Rajgir | Malmas Kab Lagega | Malmas 2023 | तपोवन और राजगीर में मलमास शुरू

Rajgir | Malmas Kab Lagega | Malmas 2023 | तपोवन और राजगीर में मलमास शुरू- Anj News Media
Rajgir | Malmas Kab Lagega | Malmas 2023 | तपोवन और राजगीर में मलमास शुरू- Anj News Media

गया, (अंज न्यूज़ मीडिया)

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Rajgir में मलमास मेला शुरू हो गया। यह एक महीने तक चलने वाला मेला है। यह विश्व प्रसिद्ध मेला राजगीर और तपोवन में प्रारंभ हो चूका है। धार्मिक मंत्रोच्चारण के साथ मेले की हुई शुरुआत। ज्ञात हो राजगीर के ऐतिहासिक महत्त्व से ही जुड़ा हुआ पावन धार्मिक स्थल है तपोवन। जो धार्मिक ग्रंथों में वर्णित है। 

Malmas 2023: Malmas (मलमास), जिसे अधिक मास या पुरूषोत्तम मास भी कहा जाता है। जो सीधे धार्मिकता से जुड़ा है। ज्ञात हो हिंदू कैलेंडर का यह एक अतिरिक्त महीना है। मलमास को किसी भी शुभ कार्य जैसे शादी, गृहप्रवेश या नए उद्यम शुरू करने के लिए अशुभ महीना माना जाता है। हालाँकि, व्रत, दान और मंत्र जाप जैसे धार्मिक कार्यों के लिए अच्छा समय माना जाता है। जो सुख- समृद्धि और शांति  का द्योतक है।  

Malmas 2023 Start Date: वर्ष 2023 में यह मलमास 18 जुलाई से प्रारंभ हुआ। जो आगामी 16 अगस्त को होगा ख़त्म।

मलमास से जुड़ी कुछ मान्यताएं और प्रथाएं:

ऐसा माना जाता है कि मलमास के दौरान सूर्य की ऊर्जा कमजोर होती है, इसलिए इसे शुभ कार्यों के लिए अच्छा समय नहीं माना जाता है।

कुछ लोगों का मानना है कि मलमास के दौरान विवाह शब्द का जिक्र करना भी अशुभ होता है।

दूसरों का मानना है कि मलमास के दौरान धार्मिक गतिविधियां करना ठीक है, जब तक कि वे शुभ घटनाओं से संबंधित न हों।

मलमास के दौरान शरीर और मन को शुद्ध करने के उपाय के रूप में उपवास करना भी आम है।

बिहार के गया जिले में मलमास मनाया जाता है। गया हिंदुओं के लिए एक प्रमुख उत्तम तीर्थ स्थल है। इस दौरान मलमास वह समय होता है जब बहुत से लोग अपने पूर्वजों को तर्पण करने के लिए आते हैं।

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मलमास के दौरान गया के विष्णुपद मंदिर में मेला लगता है। इस मेले को मलमास मेले के नाम से जाना जाता है और यह पूरे भारत से हजारों लोगों को आकर्षित करता है। यह मेला लोगों को अपने पूर्वजों के लिए प्रार्थना करने और उनका आशीर्वाद लेने के लिए आने का समय है।

मलमास के दौरान गया में विष्णुपद मंदिर में मेले के अलावा अन्य धार्मिक आयोजन भी होते हैं। इन आयोजनों में पूजा, भजन और कीर्तन शामिल हैं। मलमास के दौरान लोग गया के अन्य मंदिरों जैसे तपोवन कपिलेश्वर मंदिर और गया देवी मंदिर भी जाते हैं।

मलमास आध्यात्मिक चिंतन और नवीनीकरण का समय है। यह लोगों के लिए अपने पूर्वजों से जुड़ने और उनका मार्गदर्शन लेने का समय है। यह लोगों के लिए एक समुदाय के रूप में एक साथ आने और अपने साझा विश्वास का जश्न मनाने का भी समय है।

Tapovan Malmas Mela 2023, Gaya: 

Tapovan Malmas Mela 2023: तपोवन मलमास मेला त्रिवार्षिक हिंदू तीर्थयात्रा है हीं, मेला भी। जो गया- तपोवन और राजगीर बिहार में बड़े धूमधाम से आयोजित किया जाता है। 

यहां मलमास आयोजित किया जाता है। जो हिंदू कैलेंडर का 13वां महीना है। यह मेला भगवान विष्णु की पूजा को समर्पित है और इसमें पूरे भारत से लाखों तीर्थयात्री शामिल होते हैं। यह मेला तपोवन धार्मिक गर्मजल कुंड सहित राजगीर, फल्गु नदी तट के विष्णुपद संगम पर लगता है। 

मेले का मुख्य आकर्षण तपोवन धार्मिक गर्मजल कुंड सहित राजगीर, फल्गु नदी में किया जाने वाला धार्मिक स्नान है। तीर्थयात्रियों का मानना है कि तपोवन मलमास मेले के दौरान फल्गु नदी में स्नान करने से उनके पापों से मुक्ति मिल जाती है। और उन्हें असीम शांति मिलती है। जिससे जीवन धन्य हो जाता है। 

मेले में कई अन्य धार्मिक और सांस्कृतिक कार्यक्रम भी होते हैं, जैसे पूजा (प्रार्थना), भजन, कथा (धार्मिक प्रवचन), और लोक नृत्य। मेले में काफी अच्छी व्यवस्था प्रशासन और पर्यटन विभाग की ओर से की गई है। इसमें गया जिला प्रशासन और नालंदा जिला प्रशासन की बेहतर भूमिका है। जिससे मलमास मेला अति सुन्दर दृश्य को और भी मनमोहक बनाया है।  

कुछ खास स्थान है। जहाँ गया जिले में मलमास मनाया जाता है। उनमें :

प्राचीन विष्णुपद मंदिर तथा ऐतिहासिक तपोवन के कपिलेश्वर मंदिर। 

राजगीर मलमास के बारे में कुछ जानकारी:

राजगीर मलमास मेला त्रिवार्षिक हिंदू तीर्थयात्रा और मेला है। जो राजगीर, बिहार में आयोजित होता है। यह मेला भगवान विष्णु की पूजा को समर्पित है और इसमें पूरे भारत से लाखों तीर्थयात्री शामिल होते हैं। गया जी में यह मेला तपोवन में गर्म कुंड के ब्रह्म कुंड संगम पर आयोजित किया जाता है। 

Malmas Kab Lagega: 2023 में मलमास या अधिक मास मंगलवार, 18 जुलाई, 2023 को शुरू हुई और आगामी महीने के बुधवार, 16 अगस्त, 2023 को समाप्त होगा। यह एक पवित्र हिंदू महीना है। जिसे कुछ गतिविधियों के लिए अशुभ भी माना जाता है। हालाँकि, भगवान विष्णु की पूजा के लिए बिल्कुल पवित्र महीना माना जाता है।

Malmas Kab Hai: यहां 2023 में मलमास की तारीखें दी गई है:
  • आरंभ तिथि: मंगलवार, 18 जुलाई, 2023
  • अंतिम तिथि: बुधवार, 16 अगस्त, 2023
यहां कुछ ऐसे कार्य बताए गए हैं। जो मलमास के दौरान अशुभ माने जाते हैं:
  • शादी होना
  • नया व्यवसाय शुरू करना
  • नये घर में जा रहे हैं
  • नई कार या संपत्ति खरीदना
  • कोई बड़ी निर्माण परियोजना शुरू करना
हालाँकि, मलमास के दौरान कुछ ऐसे कार्य हैं ! जिन्हें शुभ भी माना जाता है:
  • भगवान विष्णु की पूजा करें
  • उपवास
  • पवित्र ग्रंथों का पाठ करना
  • मनन करना

Malmas: यदि आप ऊपर सूचीबद्ध किसी भी गतिविधि को करने की योजना बना रहे हैं, तो उनकी सलाह लेने के लिए किसी हिंदू ज्योतिषी या पुजारी से परामर्श करना महत्वपूर्ण है। 

Malmas Kab Lagega : 

जाहिर हो मलमास की प्रारंभ तिथि मंगलवार, 18 जुलाई 2023 है। आज से शुरू हुई यह धार्मिक मेला।

Rajgir Malmas Mela 2023: 

जो तपोवन सहित राजगीर, बिहार में आयोजित होता है। तीर्थयात्रियों का मानना है कि मलमास मेले के दौरान स्नान करने से पापों से मुक्ति मिलती है और उन्हें शांति मिल जाती है।

Rajgir Malmas Mela: 

गया ज़िले के मोहड़ा प्रखंड के तपोवन में भी इस मेले की आगाज हो चुकी है। यह तपोवन टेटारू ग्राम के पावन तपः भूमि पर अवस्थित है। ज्ञात हो राजगीर और तपोवन में यह मेला एक साथ लगती है। तपोवन- राजगीर मलमास मेला प्रमुख पर्यटन केंद्र है। जिसका सीधा महत्त्व धार्मिकता से जुड़ा हुआ है।

यह धार्मिक आकर्षण का केंद्र है। हिंदू धर्म की समृद्ध संस्कृति और परंपराओं का अनुभव करने का शानदार पर्यटन स्थल है। जहाँ असीम शांति की अनुभूति होती है। यदि आप मलमास मेले के दौरान बिहार आने की योजना बनाएं  हैं, तो अपने यात्रा कार्यक्रम में गया जिले के तपोवन और नालंदा जिले के राजगीर को अवश्य शामिल करें। यात्रा फलदायी होगी।

जाहिर हो भगवान श्रीहर श्रीहरि विष्णु की पूजा के लिए यह पवित्र महीना है। जो धार्मिक आस्था से ओतप्रोत है। तपोवन और राजगीर के तप्त जल कुंड में पावन स्नान कर भगवान श्रीहर विष्णु का ध्यान- पूजन करें, कल्याण होगा ही, जीवन सुखमय भी। मान्यता ऐसी।

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