गया, (अंज न्यूज़ मीडिया) गया में अकाल की छाया से Krishi Vibhag Bihar Sarkar खासा चिंतित है। जिले में सुखाड़ है। मात्र 04 प्रतिशत ही धान की रोपनी हुई है।

बारिश नहीं होने से खेत सूखे पड़े हैं। किसान चिंता में डूब गए हैं। धान का बिचड़ा भी पीला हो कर ख़राब होने की स्थिति में है। इस जिले में सुखाड़ की भयावह स्थिति है। जिससे किसान त्रस्त हैं। प्रकृति की मार से जिले में विषम विकट स्थिति पैदा हो गई है। जिससे निपटने के लिए नीतीश सरकार की पहल जारी हुई है।
सुखाड़ की स्थिति अब अकाल की रूप लेती जा रही हैं। जो काफी चिंतनीय है। इस विपरीत स्थिति को देख कर बिहार सरकार के कृषि मंत्री ने आपातकालीन बैठक गया डीएम के साथ की। गया जिले में सुखाड़ से उत्पन्न अकाल की स्थिति पर गहन विमर्श हुआ। इस स्थिति से बिहार सरकार को अवगत कराया गया है।
बिहार सरकार के कृषि मंत्री कुमार सर्वजीत की अध्यक्षता में यह आपातकालीन बैठक हुई। इस आपदा एवं कृषि टास्क फोर्स की बैठक में जिलाधिकारी ने बताया कि खरीफ मौसम में माह जून एवं जुलाई (23.07.2023) तक कुल वर्षापात 364.36 मि०मी के विरुद्ध 166.55 मि०मी वर्षा हुई है, जो सामान्य से 54 प्रतिशत कम है।
वर्षापात में हुई कमी का असर फसल आच्छादन पर पड़ा है। जिले में अबतक मात्र 4.21 प्रतिशत धान की रोपनी हो पायी है। सभी खरीफ फसलों का कुल आच्छादन 8.55 प्रतिशत है। अब कृषि मंत्री की नींद टूटी है। वे गया में मंडराते अकाल की स्थिति को सुखाड़ तक ही सीमित रखने की पहल शुरू की है। उन्होंने इस भयानक स्थिति पर गहन समीक्षा बैठक की। जिसमें विधायक भी शिरकत की।
कृषि मंत्री सर्वजीत ने सुखाड़ पर चिंता जताते हुए कहा कि सुखाड़ की उत्पन्न स्थिति से निपटना हमारी प्राथमिकता है। हम इस सुखाड़ को अकाल की तरफ नहीं मुड़ने देगें। यह मेरी कोशिश रहेगी।
उन्होंने साफ़ शब्दों में कहा डीजल अनुदान के आवेदनों में डीजल क्रय करते समय अभिश्रव पर पंजीकरण संख्या अंकित करना अनिवार्य है। यदि डिजिटली अभिश्रव पर पंजीकरण संख्या छूट जाता है तो पेन से लिखकर हस्ताक्षर अथवा अँगुठा का निशान प्राप्त कर सत्यापन के दौरान सत्यापनकर्त्ता अग्रसारित करेंगे। अनावश्यक रुप से किसानों को परेशानी नहीं हो इसका ध्यान रखेंगे। सभी विद्युत आपूर्ति सब स्टेशनों के अभियंताओं को ग्रामीण क्षेत्र में अधिकतम अवधि तक निर्बाध बिजली आपूर्ति करने का निर्देश दिया गया है। जहाँ भी बिजली का ट्रान्सफार्रमर खराब हो गया है या जल गया है। उसे 24 घंटे के अन्दर मरम्मति करा दें ताकि किसानों को निजी नलकूप से सिंचाई करने में सहूलियत हो। सोन नहर में पर्याप्त पानी उपलब्ध हो इसके लिये मुख्य अभियंता, सोन नहर प्रणाली, औरंगाबाद से संपर्क करने का निर्देश दिया।
जिला कृषि पदाधिकारी ने बताया कि जिले में पर्याप्त मात्रा में उर्वरक उपलब्ध है। पीओएस मशीन में उपलब्ध उर्वरक के अनुसार भंडार का भौतिक सत्यापन प्रखंड कृषि पदाधिकारी अनिवार्य रुप से करेंगे। किसी भी प्रकार से अनियमितता एवं कालाबाजारी की शिकायत पर अविलम्ब कार्रवाई करना सुनिश्चित करेंगे।
विधायक, टिकारी डा० अनिल कुमार ने कहा कि बिजली की आपूर्ति ससमय नही होने के कारण नलजल योजना में टंकी में पानी नही होने से पीने का पानी का संकट हो रहा है। कई बार ग्रामीणों दूसरे टोला में जाकर पानी लाना पड़ रहा है। जलसंकट एवं आपदा की स्थिति में बिल का बकाया रहने पर बिजली की आपूर्ति बाधित नही करें। सहायक निदेशक, उद्यान को प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना का व्यापक प्रसार- प्रचार कराने का निर्देश दिया गया। प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना का लगाये गये होर्डिंग का सत्यापन कराने का भी निर्देश दिया गया।
आज की बैठक में जिला कृषि पदाधिकारी, जिला सहकारिता पदाधिकारी, सभी नहर प्रमंडल के कार्यपालक अभियंता, कार्यपालक अभियंता, विद्युत, सभी अनुमंडल कृषि पदाधिकारी एवं सभी प्रखंड कृषि पदाधिकारी उपस्थित थे।