गया, 23 अगस्त (अंज न्यूज़ मीडिया) Sarjari की सफलता की कहानी। श्रवण श्रुति की मिली मदद, अपने माता-पिता की आवाज सुन सकेगी टेकारी की स्वीटी।
Sarjari | जिला के अब तक 23 बच्चों की सर्जरी कर कानपुर में किया गया कॉकलियर इंप्लाट : Gaya DM
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गया जिले के सुदूरवर्ती क्षेत्र टेकारी की मेघा की उम्र 4 साल है. जब वह दो साल की थी तब अक्सर माता-पिता के पुकारे जाने पर वह अपनी प्रतिक्रिया नहीं देती थी। माता पिता को यह लगा कि शायद बच्ची को बोलने में समय लगेगा।
इसे लेकर कुछ समय तक तो वे इत्मिनान रहे लेकिन मन में यह बात खटकती रही। उन्होंने महसूस किया कि दूसरे बच्चों की तरह उनकी बच्ची का प्रतिक्रिया नहीं देना कोई साधारण बात नहीं है।
इसे लेकर उन्हें कई अस्पतालों का चक्कर लगाना पड़ा। तब पता चला कि उनकी बच्ची की सुनने की क्षमता प्रभावित है। वह सुन नहीं पाती. स्वीटी का नहीं सुन पाना उसके माता-पिता के लिए एक बड़ी परेशानी का सबब बन गया। ना तो इतना पैसा था कि वह इलाज में खर्च कर सकें ना ही किसी बड़े अस्पताल में जाने के संसाधन।
इस बीच गांव की आशा दीदी ने उनके इस परेशानी को हल कर दिया। आशा दीदी ने स्वीटी के पिता चंद्र दास को यह बताया कि स्वास्थ्य विभाग द्वारा ऐसे बच्चों के कानों की जांच की जाती है और किसी परेशानी होने पर इसका इलाज किया जाता है।
उसने बताया कि इसके लिए श्रवण श्रुति कार्यक्रम के तहत कैंप लगाया जाता है। इस जानकारी के बाद चंद्र दास अपनी बच्ची को लेकर टेकारी के मुससी आगनवाड़ी सेंटर पहुंचे और वहां राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम चिकित्सा दल द्वारा स्क्रीनिंग करवाया गया।
फिर बच्ची के कानों की आवश्यक जांच व इलाज की प्रक्रिया स्वास्थ्य विभाग द्वारा प्रारंभ की गयी। स्वीटी का कानपुर के चिकित्सकों द्वारा स्क्रीनिंग करवाया गया। बेरा टेस्ट करवाया गया तथा स्वीटी को विशेष जांच के लिए कानपुर भेजा गया। परसो यानी 21 अगस्त 2023 को टेकारी की स्वीटी का सफलतापूर्वक सर्जरी करते हुए कॉकलियर इंप्लाट लगाया गया।
Sarjari | ज़िले के 39 बच्चे को Sarjari हेतु अंतिम कागजी प्रक्रिया में है, बहुत जल्द ही यह बच्चे भी अपने माता पिता की आवाज सुन सकेंगे
चंद दास बताते हैं कि वह किसान हैं, खेती करके अपने परिवार का जीविकोपार्जन करते हैं। श्रवण श्रुति की मदद से उन्हें काफी लाभ मिला है. उनका कहना है कि उनकी आर्थिक स्थिति इतनी अच्छी नहीं है कि वह बच्ची की सर्जरी कर सके।
इस Sarjari और इलाज में गया जिलाधिकारी डॉ० त्यागराजन एसएम की विशेष पहल से स्वास्थ्य विभाग की काफी मदद मिली है और सभी खर्च सरकार द्वारा वहन किये गये हैं।
23 बच्चों को मिली श्रवण श्रुति की मदद:
जिला में श्रवण श्रुति कार्यक्रम की मदद से 23 बच्चों के कानों की सफल सज्ररी की जा चुकी है। इन बच्चों के सर्जरी कर कॉकलियर इंप्लाट किया गया है। अब ये बच्चे अपने मां-बाप आवाजें सुन सकेंगे। Sarjari के बाद इन बच्चों के माता-पिता के चेहरे पर मुस्कान है। उन्हें अब आशा हैं कि वह अपने बच्चों की बोली सुन सकेंगे। बच्चे अपने मातापिता को प्रतिक्रियाएं दे सकेंगे।
श्रवण श्रुति कार्यक्रम की मदद से कानपुर स्थित मेहरोत्रा ईएनटी अस्पताल में इन बच्चों की सर्जरी की गयी। इनमें बोधगया के तीन, शेरघाटी एक, टेकरी 9, बेलागंज 2, इमामगंज तीन, मोहनपुर दो, मानपुर एक, परैया एक, बांके बाजार एक, गुरुआ के एक और वजीरगंज के एक बच्चे शामिल हैं।
स्वस्थ्य भविष्य की जिलाधिकारी ने की कामना:
श्रवण श्रुति कार्यक्रम का अनुश्रवण जिलाधिकारी डॉ० त्यागराजन एस एम द्वारा नियमित रूप से सभी संबंधित पदाधिकारियों के साथ समीक्षा करते हैं। साथ ही पहले जितने भी सर्जरी हो चुके हैं।
उन बच्चों में वर्तमान स्थिति का भी जानकारी लेते हैं। जिलाधिकारी ने बताया कि श्रवण श्रुति कार्यक्रम की मदद से ऐसे सभी बच्चे जो सही प्रकार से नहीं सुन पाते या पूरी तरह से बहरापन के शिकार है।
उनके Sarjari और इलाज की पूरी व्यवस्था सरकार द्वारा की जायेगी। उन्होंने सर्जरी हुए बच्चों के स्वस्थ्य भविष्य की कामना करते हुए उनके माता-पिता को बच्चों की नियमित थेरेपी की सलाह दी है। बच्चों के बेहतर खानपान पर भी ध्यान देने के लिए कहा है।
स्क्रीनिंग की संख्या को बढ़ाने का हो रहा काम:
ज़िलाधिकारी ने बताया कि जिला एवं प्रखंड स्तर में कैंप लगाकर बच्चों की स्क्रीनिंग की संख्या को बढ़ाया जा रहा है। अधिक से अधिक ऐसे बच्चों को चिन्हित करने का काम किया जा रहा है।
जो बहरापन के शिकार हैं। ऐसे बच्चों के माता-पिता अपने नजदीकी सरकारी स्वास्थ्य केंद्र के प्रभारी चिकित्सक से मिलकर इसके बारे में विस्तार से जानकारी ले सकते हैं। साथ ही जयप्रकाश नारायण अस्पताल में बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के समन्व्यक से मिल सकते हैं।
कानपुर में टेकारी की स्वीटी का सफलतापूर्वक किया गया Sarjari
गया के सिविल सर्जन (CS) ने बताया बच्चों की स्क्रीनिंग के बाद आवश्यक जांच किया जाता है। बहरापन के शिकार बच्चों के इलाज के लिए पूरी व्यवस्था स्वास्थ्य विभाग कर रही है। ज़िले में अबतक 325877 बच्चे को स्क्रीनिंग किया जा चुका है।
जाहिर हो 735 बच्चे को बेरा जांच हेतु रेफर किया गया था। 416 बच्चे बेरा जांच पूर्ण की गई। जिसमे 81 बच्चे बेर पॉजिटिव तथा 335 बच्चे बेरा निगेटिव पाए गए। कुल 23 बच्चे को सफलतापूर्वक कॉकलियर इंप्लाट मशीन लगा दिया गया है। 39 बच्चे को मशीन लगाने हेतु कागजी प्रक्रिया अंतिम चरण में है। उन्हें भी जल्द ही कॉकलियर इंप्लाट करवाया जाएगा। Sarjari कारगर साबित हो रहा है।