गौरैया संरक्षण की अलख
गौरैया बाबा संजय कुमार ने कहा विलुप्त होते गौरैया पक्षी का संरक्षण करना हमारी प्राथमिकता
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मिट्टी व कुद्दू से निर्मित आकर्षक घोंसलों के साथ हर्षित महिलाएं |
पटना : घरों में, बाग- बगीचों में अब गौरैया पक्षी की चहचह की चहक गुम हो चुकी है। जो पर्यावरण के लिए खतरे की संकेत है।
गौरैया पक्षी चहक को बरक़रार रखने के लिए दुनिया भर में अलख जगाना पड़ेगा। तब जाकर पर्यावरण में गौरैया पक्षी की चहक बरकरार रहेगी। वर्ना, समझो ! गौरैया पक्षी विलुप्त होने की स्थिति में है।
पटना में हमारी ‘गौरैया और पर्यावरण योद्धा’ के सहयोग से ‘अपने सुंदर परिवार की गौरैया की रक्षा कैसे करें’ विषय पर एक कार्यशाला का आयोजन किया गया।
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गौरैया बाबा संजय कुमार की अनोखी पहल सराहनीय |
गौरैया के संरक्षण के प्रति जागरूकता लाने के लिए चलाये जा रहे अभियान के तहत मौके पर गौरैया बाबा संजय कुमार द्वारा गौरैया की खींची गई आकर्षक तस्वीरें एवं पर्यावरण योद्धा द्वारा गौरैया की वापसी के लिए दाना–पानी और बॉक्स की प्रदर्शनी आयोजित की गई। मगध महिला कॉलेज की छात्राओं ने कार्यक्रम में विशेष हिस्सा लिया और गौरैया संरक्षण से जुड़ने का भी संकल्प लिया।
मौके पर प्राचार्य प्रो. डॉ नामिता कुमारी ने कहा कि बच्चों का प्रयास सराहनीय है, हम भी बच्चों को प्रोत्साहित करेंगे और महाविद्यालय कैम्पस में मिट्टी का घोसलों लगा कर, नन्हीं गौरैया को वापस बुलाने का प्रयास करेंगे।
उन्होंने कहा कि गौरैया पर्यावरण और पारिस्थितिकी तंत्र के लिए बहुत फायदेमंद हैं।
गौरैया दुनिया भर की विभिन्न संस्कृतियों और परंपराओं का हिस्सा हैं क्योंकि वे आमतौर पर भाग्य, सौभाग्य और खुशी का प्रतिनिधित्व करती हैं जो मानव संस्कृति में उनकी सबसे महत्वपूर्ण भूमिकाओं में से एक है।
यह चिंता की बात है कि हाल के वर्षों में, कई एशियाई देशों में घरेलू गौरैया की आबादी में गिरावट आई है और यह गिरावट भारत में काफी स्पष्ट है।
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गांव- शहर में अलख जगाने की ली संकल्प |
जंतु विज्ञान की विभागाध्यक्ष मृदुला रेणु सिन्हा ने कहा कि यह प्रदर्शनी बहुत ही रोचक तथा ज्ञानवर्धक है, गौरैया की अलग अलग मुद्राओं की तस्वीरें हमें अपने से जोड़ती है।
मिट्टी और कुद्दू का घोसला बहुत ही आकर्षक है। गौरैया पर संजय कुमार की लिखी पुस्तक ‘अभी मैं जिन्दा हूँ गौरैया’ का हर पन्ना बहुत ही आकर्षक है। उन्होंने कहा कि हम ऐसी जागरूकता मुहिम निरंतर आयोजित करते रहते हैं।
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AnjNewsMedia |
जाहिर हो गौरैया और पर्यावरण योद्धा के युवाओं की टीम में निशांत रंजन, अतुल साह, पूजा कुमारी, दक्ष राज, कंचनबाला, अंजली कुमारी, सभ्यता कुमारी, शिद्रा, निशान्धिता राज, अदिति रॉय, आशीष कुमार, प्रतीक आंनद, ऋषिकांत आर्या, अक़ीब खान ने अहम भूमिका अदा किया। गौरैया की रक्षा के लिए अब लोग जागरूक हो रहे हैं। बदलते दौर में गौरैया पंछी विलुप्त होने की कगार पर पहुंच चूका है।
कार्यशाला में बड़ी संख्या में छात्र- छात्राओं और कॉलेज की डॉ. पुष्पांजलि खरे, डॉ. उषा कुमारी, डॉ. माया रानी, डॉ. सोनम कुमारी, डॉ. विभा, डॉ. मृदुला रेणु सिन्हा सहित अनेक शिक्षिकाओं ने जागरूकता कार्यशाला में शिरकत किया।
– AnjNewsMedia Presentation