग 250 जीविका दीदियों ने भाग लिया।


– AnjNewsMedia Presentation 

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