जमुआवां के गहरे बालूघाट के पानी वाले खाई में डूबने से हुई मवेशी की मौत, ग्रामीणों में भारी आक्रोश
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ग्रामीणों को जिस डर का था खतरा, वही घटना बीती रात घटी
घटना पीड़ित चंद्रिका यादव ने कहा हम ग्रामीणों के लिए यह बड़ी सी गहरी खाई मौत की कुआँ के समान है
ठेकेदार को इसका मुआवजा देना पड़ेगा : चंद्रिका यादव
नदी की वह खाई हम ग्रामीणों के लिए खतरे की घंटी : प्रवीण
हम सब न्याय के लिए अडिग हैं ! हटेंगे नहीं, डेट रहेंगे : अखिलेश
गया : वजीरगंज थाना क्षेत्र के जमुआवां ग्राम पंचायत के टीकर गाँव का बालूघाट अब डैनजर जोन बन गया है। जाहिर हो बीती रात बालूघाट की गहरी खाई में डूब जाने से मवेशी की मौत हो गई। इस घटना के उपरांत ग्रामीणों में उस बालूघाट के ठेकेदार और व्यवस्थापक पर भारी आक्रोश है।
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साठ हज़ारी जरसी गाय की मौत |
ज्ञात हो टीकर गाँव के निवासी चंद्रिका यादव का साठ हज़ारी जरसी गाय की मौत बालूघाट की खाई में डूबने से हो गई। इस घटना के उपरांत ग्रामीणों में काफी रोष व्याप्त है। घटना पीड़ित चंद्रिका यादव ने कहा ये घटना बालू ठेकेदार की मनमानी से हुई है। ये खाई नहीं होती तो आज यह घटना नहीं होती। बालू उठाने के चक्कर में ठेकेदार ने यह बड़ी खाई खोद दी, जिसके वजह से मेरी गाय की मौत हुई। उन्होंने कहा कि ठिकेदार ने अवैध बालू निकासी के फेरे में इस ढ़ाढ़र नदी में मौत की कुआँ बना दी है। जो भारी डैनजर है। इस खाई में आदमी की भी जान चली जाएगी। यह इतना ख़तरनाक गहरी खाई है। अवैध रूप से बालू उठाने के चक्कर में समतल नदी खाई में तब्दील हो गया है। हम ग्रामीणों के लिए यह बड़ी सी गहरी खाई मौत की कुआँ के समान है। उसने कहा ठेकेदार को इसका मुआवजा देना पड़ेगा।
Danger zone became Jamuawan sand ghat.
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प्रवीण कुमार, वार्ड सदस्य |
वहीं, इस घटना पर रोष व्यक्त करते हुए वार्ड सदस्य प्रवीण कुमार ने कहा कि जो डर था, वही हुआ। और ये सब बालू ठेकेदार की दादागिरी की वजह से हुई है। जिसे आम ग्रामीणजनों में बेहद आक्रोश है। यही सब की सुरक्षा के लिए ठेकेदार से आंदोलन जारी है। हम सब ग्रामीणजन एकजुट होकर ठेकेदार द्वारा किया जा रहा अवैध बालू उठाव का विरोध लगातार कर रहे हैं। लेकिन ठेकेदार दबंगई से पेश आ रहा है। मामला वरीय पदाधिकारियों तक पहुँच गई है। हम सबों को उचित न्याय चाहिए। और हम सब ग्रामीणजन पूरी चट्टानी एकता के साथ ठेकेदार के खिलाफ आवाज उठा रखे हैं। उनकी मनमानी की वजह से ही गाय की मौत हुई। उन्होंने कहा कि नदी की वह खाई हम ग्रामीणों के लिए खतरे की घंटी है। ठेकेदार के विरोध का यही मुख्य कारण है। प्रशासन से हमें न्याय की उम्मीद है। उस गहरी खाई से आदमी को भी खतरा बना हुआ है।
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अखिलेश कुशवाहा, ग्रामीण |
इसी कड़ी में ग्रामीण अखिलेश कुशवाहा ने कहा बालू उठाने के फेरे में ठेकेदार भारी ग़लती किया है। जो क़ानून के खिलाफ है। मवेशी की मौत की मुआवज़ा भी ठेकेदार को देना होगा। उसकी घोर मनमानी की वजह से ही गाय की जान गई है। जिस व्यक्ति के मवेशी की मौत हुई है वह अत्यंत गरीब व्यक्ति है। उसकी क्षति की पूर्ति ठेकेदार को करना होगा। दबंगई से काम नहीं चलेगा। उसके खिलाफ आवाज बुलंद करने के लिए हम सभी ग्रामीणजन एकजुट हैं। उस खाई से बाल- बुतरून की जान भी खतरे में है। उन्होंने कहा ठेकेदार बिल्कुल ग़ैर- क़ानूनी कार्य किया है। अवैध रूप से बालू निकासी के फेरे में जो कार्य किया है अब वह भारी पड़ेगा। क्योंकि घटना घट चुकी है। पूरा कलंक ठेकेदार के माथे पर जाएगा। उसने जो काला करतुत किया है। उसी का खुल कर विरोध किया जा रहा है। ग्रामीणजन जायज़ माँग सरकार से कर रही है। पुलिस प्रशासन पर हमें भरोसा है कि हमें न्याय मिलेगा। क्योंकि हम सब न्याय के लिए अडिग हैं ! हटेंगे नहीं, डेट रहेंगे।
➖ AnjNewsMedia