Bihar Me Corona Aur Hariyali Par Charcha

 कोरोना से सुरक्षा और सामाजिक दूरी अनिवार्य 

गया : जल जीवन हरियाली अंतर्गत अप्रैल जल जीवन हरियाली दिवस के आयोजन वर्चुअल मोड में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से जल संशाधन विभाग द्वारा आयोजित किया गया। सभी ज़िले में यह कार्यक्रम पूर्वाह्न 10 बजे से 11 बजे तक आयोजित किया गया, जिसका विषय -अधिशेष (सरप्लस) नदी जल क्षेत्र से जल की कमी वाले क्षेत्रों में जल ले जाना है।

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             कोविड 19 से बचाव एवं सुरक्षा के कारण सामाजिक दूरी एवं अन्य निदेशित सावधानियो का पालन करते हुए गया ज़िला में यह कार्यक्रम ज़िला पदाधिकारी, गया श्री अभिषेक सिंह की अध्यक्षता में आयोजित किया गया। 

             आज के जल जीवन हरियाली दिवस का नोडल विभाग जल संशाधन विभाग को कार्यक्रम की ज़िम्मेदारी दी गयी थी। राज्य स्तरीय कार्यक्रम में माननीय मंत्री, जल संशाधन विभाग सह सूचना एवं जन सम्पर्क विभाग श्री संजय कुमार झा ने कहा कि गंगा उदवह योजना अंतर्गत गंगा के जल को नवादा, राजगीर, बोधगया तथा गया के शहरी क्षेत्रों में ले जाने की परियोजना माननीय मुख्यमंत्री जी का एक ड्रीम प्रोजेक्ट है, जिसके माध्यम से इन शहरों के लोगों के लिए पेयजल की कमी होने पर जलापूर्ति की जाएगी। 2022 तक इसका सम्पूर्ण प्रभाव देखने को मिलेगा। हालांकि सितबर 2021 तक राजगीर में पानी ले जाने का समय निर्धारित है। इसके माध्यम से 135 लीटर प्रतिदिन जलापूर्ति करने का लक्ष्य रखा गया है। साथ ही पर्यटकों/पिंडदानियों के लिए भी जलापूर्ति का लक्ष्य रखा गया है। उन्होंने कहा कि लगभग 2050 तक शुध्द पेयजल उपलब्ध कराने का कार्यक्रम तैयार करना चाहिए। उन्होंने कहा कि गंगा जल उदवह योजना भविष्य में जल प्रबंधन के क्षेत्र में क्रांतिकारी कदम साबित होगी। 

             पूर्व मुख्य सचिव सह माननीय मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव श्री दीपक कुमार ने इस अवसर पर कहा कि राज्य के सभी ज़िला पदाधिकारी को एक ऐसा प्रोजेक्ट तैयार करना चाहिए, जिससे वर्षा/बाढ़ के समय नदी के जल को संग्रहित किया जा सके। 

              कार्यक्रम में जल संशाधन विभाग के सचिव श्री संजीव हंस ने आगत अतिथियों का स्वागत करते हुए कहा कि जल जीवन हरियाली दिवस के अवसर पर आज के परिचर्चा के विषय सामयिक है। उन्होंने कहा कि गंगा जल उदवह योजना के बन जाने से नवादा, राजगीर, बोधगया/गया के शहरी क्षेत्रों में पेयजल की समस्या काफी हद तक दूर हो जाएगी। उन्होंने कहा कि मौनसून अवधि में लगभग 76% जल प्राप्त होता है, जिसका उपयोग हम इसे संग्रहित करके कर सकते हैं। मौनसून अवधि में गंगा जल को लिफ्ट करके राजगीर/गया में संग्रहित किया जाएगा, जिसका उपयोग गर्मी के दिनों में पेयजल के रूप में हम कर सकेंगे। कार्यक्रम में गंगा जल उदवह योजना के संबंध में एक वृतचित्र का प्रदर्शन किया गया।

              मुख्य अभियंता, लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग, बिहार श्री अशोक कुमार ने बताया कि राज्य के जिन क्षेत्रों में पानी की समस्या है अथवा पानी की गुणवत्ता ठीक नहीं है, वहाँ नदियों के माध्यम से जलापूर्ति की जा रही है। उन्होंने कहा कि अब हमें पेयजल हेतु सरफेस वाटर पर निर्भरता बढ़ाना चाहिए।

              गया ज़िला में इस कार्यक्रम में जिला पदाधिकारी, निदेशक, डीआरडीए, कार्यपालक अभियंता, भवन निर्माण, जल संशाधन विभाग/लघु जल संशाधन विभाग, शिक्षा विभाग के पदाधिकारी सहित अन्य पदाधिकारी उपस्थित थे।

➖AnjNewsMedia

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