Wazirganj Thana GAYA- just the ideal police station to say : सिर्फ कहने भर का आदर्श थाना

आदर्श थाना ! बना रिश्वतखोर थाना

सुशासन में भी थाना की छवि साफ नहीं 

वजीरगंज आदर्श थाने को लोग उपनाम दे रखे हैं- रिश्वतखोर थाने का


गया : वैसे तो वजीरगंज थाना को आदर्श थाना की संज्ञा प्राप्त है। लेकिन थाने का माहैल कुछ और हीं है। आदर्श थाना होते हुए भी वजीरगंज थाना की ऊपरी आमदनी बढ़ गई है। प्रभावित लोगों की जुबां पर है। सबसे बड़ी बीत यह है कि हरेक केस के लिए लोगों को नजराना देनी पड़ी है। यही वजह है कि वजीरगंज आदर्श थाने को लोग एक उप- नाम भी दे रखे हैं- रिश्वतखोर थाना। बोल- चाल की भाषा में यही चलता है। जो चौकाने वाली बात है। सरकार जिस उम्मीद से आदर्श थाना का दर्जा दी थी, वह तार- तार होता दिख रहा है। हरेक कांड में मोटी रकम की मांग होती है। वगैर मोटी रकम के इस आदर्श थाने में कोई भी काम नहीं होता है।

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Wazirganj Thana GAYA- just the ideal police station to say : सिर्फ कहने भर का आदर्श थाना, AnjNewsMedia
Police Station Wazirganj, GAYA  

यह थाना सूबे बिहार के गया जिले के अंतर्गत आता है। जो आजकल काफी सुर्खियों में है। इस थाने के वर्दीधारी, थाने के आदर्श रूपी दर्जा को चटनी की तरह चाट कर गटक गया। जो बेहद दुखदायी है।

गरीब- गुरूआ लोग को कर्ज लेकर भी घूस देना पड़ रहा है। तब जाकर कार्य होता है। वगैर रुपैय के सलामी के थाने में काम नहीं होता है। पुलिस के खिलाफ बोलने का किसी की हिम्मत नहीं होती है। लोग कहते हैं पुलिस से कौन उलझता है। पुलिस की दबंगई से वजीरगंज प्रखंडवासी त्रस्त हैं। यही वजह है की वजीरगंज थाना रिश्वतखोर थाना के रूप में जाना जाता है।

बात 100 प्रतिशत सही है कि थाना में ना आदर्श था, ना आदर्श है और ना आदर्श रहेगा। जगजाहिर है कि इस वजीरगंज थाने से दो पुलिस कर्मी को निगरानी विभाग की टीम ने रिश्वत लेते रंगेहाथ पकड़ी थी। इस थाने का वह काला करतूत इतिहास के पन्नों पर स्वर्णाक्षरों में अंकित है। इस थाने पर घूसखोरी की दाग लगी हुई है। ना जानूँ, फिर भी आदर्श थाना की श्रेणी में यह थाना कैसे आ गया। वह भी एक गंभीर मामला है। मनमानी थमने का नाम नहीं लेता। यही वजह है कि अब पुलिस से आमजनों का भरोसा उठता जा रहा है। 

सच, आदर्श थाना का नाम ही बेईमानी है। ना क्राईम रूका है, ना क्राईम रूकेगा। थाने में आदर्श थाने की कोई गुण नहीं। बस, सिर्फ कहने भर का है आदर्श थाना। 

वास्तविकता यह है कि थाना आदर्श हो हीं नहीं सकता है। जो सौ प्रतिशत सही है।

लोग ठीक हीं कहते हैं थाना तो रिश्तखोर ही होता है, वहां आदर्श हो हीं नहीं सकता है। यह सुशासन की बैमानी है।

सच, थाने में आदर्श ढ़ूढ़ते रह जाओगे पर मिलेगा नहीं। समूचे बिहार में यही स्थिति मिलेगी। जिसे नाकारा नहीं जा सकता है। थाने में घूसखोरी का यह आलम है। लोगों को रूला कर पुलिस लेती है रिश्वत। समझो, मानवता डेड हो गई है। रिश्वत थमने का नाम नहीं लेता। ऊपरी कमाई की परत और भी मोटी हो गई है। हर दिन यह शिकायत मिलती रहती है। लेकिन उनकी दबंगई के आगे कौन टिकता है। सच्चाई यह है कि पुलिसों में आदर्श रहा कहां।

झूठे केस में फँसाने के नाम पर भी रूपैया वसूला जाता है। डरा- धमका कर रूपैया ऐंठता है। जैसे भी रूपैया ऐंठे, ऐंठना उसका काम है। मूल बात है रूपैया आनी चाहिए, जैसे आये। शायद, इसी लिए पुलिस की नौकरी में आया है। बस, रूपैया कमाना हीं उसकी उद्देश्य है। अब सेवा भाव कहाँ रहा। वह तो भाड़ में समाहित हो गया।

सुशासन के नाम पर खूब- धड़ल्ले से चलता है रिश्वतख़ोरी। किसी की औक़ात है कि पुलिस के खिलाफ आवाज दे। वह अपनी झोली भर कर चला जाता है। जनता आँख फाड़ कर देखते रह जाती है। थाना की ऐसी हालात है। वजीरगंज थाना की कमाई सीधे चौगुणी हो गई है। इस थाने के थानेदार बनने के लिए इंस्पेक्टरों की आपाधापी लगी रहती है। क्योंकि इस थाने में बैठे- बैठे अंठेल कमाई है। वजीरगंज प्रखंड की भोलीभाली जनता से इस तरह रूपैया ऐंठ कर चलते बनते हैं वर्दीधारी। जनता देखते रह जाती है। क्योंकि उस बेचारी के पास कोई चारा नहीं। आदर्श थाने के नाम पर जनता से रूपैया उगाही कर लेती है पुलिस। आखिर, जनता करे तो का करे ! इसे कैसे रोके। उसकी समझ से बिल्कुल बाहर है। वास्तव में, पुलिसिया दबंगई के सामने किसी की चलती नहीं।

खाकी वर्दी की जेहन में आदर्श बिल्कुल मर चुका है। वह तो गहना- जेबर बेचवा कर भी रिश्वत ले लेता है। ऐसी मंशा बनी है वर्दी वालों की। सच, यह दाग ना धूलेगा, ना मिटेगा। ऐसी यह दाग है। वे इसी दाग की कमाई खाते अघाते नहीं। थाने में तलाशते रह जाओगे, आदर्श ! मिलेगा नही। केवल कहने भर का आदर्श थाना। सुशासन की सरकार में भी थाना की छवि साफ नहीं।

Wazirganj Thana GAYA- just the ideal police station to say : सिर्फ कहने भर का आदर्श थाना, AnjNewsMedia
Ashok Kumar Anj
Writer Cum World Record Journalist, India 

 

व्यंग्यकार,

अशोक कुमार अंज

वर्ल्ड रिकार्ड्स जर्नलिस्ट

(फिल्मी पत्रकारबाबू)

मुख्य कार्यकारी पदाधिकारी (सीईओ)- अंजन्यूजमीडिया


गया, इंडिया

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