शैक्षिक–सांस्कृतिक आदान–प्रदान की त्रिपुरायात्रा
कार्यक्रम की रुपरेखा एवं छात्रों का निर्देशन प्रो. विजय कर्ण द्वारा प्रदान की जा रही
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त्रिपुरायात्रा की तैयारी जारी
नालंदा: ‘एक भारत श्रेष्ठ भारत’ के अन्तर्गत नव नालन्दा महाविहार, नालन्दा एवं महाराज वीर विक्रम विश्वविद्यालय, अगरतला, त्रिपुरा के बीच ‘एम.ओ.यू.’ (MOU-memorandum of understanding) अर्थात् द्विपक्षीय समझौता मई 2021 में हुआ है।
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जिसके अन्तर्गत नव नालन्दा महाविहार (सम विश्वविद्यालय) के छात्रों का एक दल 28 अक्टूबर, 2021 को त्रिपुरा की यात्रा पर जा रहा है। छात्रों के दल का नेतृत्व प्रो. विजय कुमार कर्ण, विभागाध्यक्ष, संस्कृत विभाग एवं श्री जीतेन्द्र कुमार, सहायक आचार्य, प्राचीन इतिहास एवं पुरातत्व विभाग करेंगे।
छात्रों के इस दल को 27 अक्टूबर की शाम को कुलपति प्रो. बैद्यनाथ लाभ हरी झण्डी दिखा कर रवाना करेंगे। छात्रों का यह दल 29 अक्टूबर को दोपहर में त्रिपुरा पहुँचेगा और 30-31 अक्टूबर को त्रिपुरा में विभिन्न शैक्षणिक एवं सांस्कृतिक कार्यक्रमों में अपनी प्रस्तुति देगा।
तत्पश्चात 02 नवम्बर को यह शैक्षिक सांस्कृतिक दल महाविहार वापस आयेगा। त्रिपुरा में होने वाले इस दो दिवसीय समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में कुलपति प्रो. बैद्यनाथ लाभ रहेंगें तथा विशिष्ट अतिथि के रूप में प्रो. विजय कुमार कर्ण होंगे।
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त्रिपुरा जाने वाले दस छात्रों के दल में महाविहार के विभिन्न विभागों से विद्यार्थियों एवं शोधार्थियों को चिन्हित किया गया हैं, जिसमें भंते धम्मरतन, शोधार्थी, तिब्बती अध्ययन विभाग; मनीष कुमार चौधरी, शोधार्थी, दर्शनशास्त्र विभाग; ज्योति कुमारी, शोधार्थी, पालि विभाग; सुधांशु कुमार, हिन्दी विभाग; आनन्द कुमार, अंग्रेजी विभाग; राहुल कुमार, प्राचीन इतिहास संस्कृति एवं पुरातत्व विभाग; मालविका, प्राचीन इतिहास संस्कृति एवं पुरातत्व विभाग; सोनी कुमारी, बौद्ध अध्ययन विभाग; सुधीर कुमार श्रीवास्तव, चीनी एवं जापानी अध्ययन विभाग; अविनाश कुमार, संस्कृत विभाग; सुलोचना वर्मा, संस्कृत विभाग; ब्रजेश, संस्कृत विभाग हैं। Tripura visit of the student of Nava Nalanda Mahavihara.
उल्लेखनीय है कि महाराजा वीर विक्रम विश्वविद्यालय, अगरतला, त्रिपुरा में इस दौरान ‘पूर्वोत्तर भारत में बौद्ध एवं सनातन धर्म की प्रासंगिकता’ विषय पर राष्ट्रीय संगोष्ठी आयोजित की है, जिसमें त्रिपुरा के अध्यापक व छात्रगण एवं महाविहार से जा रहे विद्यार्थियों के द्वारा भी शोधपत्र प्रस्तुत किया जायेगा।
इस दौरान महाविहार से गये छात्रों के दल को त्रिपुरा में स्थित अनेक बौद्धस्थलों का भ्रमण एवं त्रिपुर सुन्दरी शक्ति पीठ का दर्शन भी कराया जायेगा। इस प्रकार बिहार के छात्रगण त्रिपुरा की संस्कृति का तथा त्रिपुरा के छात्र-गण बिहार की संस्कृति का आपस में आदान-प्रदान करेंगे।
उक्त कार्यक्रम में बिहार राज्य की लोक कला, संस्कृति एवं शैक्षणिक इतिहास को छात्रों के द्वारा प्रस्तुत किया जायेगा, जिसमें संगीत, काव्य-पाठ, मैथिली गीत, भोजपुरी गीत, मगही गीत, शास्त्रीय नृत्य आदि प्रस्तुत किये जायेंगे।
साथ ही सनातन तथा बौद्ध धर्म के मध्य समन्वय की शिक्षा देनेवाली एक लघु नाटिका का अभिनय भी महाविहार के विद्यार्थियों के द्वारा प्रस्तुत किया जायेगा। सम्पूर्ण कार्यक्रम की रुपरेखा एवं छात्रों का निर्देशन प्रो. विजय कर्ण के द्वारा प्रदान की जा रही हैं।