मगही गीत
* जनते हे मालिक *
Advertisement

बिहार मे गरजै, दिली मे दहाड़ै
उ रजनीती के, रननीती बहाड़ै

जनते हे मालिक, करजोड़ले सेबक आवै
धनी जनतेजनारधन, ओहे सता सजावै
भोटर के मिआज, उ तड़तड़ ताड़ै

चुनाब के जनते माय-बाबु, साहेब धुम
जुटै नै सबलिया के जबबिया, साहेब गुम
भोटर करै सबाल, हेकड़ी फाड़ै

झेलै गरीबी, रूखा-सुखा खाय, अउ मलाय मना
महगी झुमै, दुख-दरद जुमै, रजनीती मनमना
झोल लगल बादा, फेर झोल झाड़ै

बिहार मे गरजै…
उ रजनीती …

गीतकार,
अशोक कुमार अंज
साहित्यकार व टीवी पत्रकार
मुख्यमंत्री से सम्मानित तथा आकाशवलाणी- दूरदर्शन से अनुमोदित

वजीरगंज, गया (बिहार)
चलितभाष- ०९९३४७९९८३४

Leave a Comment

You cannot copy content of this page

error: Content is protected !!