गया, (अंज न्यूज़ मीडिया) गयाजी Shradh के प्रमुख पिंडवेदियां रिपोर्ट में वर्णित है। Shradh 2023 की 45 मुख्य मोक्षदायिनी वेदी है। Shradh 2023 Dates
ज्ञात हो गया मोक्षभूमि है। इस गयाजी में मुख्य रूप से 45 पिंडवेदी पर अपने पितरों- पूर्वजों को पिंडदान के जरिये मोक्ष दिलाने की प्रथा है। मान्यता ऐसी है पिंडदान- shradh से पितरों को सद्गति मिलती है। जो धार्मिक ग्रंथों में वर्णित है। मुख्य रूप से श्राद्ध श्रद्धा से जुड़ी हुई है। मुख्य मान्यता यह है की फल्गु नदी के बालू के पिंडदान से ही पूर्वजों को मुक्ति मिल जाती है। विशेष किसी सामग्री की जरुरत नहीं। शेष कार्य वैकल्पित है। यहां सिर्फ आस्था की पूजा है। पूर्वजों को मुक्ति मिलती या ना मिलती ! वह अँधेरे में है। जो पिंडदानियों के अपनी श्रद्धा और विश्वास पर आधारित कर्म है। मूलतः यह पितृपक्ष बुजुर्गों का मेला है। जो विश्व प्रसिद्ध राजकीय मेला है।
डीएम त्यागराजन ने किया मुख्य पिंडवेदियों का गहन निरीक्षण:
पितृपक्ष मेला 2023 के सफल आयोजन तथा देश विदेश से आने वाले तीर्थयात्रियों को बेहतर से बेहतर सुविधा उपलब्ध कराने के उद्देश्य से सभी वेदी स्थल पर पूर्व से किये जाने वाले आधारभूत सुविधाओं यथा साफ-सफाई, पेयजल व्यवस्था, पर्याप्त टॉयलेट, तालाब के काई की सफाई, सीढ़ी की मरम्मति, घाटों/ रास्तों/ तालाबों/ सरोवर में पर्याप्त रोशनी, भीड़ नियंत्रण की वैकल्पिक व्यवस्था, नियमित बिलीचिंग पाउडर का छिड़काव, कुंडों की सफाई, यात्रियों को बैठकर तर्पण करने की व्यवस्था आदि की तैयारियों का जायजा जिलाधिकारी डॉ० त्यागराजन एसएम द्वारा वेदी स्थल एवं कुंड स्थल जाकर, घूम कर देखा गया।
विदित हो कि इस वर्ष पितृपक्ष मेला 28 सितंबर से प्रारंभ होगा। जिसका समापन आगामी 14 अक्टूबर को होगा।
इस 15 दिनों में बड़ी संख्या में पिंडदानी तीर्थयात्री अपने पूर्वजों का तर्पण- पिंडदान करने यहां आते हैं। गया जिला प्रशासन द्वारा हर स्तर पर उनकी सुविधाओं को उपलब्ध करवाने के लिए बेहतर से बेहतर कार्य करवाया जाता है। ताकि पिंडदानियों को कोई परेशानी ना हो। उन्हें कोई असुविधा नहीं हो, जिला प्रशासन इसका ख्याल रखते हुए पितृपक्ष मेले की तैयारी करते हैं।
डीएम त्याग ने अधिकारियों को दिया कई टीप्स:
निरीक्षण के कड़ी में गया डीएम डॉ त्यागराजन द्वारा मुख्य पिंडवेदियों जैसे अक्षयवट वेदी स्थल का जायजा लिया गया। पिछले वर्ष यहां परिसर में जल जमाव की शिकायत प्राप्त हुई थी। इसे देखते हुए इस वर्ष कई आवश्यक कदम उठाये गए हैं। जिनमे सेफ्टी टैंक के ऊपर अच्छे गुणवत्ता वाले नाले निर्माण कराने का निर्देश दिए हैं। अक्षयवट के सामने उच्च क्वालिटी वाले ड्रेनेज सिस्टम बनवाने का निर्देश दिए हैं। नगर आयुक्त को निर्देश दिया है कि अक्षयवट से ब्रह्मायोणी पहाड़ जाने वाले रास्ते को समतल करवाएं साथ ही आसपास रोड पर अतिक्रमण कर खोले रखे हुए खटाल को अभिलंब जांच कराते हुए अतिक्रमण मुक्त करावें।
अक्षयवट मोड़ के समीप कल्वर्ट को भरकर ऊपर से सड़क निर्माण होने के कारण जलजमाव की बात बताई गई। इस पर जिला पदाधिकारी ने गंगाजल के कार्यपालक अभियंता तथा नगर निगम के अभियंता को आपस में समन्वय कर अगले 3 दिनों के अंदर अक्षयवट के बाहर ड्रेनेज सिस्टम दुरुस्त करवाने का निर्देश दिए।
इसके उपरांत समुदायिक भवन अक्षयवट का निरीक्षण किया गया। वहां भी जिला पदाधिकारी ने सभी टॉयलेट को मरम्मत, पानी की व्यवस्था, पंखा , लाइट इत्यादि की व्यवस्था, साफ-सफाई की व्यवस्था, पानी निकासी की व्यवस्था करने तथा उक्त सभी कार्य को तेजी से आकलन कर काम करवाने का निर्देश दिया। उन्होंने थोड़ी बहुत गंदगी देखकर निर्देश दिया कि रंगाई-पुताई का भी काम तेजी से करवा लें।
रुक्कमिनी तालाब के निरीक्षण के दौरान अनुमंडल पदाधिकारी सदर को निर्देश दिया कि तालाब के आसपास एवं पहाड़ियों के तलहटी में नए-नए अनेक भवन के कंस्ट्रक्शन का काम चल रहा है। अनुमान है कि यह सभी अतिक्रमण कर अवैध कंस्ट्रक्शन है। इसे नगर निगम एवं अनुमंडल पदाधिकारी संयुक्त रूप से अभियान चलाकर जांच करें। साथ ही उन्होंने कहा कि सूचना प्राप्त हुई है कि संध्या के समय में यहां असामाजिक तत्वों का जमावड़ा रहता है। इसे लेकर विष्णुपद थाना पूरी सक्रियता के साथ औचक छापेमारी का कार्य करे। उन्होंने कहा इस इलाके में नियमित तौर पर रात्रि गश्ती अनिवार्य है।
तालाब के बाउंड्री वाल में लगे ग्रिल को असामाजिक तत्वों द्वारा उखाड़ देने को लेकर निर्देश दिया कि नए सिरे से अच्छे गुणवत्ता वाले बाउंड्री वाल में ग्रिल लगवाना सुनिश्चित करें ताकि पिंडदानी यात्रियों को कोई परेशानी ना हो। साथ ही निर्देश दिया कि अभी से लेकर पितृपक्ष मेला के समापन अवधि तक 2 होमगार्ड अक्षयवट तथा रुक्मिणी तालाब की देखरेख के लिए प्रतिनियुक्त किया जाय। अक्षयवट एवं रुक्कमिनी तालाब के समीप रोशनी की पर्याप्त व्यवस्था रहे। इसे सुनिश्चित करावें। साथ ही नगर निगम ने बताया कि इस स्थान पर हाई मास्ट लाइट लगाने का कार्य भी किया जा रहा है। जिलाधिकारी त्यागराजन ने निर्देश दिया कि अक्षयवट रुक्मिणी वेदी स्थल में कई जगह पर टाइल्स टूटे हुए हैं। इसे अच्छे से आकलन कर अभी से ही मरम्मत करवाना चालू करावें।
डीएम ने प्राचार्य को लगाई फटकार:
रुकमणी तालाब के पीछे बने प्लस टू चंद्रशेखर उच्च विद्यालय के बाहर जमा पानी को देखकर जिलाधिकारी ने नाराजगी व्यक्त करते हुए उक्त विद्यालय के प्राचार्य को फटकार लगाते हुए निर्देश दिया कि विद्यालय के मेंटेनेंस फंड से विद्यालय के बाहर पेवर ब्लॉक तथा सोख्ता का निर्माण करावें। जिससे विद्यालय की खूबसूरत और भी निखर जाएगी। विद्यालय के टॉयलेट को भी नियमित रूप से साफ-सफाई करवाएं।
इसके उपरांत ब्रह्मसत तालाब का निरीक्षण किया। कागबली पिंडवेदी स्थल के पास लगे प्याऊ को अविलंब चालू करवाने का निर्देश दिया। इसके उपरांत वैतरणी तालाब के निरीक्षण के दौरान नगर निगम को निर्देश दिया कि तालाब में जमे काई को अच्छे से साफ करावें। नियमित तौर पर ब्लीचिंग पाउडर का छिड़काव करवाते रहें ताकि पानी में गंदगी ना फैले।
निरीक्षण के क्रम में नगर आयुक्त नगर निगम गया, उप विकास आयुक्त, सहायक समाहर्ता, अपर समाहर्ता, अनुमंडल पदाधिकारी सदर, वरीय उप समाहर्तागण, विभिन्न विभागों के अभियंतागण सहित अन्य पदाधिकारी मौजूद थे।