Gaya Heat Wave : हीटवेब से पीड़ित मरीजों के इलाज की व्यवस्था

हीट वेब से पीड़ित 1-1 मरीजों को चैलेंज के रूप में किया जाएगा इलाज


वर्तमान वर्ष में अब तक हीटवेव से ग्रसित एक भी मामले नहीं आए हैं
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 गया : बढ़ती तपिश में हिट वेव की संभावना अधिक बढ़ गयी है। इसको देखते हुए अस्पतालों में विशेष तैयार की गयी है। मरीजों वाले वार्डों में गर्मी से निबटने को लेकर अस्पताल प्रशासन की ओर से खासा ख्याल रखा जा रहा है।  मरीजो की सुविधा हेतु शहर के प्रभावती, जेपीएन व मगध मेडिकल अस्पताल के वार्डों में कूलर की व्यवस्था की गयी है। 

      पीएचसी से लेकर जिला के अस्पतालों में हिट वेव के लिए बेड को सुरक्षित रखा गया है। इन बेडों पर कूलर एवं अन्य सुविधाएं लगाये गये हैं। 

       मगध मेडिकल अधीक्षक डॉ पीके अग्रवाल ने बताया कि अस्पताल में हिट वेव के मरीजों की संभावना को देखते हुए इमरजेंसी के ऊपरी तल्ले को रिजर्व रखा गया है ताकि, यहां हिट वेव के मरीजों को भर्ती किया जा सके। इसके साथ ही पूरे डॉक्टर व स्टाफ के टीम को अलर्ट मोड में रहने का निर्देश दिया गया है. सामान्य वार्डों में भी जरूरत के अनुसार, गर्मी से निबटने के लिए कूलर लगाये जा रहे हैं. उन्होंने बताया कि भीषण गर्मी के प्रकोप से जनजीवन अस्तव्यस्त है. इस मौसम में लू लगना स्वास्थ्य समस्या बन जाती है. लू से निबटने के लिए सही प्रबंध नहीं होने पर यह स्थिति गंभीर हो जाती और इससे जान को भी खतरा रहता है. गर्मी के मौसम में शिशु और छोटी उम्र के बच्चों व बुजुर्ग का बहुत अधिक ध्यान रखने की जरूरत होती है. लू से बचाव के लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा विभिन्न जानकारियां दी जा रही हैं. इनमें लू लगने के लक्षण तथा इससे बचाव संबंधित आवश्यक जानकारी आमलोगों के साथ साझा किया गया है. बच्चों व बुजुर्ग को लू लगने बचाना बेहद जरूरी है. पांच साल से कम उम्र के बच्चों को पसीना कम निकलता और वे जल्दी गर्म वातावरण के अभ्यस्त नहीं हो पाते. इसलिए लंबे समय तक धूप में रहने से बच्चे बीमार पड़ सकते हैं. डॉ अग्रवाल ने बताया कि लू से बचाव के लिए ऐसे हर किसी को सतर्क रहने की जरूरत है। 

       हीटवेव से ग्रसित मरीजों को बेहतर इलाज के लिए *25 बेड सुरक्षित रखे गए हैं जिनमें 15 बेड आईसीयू* तथा 10 बेड मिनी आईसीयू के हैं। 15 बेड पर सेंट्रलाइज ऑक्सीजन गैस पाइपलाइन के साथ वेंटीलेटर फैसिलिटी दी गई है। उन्होंने बताया कि *हीटवेव की संभावना को देखते हुए मगध मेडिकल अस्पताल अवस्थित m.c.h. भवन को पूर्णता खाली रखा गया है* ताकि किसी भी विपरीत स्थिति में चैलेंज के रूप में मरीजों का उपचार किया जा सके।

       *मगध मेडिकल अस्पताल में शीतल एवं शुद्ध पेयजल की पर्याप्त व्यवस्थाएं रखी गई है,* जिनमें आकस्मिकी भवन में 4 जगहों पर वाटर कूलर की व्यवस्था है इसके साथ ही अन्य तीन जगहों पर भी शीतल जल की व्यवस्था रखी गई है।

       *उन्होंने बताया कि पिछले सप्ताह में इलाजरत मरीजों की संख्या निम्न प्रकार है:-*

       30 अप्रैल 2022 को ओपीडी में 703 तथा आईपीडी में 63 ईलाज किये गए हैं। उसी प्रकार 29 अप्रैल को ओपीडी में 779 तथा आईपीडी में 102,  28 अप्रैल को ओपीडी में 716 तथा आईपीडी में 96, 27 अप्रैल को ओपीडी में 721 तथा आईपीडी में 83 मरीज इलाज करवाएं हैं।

         *अधीक्षक द्वारा बताया गया कि मगध मेडिकल अस्पताल में बुखार तथा अन्य बीमारी के रोगी आए हैं, परंतु हीटवेव स्टॉक के कोई भी मरीज नहीं मिले हैं।*

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