आंगनबाड़ी के बच्चों के सीखने की क्षमता का होगा अनुश्रवण
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कार्यशाला |
गया : बच्चों के पोषण व समुचित शारीरिक विकास के साथ उनके आसान तरीकों से सीखने की क्षमता को बढ़ावा देना महत्वपूर्ण है. जिला में बच्चों के बेहतर स्वास्थ्य और शिक्षा के लिए समेकित बाल विकास परियोजना विभाग द्वारा निरंतर प्रयास किये जा रहे हैं. इसमें बाल प्रखंड बाल विकास परियोजना अधिकारियों का नियति प्रशिक्षण भी शामिल है. इस क्रम में बुधवार को बोधगया के निजी होटल में सभी प्रखंडों के सीडीपीओ को प्रशिक्षण दिया गया. प्रशिक्षण सेव द चिल्ड्रेन संस्था द्वारा दिया गया. इस मौके पर जिला कार्यक्रम पदाधिकारी भारती प्रियमबदा तथा जिला समन्व्यक सबा सुलताना सहित सेव द चिल्ड्रेन की असिसटेंट मैनेजर गजाला शाहीन और प्रखंडों के सीडीपीओ मौजूद रहे.
जिला कार्यक्रम पदाधिकारी ने बताया कि सेव द चिल्ड्रेन संस्था की मदद से सभी प्रखंडों के सीडीपीओ का क्षमतावर्धन किया गया है. बैक टू बेसिक्स प्रोजेक्ट के तहत रेडी टू लर्न फाउंडेशनल लिट्रेसी एवं न्यूम्रेसी विषयक कार्यशाला का आयोजन बुधवार को किया गया. इस कार्यशाला की मदद से सीडीपीओ अपने प्रखंडों में आंगनबाड़ी पर आने वाले बच्चों में साक्षरता बढ़ाने और गणित जैसे विषयों को आसान बनाने के लिए काम करेंगी.
शुरूआती सीखने की क्षमता पर दिया गया प्रशिक्षण:-
कार्यशाला के दौरान बच्चों के लिए बनायी गयी नई शिक्षा नियमों पर भी चर्चा की गयी. बच्चों के चार प्रकार के विकास जिनमें मानसिक व शारीरिक विकास शामिल मुख्य हैं, चर्चा की गयी. बताया गया कि कार्यशाला का उद्देश्य सीडीपीओ के क्षमतावर्धन कर बच्चों के शिक्षा, खेलकूद, मनोरंजन और सांस्कृतिक क्रियाकलापों के माध्यम से उनके शारीरिक, मानसिक, सामाजिक और संवेदनात्मक विकास करना है. कार्यशाला के दौरान बच्चों के शुरूआती सीखने की क्षमता और विकास आदि पर जानकारी दी गयी.
आसपास के वातावरण का बच्चों पर पड़ता है प्रभाव:-
गजाला शाहीन ने कार्यशाला के दौरान बताया कि बच्चों के शुरूआती क्षण महत्वपूर्ण होते हैं जिसका असर उनके संपूर्ण जीवनकाल पर पड़ता है. जन्म के साथ ही शिशु के मस्तिष्क तेजी से विकसित होता है और उसका शारीरिक, मानसिक तथा भावनात्मक स्वास्थ्य, सीखने की क्षमता आसपास के वातावरण से प्रभावित होती है. बच्चों के शून्य से आठ साल तक होने तक उनकी नींव को बेहतर बनाने की जरूरत होती है. इसलिए प्रारंभिक बाल शिक्षा और विकास हर स्तर पर बच्चों के जीवन को बेहतर बनाने का काम करती हैं. कार्यशाला का उद्देश्य सभी छोटे बच्चों को उनका यह अधिकार सुनिश्चित कराना है.
बच्चों के सीखने की क्षमता को बेहतर बनाता है पोषण:-
इन सबके साथ बच्चों के उचित पोषण तथा इसमें उनके शारीरिक और मानसिक विकास पर भी चर्चा की गयी. बताया गया कि बच्चों के भरपूर देखभाल आवश्यक है और नियमित रूप से आंगनबाड़ी केंद्रों पर आने वाले बच्चों के स्वास्थ्य का अनुश्रवण किया जाना आवश्यक है. प्रारंभिक बाल विकास में पोषण एक महत्वपूर्ण तत्व है. और यह सभी प्रकार के विकास को प्रभावित करता है.
गया नगर निगम में कार्यक्रम |
सराहनीय कार्य
पितृपक्ष मेला 2022 के सफल आयोजन एवं दुर्गा पूजा, रावण वध एवं मूर्ति विसर्जन कार्य का सफलतापूर्वक आयोजन पूर्ण होने के उपलक्ष्य में इसमें सराहनीय कार्य करने वाले पदाधिकारी, कर्मचारी, एवं आउटसोर्स कम्पनी को प्रशस्ति पत्र प्रदान करने हेतु गया नगर निगम कार्यालय में कार्यक्रम का आयोजन किया गया|
पितृपक्ष मेला में इस बार रबड़ डैम के निर्माण हो जाने से नदी में पानी स्थिर रहने के कारण पिण्ड सामग्रियों को उसमें से लगातार निकालकर सफाई रखना एवं चुनौतीपूर्ण कार्य था, जिसे आउटसोर्स कम्पनी के सफाई कर्मियों द्वारा सफलतापूर्वक उक्त कार्य को किया गया | सम्पूर्ण मेला क्षेत्र की सफाई व्यवस्था सराहनीय रही| नगर निगम के सभी सफाई पर्यवेक्षक, मुख्य सफाई निरीक्षक, वार्ड निरीक्षको, नोडल पदाधिकारी, उप नोडल पदाधिकारी, भंडारपाल द्वारा भी सराहनीय कार्य किया गया है
रावणवध कार्यक्रम के अवसर पर गाँधी मैदान में नगर निगम द्वारा सम्पूर्ण रूप से सराहनीय प्रकाश व्यवस्था एवं सफाई व्यवस्था करायी गयी | गाँधी मैदान में पितृपक्ष मेला में टेंट सिटी का निर्माण कराया गया था एवं उसे हटाने पर गड्ढे हो गये थे जिसे निगम द्वारा समतलीकरण अच्छी सफाई व्यवस्था करायी गई| रुकमिनी तालाब में मूर्ति विसर्जन के अवसर पर तालाब की साफ – सफाई, प्रकाश की समुचित एवं पर्याप्त व्यवस्था एवं नियंत्रण कक्ष की स्थापना करायी गई|
उपरोक्त कार्यो के सफलतापूर्वक निर्वहन में सराहनीय योगदान हेतु, पदाधिकारी एवं कर्मचारीगण को श्रीमती अभिलाषा शर्मा, भा0प्र0से0, नगर आयुक्त,गया नगर निगम द्वारा प्रशंसा पत्र दिया गया|
– AnjNewsMedia Presentation