राजभवन बिहार में PM के ‘मन की बात’ के 100वें एपिसोड
विशेष स्क्रीनिंग समारोह का हुआ आयोजन
‘मन की बात’ कार्यक्रम के ज़रिये प्रधानमंत्री ने देश के ज़मीनी हीरो को खोज कर सामने लाने का महत्वपूर्ण काम किया : राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर
समारोह में बिहार से चयनित ‘मन की बात’ के प्रतिभागी भी रहे उपस्थित, राज्यपाल ने किया उन्हें सम्मानित
PATNA राज भवन में हुआ PM ‘मन की बात’ के 100वें एपिसोड का स्क्रीनिंग राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर थे मुख्य अतिथि |
पटना : सूचना और प्रसारण मंत्रालय, भारत सरकार के प्रसार भारती (आकाशवाणी एवं दूरदर्शन), पटना के द्वारा PM MODI (प्रधानमंत्री) नरेंद्र मोदी के ‘मन की बात’ के 100 वें एपिसोड का विशेष स्क्रीनिंग समारोह का आयोजन राजेंद्र मंडप, राज भवन, बिहार, पटना में आज किया गया।
इस विशेष कार्यक्रम में बिहार के महामहिम राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर मुख्य अतिथि थे।
मौक़े बिहार भर से आये गणमान्य लोगों ने PM के ‘मन की बात’ कार्यक्रम के 100वें एपिसोड को सुना।
‘मन की बात’ के 100 वें एपिसोड के विशेष स्क्रीनिंग के मौके पर महामहिम राज्यपाल ने केंद्रीय संचार ब्यूरो, पटना द्वारा लगाई गई फोटो प्रदर्शनी का उद्घाटन और अवलोकन किया।
इस प्रदर्शनी में मन की बात, केंद्र सरकार की जन-कल्याणकारी योजनाओं, जी-20, अंतरराष्ट्रीय मिलेट्स वर्ष, केंद्रीय बजट, मिशन लाईफ और बिहार के गुमनाम स्वतंत्रता सेनानियों से संबंधित फोटो की प्रदर्शनी लगाई गयी।
राज्यपाल ने प्रदर्शनी का अवलोकन के बाद काफ़ी सराहा और इसे जन उपयोगी बताया।
‘मन की बात’ के 100 वें एपिसोड के विशेष स्क्रीनिंग के बाद अपने संबोधन में राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर ने कहा कि मन की बात कार्यक्रम के ज़रिये प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने देश के ज़मीनी हीरो को खोज कर देश के सामने लाने का महत्वपूर्ण काम किया है।
अनवरत प्रस्तुति |
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने मन की बात में उन गुमनाम और अदृश्य लोगों के बारे में बात करते हैं जो अब तक कहीं ना कहीं भीड़ में गुम थे।
PM MODI की यही खूबी है कि जो लोग भी अच्छे काम कर रहे हो और वह कहीं दूर दराज इलाकों में रहते हैं उन लोगों को अपने रेडियो प्रोग्राम मन की बात में जिक्र करते और उनका सम्मान करते हैं।
महामहिम राज्यपाल ने कहा के PM की यही खूबी रही है कि अब बड़े बड़े सम्मान जैसे पद्मश्री और पद्म विभूषण जैसे सम्मानित समारोह में भारतवर्ष के सुदूर इलाकों में रहने वाले गुमनाम लोगों को जगह दिया जा रहा है जैसे के किसान चाची, कपिल देव प्रसाद इत्यादि।
इस तरह PM ने हीरो की एक नई परिभाषा लिखी है। उन्होंने कहा के प्रधानमंत्री अपने मन की बात रेडियो कार्यक्रम से आम जनता से ऐसे ही जुड़ रहे हैं जैसे बीते वक्त में बीएसएनल का स्लोगन हुआ करता था कनेक्टिंग इंडिया ठीक उसी तरीके से प्रधानमंत्री अपने रेडियो कार्यक्रम मन की बात से कनेक्टिंग पीपल ऑफ इंडिया को परिभाषित कर रहे हैं।
आगे उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री अपने मन की बात कार्यक्रम में बिहार के पश्चिमी चंपारण जिले के प्रमोद बैठा का जिक्र करते हैं जो कि सिर्फ आठवीं क्लास तक पढ़े और वह बल्ब का बिजनेस शुरू कर के खुद के साथ एक सौ लोगों को रोजगार दे रहे।
प्रधानमंत्री ऐसे लोगों को अपने कार्यक्रम में बात करके उनको उचित सम्मान देने का कार्य कर रहे।
राज्यपाल श्री आर्लेंकर ने कहा कि PM का ऐसे लोगों के बारे में देशवासियों को बताने का एक ही मकसद है कि और भी इन जैसे लोग इन से प्रेरित होकर समाज में खुद के लिए और दूसरों के लिए अच्छा कार्य करें।
मौक़े पर प्रेस इन्फ़ॉर्मेशन ब्यूरो पटना के अपर महानिदेशक एस के मालवीय ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आकाशवाणी या ऑल इंडिया रेडियो को अपने मन की बात साझा करने के लिए इसलिए चुना क्योंकि यह संवाद का एक सशक्त माध्यम है। जो पूरे भारतवर्ष में फैला हुआ है और शायद ही पूरे भारतवर्ष में कोई ब्यक्ति होगा जो ऑल इंडिया रेडियो या आकाशवाणी से परिचित ना हो।
इसलिए नरेंद्र मोदी ने इस माध्यम का प्रयोग अपने जनसंवाद मन की बात के लिए किया।
श्री मालवीय ने यह भी कहा कि एक सर्वे के मुताबिक पूरे भारतवर्ष में 23 करोड़ लोग मन की बात कार्यक्रम को सुनते हैं और 96% लोग मन की बात कार्यक्रम के बारे में जानते हैं या उससे परिचित हैं।
इस अवसर पर बिहार से चयनित ‘मन की बात’ के प्रतियोभागियों में नूतन कुमारी, प्रिंयका कुमारी, जयराम विप्लव, प्रमोद बैठा, डॉ शंकर झा, अखिलेश पाण्डेय, युधस्थ्थ कुमार, पुलवामा हमले के शहीद रतन कुमार ठाकुर के पिता सहित अन्य का सम्मान महामहिम राज्यपाल द्वारा किया गया।
इस समारोह में उपस्थित पद्मश्री सुभद्रा देवी, पद्मश्री कपिलदेव प्रसाद, पद्मश्री किसान चाची को भी सम्मानित किया गया। इस अवसर पर महिला उद्यमी नूतन देवी ने कहा कि वह 2018 से एक स्वयं सहायता समूह से जुड़ी है जिसकी वह सदस्य भी हैं जिसके जरिए वह और महिलाओं के साथ मिलकर कुकून की खेती करती है और फिर उससे साड़ी बुनकर अपनी जीवन यापन करती हैं।
उन्होंने अपने अनुभव शेयर करते हुए कहा के अब तक उनके पास 42 लाख का साड़ी तैयार हो चुका है, जो विभिन्न जगहों पर मेले में स्टॉल लगाकर बेचती है और उनका आगे का प्लान है कि इस बिजनेस को एक करोड़ तक पहुंचाने का लक्ष्य निर्धारित किया है।
जबकि किसान चाची के नाम से मशहूर महिला उद्यमी पद्मश्री राजकुमारी देवी ने मन की बात कार्यक्रम में अपने अनुभव साझा करते हुए कहा कि वह बहुत पहले से खेती किसानी कर रही है।
शुरुआत में वह धान और गेहूं की खेती करती थी बाद में वह फल और सब्जियों की खेती करती है जिससे उनको अच्छी आमदनी हो रही है और उनका जीवन सुखी और संपन्न है।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उन जैसी हजारों महिलाओं को अपने रेडियो कार्यक्रम मन की बात में जगह देकर उनको उचित सम्मान दिए हैं। उन्होंने माननीय प्रधानमंत्री के प्रति अपना आभार प्रकट किया।
‘मन की बात’ के 100 वें एपिसोड का विशेष स्क्रीनिंग समारोह के अंत में दूरदर्शन के उप महानिदेशक ने धन्यवाद ज्ञापन करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का रेडियो कार्यक्रम मन की बात एक सामाजिक संवाद है।
इस कार्यक्रम का मकसद एक सामाजिक संपदा पैदा करना है जिसमें न्याय, समाजवाद एक दूसरे के प्रति सम्मान हो।
उन्होंने कहा के प्रधानमंत्री के द्वारा शुरू की गई यह कार्यक्रम मन की बात ने पत्र लिखने की परंपरा को शुरू किया जो आज के डिजिटल युग में विलुप्त होती जा रही थी। ऐसे में प्रधानमंत्री का यह कदम सराहनीय है और अनुकरणीय है।
समारोह में राज्यपाल के प्रधान सचिव राबर्ट एल चोंगथु सहित अधिकारी- कर्मचारीगण तथा समाज के विभिन्न क्षेत्रों में अपनी पहचान बना चुके गणमान्य लोग उपस्थित थे।
Gaya News Latest :-
बहरेपन के शिकार बच्चों के ईलाज
Gaya DM Thiyagarajan SM and Child |
गया : श्रवणश्रुति प्रोजेक्ट के तहत जिला में कम सुनने तथा बहरेपन के शिकार बच्चों की आवश्यक जांच तथा ईलाज की सुविधा प्रदान की जा रही है। इस परियोजना का जिलाधिकारी डॉ त्यागराजन एसएम द्वारा सीधा अनुश्रवण किया जा रहा है।
इस प्रोजेक्ट के माध्यम से सुनने की क्षमता से प्रभावित या बहरेपन के शिकार बच्चों के ईलाज की सुविधा प्रदान होने के कारण माता पिता के लिए एक आशा की किरण बन गया है। डब्ल्यूएचओ के अनुसार प्रति हजार बच्चे में से 5 से 8 बच्चे बहरेपन से पीड़ित पाए जाते हैं। बहरेपन का इलाज केवल प्रारंभिक पहचान से ही उपचार संभव है।
इसी कड़ी में आज गया स्टेशन बैरागी के समीप हियरिंग लॉस बच्चे जिन्हें कॉकलियर इंप्लाट मशीन या कोई अन्य मशीन लगाया गया है, उन बच्चों को बोलने का सिखाने का केंद्र अर्थात स्पीच थेरेपी केंद्र खोला गया है।
इस केंद्र का उद्घाटन जिला पदाधिकारी गया डॉ० त्यागराजन एसएम ने फीता काटकर किया तथा हियरिंग लॉस वाले बच्चों ने जिला पदाधिकारी को गुलाब का फूल देकर उनका स्वागत किया।
गया में यह पहला स्पीच थेरेपी सेंटर है। गया में ऐसा कोई भी सेंटर पहले कभी नहीं था। मल्होत्रा फाउंडेशन कानपुर द्वारा यह सेंटर चालू किया गया है।
इस थेरेपी सेंटर में वैसे बच्चे जिनका कॉकलियर इंप्लाट मशीन लग चुका है उन्हें निशुल्क में थेरेपी की व्यवस्था दी जा रही है तथा जिन बच्चों को बोलने में प्रॉब्लम है तथा सुनने में प्रॉब्लम है वह सभी बच्चे यहां आकर के निशुल्क रजिस्ट्रेशन करा सकते हैं। और थेरेपी का लाभ ले सकते हैं। वर्तमान में इस केंद्र पर 4 कमरे हैं तथा 14 बच्चे इलाजरत है, जिन्हें पूर्व में कानपुर में कॉकलियर इंप्लाट मशीन लगाया गया है।
उन्होंने बताया कि बच्चे के थेरेपी के पश्चात सीधे उन बच्चे के बैंक खाते में ₹200 प्रति थेरेपी के अनुसार भी दिया जाएगा।
कॉकलियर इंप्लाट में जो मशीन लगती है, उसे चलाने के लिए 3 साल तक चलाने युक्त उपकरण भी एक बॉक्स में दिया गया है, जिसमे रिचार्जेबल बैट्री, सेल इत्यादि दिए जाते हैं ताकि बच्चों को बार-बार पैसे खर्च ना करना पड़े और मशीन सुचारू रूप से चलता रहे।
इसके पश्चात जिला पदाधिकारी ने सभी कमरों का घूम कर निरीक्षण किया तथा बच्चों को दिए जाने वाले दबा का भी जांच किया।
जिला पदाधिकारी ने डीपीएम स्वास्थ्य को निर्देश दिया कि 5 साल से कम उम्र के बहरेपन से संबंधित स्क्रीनिंग और अधिक करवाने का निर्देश दिए ताकि हर एक छोटे से छोटे टोले/ गांव के बच्चे जिन्हें सुनने में कोई समस्या आ रही है उन्हें चिन्हित करते हुए निशुल्क समुचित इलाज करवा सके।
जिला पदाधिकारी ने जिले वासियों को कहा कि यदि आपके घर में या आपके आसपास में कोई 5 साल से कम उम्र का बच्चा में सुनने की क्षमता कम है, तो सीधे तौर पर जिला अस्पताल (जयप्रकाश नारायण अस्पताल)/ डीपीएम स्वास्थ्य 9473191876, सिविल सर्जन 9470003278 को संपर्क करें, उनका निशुल्क उपचार कराया जाएगा
उन्होंने डीपीएम को निर्देश दिया कि आशा एएनएम तथा आगनबाडी को संयुक्त रूप से जागरूक करने के उद्देश्य से एक वर्कशॉप का आयोजन करें ताकि उन के माध्यम से गांव-गांव तक में जागरूकता करवाया जा सके।
प्रखंड/ पंचायत स्तर पर कैंप के आयोजन के पहले प्रॉपर प्रचार-प्रसार करावे ताकि अधिक से अधिक बच्चे को उस कैंप में स्क्रीनिंग करवाया जा सके।
आज थेरेपी सेंटर में बेलागंज सिलौंजा के 2.5 वर्ष के शाद रहमान के पिता आधिक नदीम ने जिला पदाधिकारी गया को धन्यवाद देते हुए कहा कि वह अपने बच्चे को जयपुर प्राइवेट अस्पताल में बहरेपन के इलाज हेतु अपने बच्चे को ले गए, वहां अनेक प्रकार की जांच के साथ साथ एमआरआई तथा अन्य जांच भी करवाया। अत्यधिक पैसे भी खर्च हुए परंतु उपचार नहीं हो पाया।
इसके पश्चात वह दिल्ली चले गए वहां भी सभी प्रकार की जांच हुआ तथा इस प्रक्रिया में डेढ़ महीने का समय व्यतीत हुआ इसके पश्चात चिकित्सक द्वारा बताया गया कि 4 लाख से 5 लाख रुपये बच्चे को इलाज में खर्च होंगे, परंतु बच्चे के पिता गरीब तबके के रहने के कारण उनके पास इतनी बड़ी रकम खर्च करने की क्षमता नहीं थी।
इसके पश्चात उन्होंने अपने बच्चे को साथ लेकर वापस अपने घर लौट आए। इस दौरान उन्होंने अखबार में बहरेपन का निशुल्क इलाज से संबंधित खबर को पढ़ा।
आंगनबाड़ी तथा एएनएम आशा द्वारा बहरेपन से शिकार बच्चों को स्क्रीनिंग करने का कार्य कर रही है। इसी दौरान वह अपने बच्चे को स्क्रीनिंग कराया।
सभी प्रकार की जांच की गई तथा अंततोगत्वा उनकी बच्चे को कानपुर भेज कर जिला प्रशासन एवं स्वास्थ्य विभाग द्वारा निशुल्क बहरेपन का इलाज कराया गया उनके बच्चे का ऑपरेशन सक्सेसफुल रहा तथा कॉकलियर इंप्लाट मशीन लगाया गया।
बच्चे के पिता ने यह भी बताया उन्हें किसी प्रकार की कोई दिक्कत का महसूस नहीं हुआ। उन्होंने कहा कि गया के साथ-साथ कानपुर अस्पताल में भी पूरी अच्छी व्यवस्था रखी गई।
बिल्कुल मुफ्त में उपचार हुआ बच्चे को गया से कानपुर ले जाने तथा कानपुर से गया लाने में भी किसी प्रकार की कोई पैसा खर्च नहीं हुई। जिला प्रशासन तथा स्वास्थ्य विभाग अपने खर्च पर बच्चों को उपचार कराया वर्तमान में बच्चा सुन पा रहा है बच्चा पूरा रिस्पॉन्ड दे रहा है।
बच्चे के अभिभावक ने जिला पदाधिकारी को धन्यवाद देते हुए उन्हें कहा कि आपके इस पहल के कारण जिले के वैसे बच्चे जो तुम नहीं सकते थे उन्हें नई जिंदगी देने का कार्य कर रहे हैं।
इस अवसर पर प्रोफेसर रोहित मल्होत्रा, डीपीएम स्वास्थ निलेश कुमार सहित अन्य चिकित्सक उपस्थित थे।
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BREAKING NEWS LIVE :-
मुख्यमंत्री ने पंजाब के लुधियाना में बिहार के 5 लोगों की मौत पर गहरी शोक संवेदना व्यक्त की
मृतकों के आश्रितों को मुख्यमंत्री राहत कोष से दो-दो लाख रूपये का अनुग्रह अनुदान देने का दिया निर्देश
पटना : मुख्यमंत्री (CM) नीतीश कुमार ने पंजाब के लुधियाना के ग्यासपुरा जहरीली गैस लीक से हुयी मौत की घटना को अत्यंत दुखद बताया है। हादसे में बिहार के गया जिले के रहनेवाले एक ही परिवार के 5 लोगों की मौत पर गहरी शोक संवेदना व्यक्त की है।
मुख्यमंत्री ने पंजाब के लुधियाना के ग्यासपुरा में हुई जहरीली गैस लीक से हुये हादसे में बिहार के मृतकों के परिजनों को मुख्यमंत्री राहत कोष से 02-02 लाख रूपये अनुग्रह अनुदान देने की घोषणा की है।
मुख्यमंत्री ने स्थानिक आयुक्त, नई दिल्ली को निर्देश दिया है कि पंजाब सरकार से आवश्यक समन्वय स्थापित कर मृतकों के पार्थिव शरीर को उनके घर तक लाने की समुचित व्यवस्था सुनिश्चित करें।
गया : लुधियाना में जहरीली गैस लीक से हुई मौत की घटना पर जिला पदाधिकारी गया डॉ० त्यागराजन एसएम लगातार लुधियाना के डीसी से संपर्क में है। जिला पदाधिकारी गया को प्रभारी आपदा पदाधिकारी तथा अनुमंडल पदाधिकारी लुधियाना से भी बात हुई है। गया जिले के कोच प्रखंड के कुल 5 मृतक के पार्थिव शरीर के परिवहन की पूरी व्यवस्था लुधियाना प्रशासन द्वारा की जा रही है।
जिला पदाधिकारी ने मृतक के परिजन से भी बात हुई है। जिला पदाधिकारी ने संवेदना प्रकट करते हुए कहा कि जो भी आवश्यक कार्य है उसे हर हाल में पूरा कराया जाएगा। मुख्यमंत्री द्वारा घोषित किए गए अनुदान को अभिलंब आश्रितों को उपलब्ध करवाया जाएगा।
– AnjNewsMedia Presentation