पितृपक्ष मेले की तैयारी की समीक्षा
इस बार तीर्थयात्री के लिए होगा
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100 सरकारी आवासन : डीएम
पितृपक्ष मेला 2022 की तैयारी की समीक्षा करते डीएम त्याग मेले को लेकर जिला प्रशासन सख्त |
गया : आगामी पितृपक्ष मेला 2022 के सफल आयोजन के अवसर पर जिला पदाधिकारी डॉ. त्यागराजन एसएम ने यातायात कोषांग तथा आवासन कोषांग को और तेजी से कार्य करने के संबंध में समीक्षा बैठक की गई। उन्होंने कहा कि पितृपक्ष मेला अवधि में आवासन कोषांग तथा परिवहन कोषांग की अहम भूमिका रहती है। इसलिए अभी से ही सभी तैयारियों को अभी सही सुसज्जित तरीके से करवाते रहें।
उन्होंने कहा कि पूर्व वर्ष की भांति इस वर्ष अधिक संख्या में तीर्थयात्री की आने की संभावना है इसलिए पूर्व में 51 सरकारी आवास स्थल चिन्हित किए जाते थे जो इस वर्ष लगभग दोगुना करते हुए 100 सरकारी आवासन स्थल चिन्हित करने का कार्य किया जा रहा है। सभी संबंधित आवासन स्थलों को वरीय उप समाहर्ता द्वारा टीम बनाकर फिजिकल वेरिफिकेशन कराया जाएगा जिसमें पेयजल की व्यवस्था, शौचालय, बिजली की व्यवस्था इत्यादि बिंदुओं पर प्राथमिकता रहेगी। फिजिकल वेरीफिकेशन के दौरान यदि कुछ खामियां रहने पर तुरंत संबंधित अभियंता तथा पदाधिकारी द्वारा मरम्मत करवाने का कार्य किया जाएगा।
समीक्षा बैठक में उन्होंने कहा कि प्राइवेट घर तथा धर्मशाला जहां तीर्थयात्री को विभिन्न पंडा समाज द्वारा तीर्थ यात्रियों को ठहराते हैं, उन सभी स्थलों का भी फिजिकल वेरिफिकेशन करवाने का निर्देश दिया। साथी उन्होंने अस्पष्ट निर्देश दिया कि किसी तीर्थ यात्रियों को किसी प्रकार का कोई परेशानी ना हो इसके लिए अभी सही आवासन स्थल का दर निर्धारण किया जाए ताकि निर्धारित दर से अधिक पैसा किसी भी तीर्थ यात्री से न लिया जा सके।
उन्होंने कहा कि आवासन स्थल से संबंधित सभी जानकारियां पदाधिकारियों का दूरभाष संख्या होटल का नाम धर्मशाला का नाम इत्यादि जिले के वेबसाइट तथा गूगल प्ले स्टोर के एप पर अपलोड करावें ताकि तीर्थ यात्रियों को जानकारी आसानी से मिल सके।
समीक्षा बैठक में जिला पदाधिकारी ने जिला शिक्षा पदाधिकारी को स्पष्ट निर्देश दिया कि पितृपक्ष मेला क्षेत्र में सरकारी आवासन हेतु प्रयोग में लिए जाने वाले वैसे सरकारी विद्यालय जहां पठन-पाठन का कार्य बंद रहता है उन सभी विद्यालयों को किसी दूसरे विद्यालयों के साथ टैग करें ताकि पठन-पाठन का कार्य सुचारू रूप से चलता रहे।
यातायात कोषांग के समीक्षा के दौरान उन्होंने कहा कि पितृपक्ष मेला अवधि में यातायात व्यवस्था अपने आप में एक चैलेंज होता है। यातायात व्यवस्था को सही रखने के लिए कड़ी चुनौतियों का सामना करना पड़ता है। उन्होंने कहा कि कौन से क्षेत्र में वनवे का नियम पालन करना है, कौन से क्षेत्र में नो एंट्री जोन बनाना है इत्यादि ट्रैफिक रूट प्लान का अभी से ही तैयारी कर ले साथ ही उन्होंने कहा कि पूर्व के पितृपक्ष मेले में नौ (09) वाहन पड़ाव स्थल चिन्हित किए गए थे।
उन सभी पार्किंग स्थलों को फिजिकल वेरिफिकेशन करवाते हुए वहां बिजली की व्यवस्था, पेयजल की व्यवस्था, शौचालय की व्यवस्था तथा ड्राइवर के ठहराव हेतु अस्थाई पंडाल का निर्माण करवाने का निर्देश दिए।