Vishwakarma Society: उपेक्षित विश्वकर्मा समाज को राजनैतिक भागीदारी दे सरकार : डी. कालिदास

विश्वकर्मा समाज के कर्मठ नेता डी. कालिदास विश्वकर्मा

उसने ठाना ! राज्य सभा सीट से चुनावी मैदान में उतर कर भाग्य आज़माएँगे 
Advertisement

पिछड़ते समाज को मुख्यधारा से जोड़ने की है उनकी पहल


दिल्ली : समाज के एक होनहार सपूत ने राजनीति की ओर कदम बढ़ाया है, सफलता की उम्मीद के साथ। सच, हौसला और जुनून हो तो राह बनते देर नहीं लगती है। जगजाहिर है कि हथौड़े के बल पर विश्व की सृष्टि हुई है। इस अनोखे विश्व का विश्व शिल्पी हैं भगवान बाबा विश्वकर्मा। जिनकी महिमा अपरम्पार है। बाबा विश्वकर्मा की असीम कृपा से राजनैतिक बुलंदी को छूने की पहल जारी है। 

Vishwakarma Society: उपेक्षित विश्वकर्मा समाज को राजनैतिक भागीदारी दे सरकार : डी. कालिदास, AnjNewsMedia
शख़्सियत : डी. कालिदास विश्वकर्मा

समाज का वैसे शख़्सियत हैं डी. कालिदास विश्वकर्मा। जो देश के अखिल भारतीय विश्वकर्मा महासभा के कार्यकारी अध्यक्ष। इतना ही नहीं, इंडिया के 7वें पूर्व राष्ट्रपति स्वर्गीय ज्ञानी जैल सिंह के राजनीतिक सलाहकार भी रह चुके हैं।

महामहिम 7वें पूर्व राष्ट्रपति स्वर्गीय ज्ञानी जैल सिंह को सम्मानित करने का उन्हें सुहाना अवसर मिला था। कालिदास ऐसे शख्स हैं। जिनकी राजनैतिक पकड़ बहुत दमदार है।

Vishwakarma Society: उपेक्षित विश्वकर्मा समाज को राजनैतिक भागीदारी दे सरकार : डी. कालिदास, AnjNewsMedia
कर्मयोगी डी. कालिदास
देश के 7वें राष्ट्रपति
स्वर्गीय ज्ञानी जैल सिंह का
रहे राजनैतिक सलाहकार 

जाहिर हो कर्मयोगी कालिदास 7वें राष्ट्रपति स्वर्गीय जैल सिंह का राजनैतिक सलाहकार रहे और बेहतरीन सलाह दी ही, नीति भी। जो क़ाबिले तारीफ है। वे इन दिनों कठिन संघर्ष करते हुए आगे बढ़ रहे हैं। सच, समाज का कर्णधार हैं। 

जाहिर हो वे राष्ट्रपति की नामांकन सूची पर उनकी निगाहें है। राज्यसभा सीट पाने के लिए वे पुरजोर पहल कर रहे हैं। ताकि उन्हें सफलता मिल सके। और राजनैतिक राह बने। 

वे कहते हैं मेरा कोई गॉड फादर नहीं है। परंतु परम पिता परमेश्वर विश्व शिल्पी जगदगुरू भगवान “विश्वकर्मा” पर मुझे भरोसा है। कि मुझे अपने लक्ष्य में कामयाबी मिलेगा। इसी विश्वास के दम पर राजनीति में पूरी सक्रियता के साथ डटे हुए हैं। कठोर संघर्ष के बल पर चुनावी अखाड़े में भीड़े हुए हैं। चुनावी मैदान में लंगोटा कस कर उतरेंगे चुनावी भीड़ंत के लिए।

डी. कालिदास, ऐसे शख्स हैं। जिनकी राजनैतिक पकड़ बहुत मजबूत है। 

इसी विश्वास के दम पर राजनीति में पूरी सक्रियता के साथ डटे हुए हैं। कठोर संघर्ष के बल पर वे चुनावी अखाड़े में भीड़े हुए हैं। चुनावी मैदान में लंगोटा कस ली है चुनावी मुक़ाबला के लिए। 7वें पूर्व राष्ट्रपति स्वर्गीय जैल सिंह के पूर्व राजनैतिक सलाहकार डी. कालिदास कहते हैं कि हथौड़े की चोट पर मुझे पक्का भरोसा है जीत की। जाहिर हो वे देश के जाने- माने वरिष्ठ पत्रकार हैं। वे समाज ही नहीं, देश का आईना हैं। जिन पर देश को गौरव है।  

उन्होंने कहा केन्द्र सरकार विश्वकर्मा समाज को राजनैतिक भागीदारी दे। क्योंकि देश भर में 16 करोड़ 60 लाख से भी अधिक हमारी जनसंख्या है। फिर भी सरकार हमें उपेक्षा की नजरीय से देखती है। हमारा समाज कठोर कर्मठता की पराकाष्ठा पर टीकी हुई है। बस, उन्हें सही सम्मान देने की ज़रूरत है। केन्द्र की मोदी सरकार से उम्मीद है कि विश्वकर्मा समाज को राजनैतिक भागीदारी देंगे।

हैदराबाद के निवासी हैं डी. कालिदास विश्वकर्मा। ज्ञात हो डी. कालिदास के पिता स्वतंत्रता सेनानी थे। ज्ञात हो डी. कालिदास राजनीति में अब अपना भाग्य आज़माना चाहते हैं। क्योंकि उन्हें राजनीति में भी महारथ हासिल है,और शोहरत भी। बस, एक मौका की तलाश है। विश्वकर्मा के हथौड़े की दम पर इरादा मजबूत है। अगर मौका मिला तो जीत उनकी होगी।

वे कर्म के धनी पुरूष हैं। वैसे व्यक्तित्व वाले इंसान को राज्य सभा में स्थान मिलना चाहिए। तभी विश्वकर्मा समाज का उत्थान हो पाएगा। विश्वकर्मा समाज को उठाने में उनका अहम योगदान है। उनकी निष्ठा और विश्वास से समाज की तरक़्क़ी हुई है। जब राज्य सभा में वे निर्वाचित हो कर जाएँगे तो समाज के चहुँमुखी विकास का कार्य पूरी तन्यमयता के साथ करेंगें।

जिससे विश्वकर्मा समाज सरकार की मुख्यधारा से जुड़ सकेगा, ऐसी उम्मीद है। उपेक्षित विश्वकर्मा समाज को उठाने के लिए निरंतर प्रयासरत है, समाजसेवी डी. कालिदास। 7वें राष्ट्रपति स्वर्गीय जैल सिंह के पूर्व सलाहकार डी. कालिदास कहते हैं कि उपेक्षित विश्वकर्मा समाज को सरकार दे राजनैतिक भागीदारी। 

यदि मौका मिला तो राज्य सभा सीट से चुनाव लड़ कर जीत हासिल करेंगे। और समाज को राजनीति के मुख्यधारा में लाने की पहल करेंगे।


➖AnjNewsMedia

Leave a Comment

You cannot copy content of this page

error: Content is protected !!