Pollution Wage: The foundation stone of urban gas distribution projects in 129 districts of the country

*गया एवं नालंदा में शहरी गैस वितरण परियोजना के शिलान्यास एवं 10वें शहरी गैस वितरण बोली चक्र की शुरुआत प्रधानमंत्री जी के कर कमलों से । बिहार राज्य में 21 शहरों में 7 और गैस वितरण परियोजनायों के बोली लगाने का दौर शुरू* 
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प्रदूषण वचाव : देश के 129 जिलों में शहरी गैस वितरण परियोजनाओं का शिलान्यास।
आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के द्वारा भारत के कुल 63 विभिन्न भौगोलिक क्षेत्रों में नगर गैस वितरण परियोजना का आधारशिला का शिलान्यास किया गया है जिसमे की बिहार राज्य के 3 भौगोलिक क्षेत्र भी शामिल हैं। इस परियोजना के शिलान्यास से लाखों निवासियों के लिए सुविधाजनक एवं पर्यावरण के दृष्टि से अनुकूल प्राकृतिक गैस की उपलब्धता की जा सकेगी। विदित हो इस कार्यक्रम में गया ज़िला भी शामिल है।
पैट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस विनियामक बोर्ड के द्वारा दिये गए भौगोलिक क्षेत्रों का शिलान्यास माननीय प्रधानमंत्री के कर कमलों के द्वारा रिमोट डिवाइस से दिल्ली के विज्ञान भवन में आयोजित की गयी। इस कार्यक्रम में डॉ. हर्षवर्धन ,विज्ञान एवं प्रोद्योगिकी, पृथ्वी विज्ञान एवं पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्री, श्री धर्मेंद्र प्रधान, पैट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्री और कौशल विकास और उद्यमिता –और अन्य गणमान्य वुयक्ति मौजूद थे।
वहीं गया में इस कार्यक्रम का शिलान्यास कृषि मंत्री बिहार सरकार डॉ प्रेम कुमार, सांसद श्री हरी मांझी के नेतृत्व में सुनिश्चित किया गया। शैलेंद्र कुमार शर्मा, कार्यकारी निदेशक, बिहार झारखंड, इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन लिमिटेड के द्वारा गणमान्य अतिथियों का स्वागत किया गया। गणमान्य अतिथियों के लिए दिये गए अपने स्वागत सम्बोधन में सहर्ष इस बात का उल्लेख किया की गया शहर के लिए यह एक ऐतिहासिक क्षण है क्यूंकि की इस पावन भूमि से गया और नालंदा के नगर गैस वितरण परियोजना का शिलान्यास किया गया है। उन्होने कहा “ मुझे पूरा विश्वास है की PNGRB की यह शुरुआत ‘गया एवं नालंदा’ में शहरी गैस वितरण नेटवर्क के लिए प्रेरणाश्रोत बनेगा एवं घरेलू उपयोग के लिए पाइप नैचुरल गैस जो कि (PNG) के नाम से जानते हैं तथा औटोमोबाईल के लिए (CNG) तथा व्यवसायिक एवं औद्योगिक स्थापना के लिए होने वाली आवश्यकता को भी पूरा करेगा। इंडियन ऑइल एवं अदानी गैस लिमिटेड ने वर्ष 2013 में इंडियन ऑइल अदानी गैस प्राइवेट लिमिटेड के निर्माण के लिए हिस्सेदारी की और सी.जी.डी. के नए क्षेत्र में यह अग्रणी भूमिका निभा रहा है. (IOAGPL) को इसके अंतर्गत 18 भौगोलिक क्षेत्रों मे CGD का विकास करने का अधिकार मिला है इसके साथ यह दूसरा सर्वाधिक बडा हिस्सेदारी वाली कंपनी बन गयी है। अतः ये दर्शाता है कि आपके क्षेत्र में सीजीडी का विकास बहुत सुरक्षित हाथों में है”। 
पैट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस विनियामक बोर्ड ने सूदूर भारत के 26 राज्यों और संघ शाषित प्रदेशों में फैली हुई लगभग देश की आधी जनसंख्या के लिए सुविधाजनक एवं पर्यावरण के अनुकूल और सस्ती प्रकृतिक गैस की उपलब्धता की घोषणा की है। 
भारत में ऊर्जा श्रोत की तुलना में प्राकृतिक गैस की हिस्सेदारी 6.2% है जबकि विश्व में 23.4% है। भारत में सिर्फ गुजरात राज्य में यह 25% है। अगर गुजरात राज्य गैस के उपयोग में वैश्विक औसत से ज्यादा हिस्सेदारी प्राप्त कर सकता है तो शेष भारत भी यह लक्ष्य हासिल कर सकता है। गया के सांसद हरी मांझी ने वहाँ उपस्थित सभी अतिथियों एवं जनप्रतिनिधियों को संबोधित करते हुए यह कहा की उनके लिए उनके जीवन काल का यह एक गौरवान्वित करने वाला पल है जब की उनके संसदीय क्षेत्र में इस परियोजना का समुचित लाभ जनहित में दिया जाएगा। श्री मांझी ने अपने वक्तव्यों के द्वारा माननीय प्रधान मंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार ने गैस आधारित अर्थव्यवस्था अगली पीढ़ी को प्रदान करने को प्राथमिकता दी है। आगे यह भी बताया गया की कोयले और अन्य तरल इंधनों की तुलना में प्रकृतिक गैस अधिक उत्कृष्ट ईंधन है। यह इनसे अधिक पर्यावरण अनुकूल, सुरक्शित और सस्ता ईंधन है। प्राकृतिक गैस स्वच्छ एवं पर्यावरण के अनुकूल ईंधन है साथ ही सुरक्षित और सुविधाजनक भी है। हवा से हल्का होने के कारण इसकी ज्वलन सीमा कम होती है। एल. पी. जी. से सस्ता होने के साथ ही पी. एन. जी. पाईपलाइन द्वारा सतत ईंधन आपूर्ति की गारंटी देता है जो एल. पी. जी. में नहीं है। पीएनजी की बिलिंग उपभोक्ता के द्वारा वास्तविक उपयोग के अनुसार विभिन्न प्रकार से की जा सकती है। उन्होने आगे यह भी कहा की गया शहर को स्वच्छ एवं हरित बनाने के लिए यह परियोजना मील का पत्थर साबित होगी जिसके लिए वह तत्पर रहेंगे। उन्होने इंडियन ऑइल अडानी ग्रुप ज्वाइंट वेंचर की सहर्ष प्रशंसा की एवं इस बात पर ज़ोर दिया की इस परियोजना के माध्यम से सतत ऊर्जा श्रोत की सुनिश्चितता आने वाली पीढ़ियों के लिए मददगार साबित होगी। इस बात को लेकर माननीय सांसद बहुत आशान्वित थे की यह परियोजना रिकॉर्ड समय में पूरी की जाएगी। मौके पर डॉ॰ प्रेम कुमार , कृषि मंत्री बिहार सरकार, ने वहाँ उपस्थित सभी अतिथियों एवं जनप्रतिनिधियों को संबोधित करते हुए यह कहा की उनके लिए उनके जीवन काल का यह एक गौरवान्वित करने वाला पल है एवं विशेषतः इस कारण से की इस भारतवर्ष के महान तीर्थस्थली गया को इस बहुप्रतीक्षित परियोजना के शुभारंभ के लिए चुना गया। डॉ कुमार ने आगे यह बताया की इस सम्पूर्ण कार्य में 8 वर्ष की अवधि में बिहार में 2.21 लाख घरेलू पीएनजी कनेक्सन, 83 सीएनजी पंपों की स्थापना जिसमे 37591 पीएनजी घरेलू कनेक्सन और 46 सीएनजी पंपों की स्थापना गया और नालंदा जिलों में की जाएगी। इस परियोजना की कुल लागत 481 करोड़ (गया और नालंदा ) है जिससे 1304 किलोमीटर स्टील पाइपलाइन को गया और नालंदा में बिछाया जाएगा। उल्लेखनीय है की इस परियोजना से प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगारों के सृजन का अनुमान है। मंत्री डॉ. प्रेम कुमार ने आगे यह बताया की प्राकृतिक गैस की आपूर्ति पाइपलाइन से उसी प्रकार की जाती है जिस प्रकार पानी की आपूर्ति नल द्वारा की जाती है। इसमे सिलिंडर के रसोई घर में भंडारण की आवश्यकता नहीं होती जिससे स्थान की बचत होती है। प्राकृतिक गैस पेट्रोल की तुलना में 60% और डीज़ल की तुलना में 45% सस्ती है। इसी प्रकार पीएनजी एलपीजी के बाज़ार दर की तुलना में 40% सस्ती है और पीएनजी का मूल्य लगभग सब्सीडियुक्त एलपीजी के मूल्य के समान है। एक ऑटो रिकशा चालक पेट्रोल से पीएनजी में बदलकर अपने मासिक ईंधन बिल में प्रति माह रुपये 7000-8000/- की बचत कर सकता है। इस प्रकार से लागगत के मामलों में भी प्रकृतिक हास पेट्रोल, डीज़ल, एलपीजी के तुलना में बेहतर है। 
पैट्रोलियम एवं प्रकृतिक गैस विनियामक बोर्ड ने नौवे राऊण्ड सीजीडी बोली लगाने का आमंत्रण अप्रैल 2018 में 86 भौगोलिक क्षेत्रों के लिए दिया जिसमे 174 जिले (156 सम्पूर्ण एवं 18 के कुछ हिस्से) जो 22 राज्यों एवं केंद्र शाषित प्रदेशों में फैले हैं। बोलियों के मूल्याकन के बाद, 23 एंटीटी को लेटर ऑफ औथोराइजेसन नगर गैस वितरण परियोजना के निर्माण के लिए दिया गया है। 
वर्तमान में सीजीडी अनुज्ञप्ति पत्र 92 भौगोलिक क्षेत्रों में दिया गया है जिसमे 129 जिलों में जो की 23 राज्यों एवं केंद्र शाषित प्रदेशों में फैला है। उपरोक्त वर्णित भौगोलिक क्षेत्र भारत के कुल 20% जनसंख्या को और 11% भौगोलिक क्षेत्रों को सम्मिल्लित करती है। वर्तमान में यह नगर गैस वितरण प्रणाली 5 राज्यों में कार्यरत है। 
सीजीडी बोली लगाने के नौवे राउंड पूरा होने ओर प्रकृतिक गैस 178 भौगोलिक क्षेत्रों में उपलब्ध हो जाएंगे जिससे 290 जिलों (278 सम्पूर्ण एवं 12 के कुछ हिस्से) जो 26 राज्यों एवं केंद्र शाषित प्रदेशों में फैला है और भारत के कुल 46% जनसंख्या और 35% भौगोलिक क्षेत्र को सम्मिलित करता है। 
बिहार राज्य में जिन भौगोलिक क्षेत्रों को चुना गया है उसमे औरंगाबाद, कैमूर, रोहतास जिले (इंडियन ऑइल कोरपोरेसन लिमिटेड), बेगुसराई जिले (कंसोर्टेयम ऑफ थिंक गैस इनवेस्टमेंट प्र. लिमिटेड अँड थिंक गैस डि. प्र. लिमिटेड) और गया एवं नालंदा जिलों (इंडियन ऑइल अडानी ग्रुप ज्वाइंट वेंचर) को दिया गया है। पैट्रोलियम एवं प्रकृतिक गैस विनियामक बोर्ड ने इस महीने बोली लगाने के दसवीं राउंड की शुरुरात की है जो की 14 राज्यों के 50 भौगोलिक क्षेत्रों में फैली है। यह देश की आबादी का 70% एवं भौगोलिक क्षेत्र का 53% शहरी गैस वितरण सम्मिलित करता है। 

बिहार के भौगोलिक क्षेत्र जो बोली लगाने के दसवे राउंड में सम्मिलित हैं वे हैं- अररिया, पूर्णिया, कटिहार, किशनगंज, अरवल, जेहानाबाद, भोजपुर, बक्सर, शेखपुरा, जमुई, खगरिया, सहरसा, मधेपुरा, लखीसराइ, मुंगेर, भागलपुर, मुजफ्फरपुर, वैशाली, सारण, समस्तीपुर, नवादा।

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