पटना स्थित बिहार राष्ट्रभाषा परिषद् के कार्यालय में मनाई जाएगी उनकी जयंती, तैयारी पूरी
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पटना : दिवंगत साहित्यकार डॉ. सुरेन्द्र प्रसाद जमुआर की 83वीं जयंती कल। साहित्य के क्षेत्र में उनका विशेष योगदान रहा है। जाहिर हो 01 जुलाई 1939 को उनका पावन जन्म हुआ था।
उनका जन्म पटना स्थित दुजरा महल्ला में हुआ था। उनका जन्म और कर्मभूमि पटना रहा। जाहिर हो दिवंगत साहित्यकार के नाम से उनकी पुस्तक भी प्रकाशित है। वह काफी लोकप्रिय है। जो बेहतरीन है हीं, ऐतिहासिक भी। जो पठनीय है हीं, संग्रहणीय भी। वह पुस्तक बहुचर्चित एवं ज्ञानवर्द्धक है।
इतना हीं नहीं बिहार राष्ट्रभाषा परिषद् में भी उनकी उल्लेखनीय लेख प्रकाशित होता रहा है। उनकी साहित्य सेवा कभी भूली नहीं जा सकती है। उनकी सबसे उत्कृष्ट कृति थी ‘दिवंगत साहित्यकार’ नामक पुस्तक।
साहित्य की समृद्धि के लिए उनका जीवन समर्पित था। उनकी रचना कालजयी है। उनका संपूर्ण जीवन प्रेरणादायी है हीं, आदर्श भी। वे सरल स्वभाव के मृदुभाषी थे। वे सादा जीवन एवं ऊँच विचार के धनी पुरूष थे ही, महामानव भी। उनकी साहित्य की लौ सदा जलती रहेगी।
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आर्टिकल राइटर : अशोक कुमार अंज, वर्ल्ड रिकार्ड्स जर्नलिस्ट स्क्रीनप्ले राइटर फिल्मस्टार- फ़िल्मी पत्रकार बाबू सीईओ, अंज न्यूज़ मीडिया, इंडिया |
पटना स्थित बिहार राष्ट्रभाषा परिषद् के कार्यालय में उनकी 83वीं जयंती मनाने की तैयारी की जा रही है। इस अवसर पर लघु कथा गोष्ठी का आयोजन भी किया जाएगा।
मुख्य रूप से आलोचक थे। उन्हें साहित्य की आईना भी कहा जाता था। उनकी 12 पुस्तकें प्रकाशित है। ज्ञात हो 17 हजार पुस्तकें उनकी होम लाइब्रेरी में सुरक्षित एवं संरक्षित है। सच, वे साहित्य के भंडार को भरने में अपना अमूल्य योगदान दिया है। जो आज साहित्य के क्षेत्र में वरदान साबित हो रहा है।
जयंती के मौके पर मैं उन्हें सादर नमन एवं भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित करता हूँ।
– AnjNewsMedia (ANM) Presentation