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Delhi News : केन्द्रीय मंत्रिमंडल द्वारा ”सहकारिता के क्षेत्र में विश्‍व की सबसे बड़ी अन्‍न भंडारण योजना“ के लिए एक अंतर-मंत्रालयीय समिति (आईएमसी) के गठन और सशक्‍तिकरण को मंज़ूरी। 

केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने आज प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्‍यक्षता में कृषि और किसान कल्‍याण मंत्रालय, उपभोक्‍ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्रालय तथा खाद्य प्रसंस्‍करण उद्योग मंत्रालय की विभिन्‍न योजनाओं के मेल से ”सहकारिता के क्षेत्र में विश्‍व की सबसे बड़ी अन्‍न भंडारण योजना“ के लिए एक अंतर-मंत्रालयीय समिति (आईएमसी) के गठन और सशक्‍तिकरण को मंज़ूरी प्रदान की।

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योजना का प्रोफेशनल तरीके से समयबद्ध और एकरूपता के साथ कार्यान्‍वयन सुनिश्चित करने के लिए सहकारिता मंत्रालय देश के विभिन्‍न राज्‍यों/संघराज्‍य क्षेत्रों में कम से कम 10 चुने हुए जिलों में एक पायलट परियोजना चलाएगा। यह पायलट प्रोजेक्ट, इस योजना की विभिन्‍न क्षेत्रीय आवश्‍यकताओं के संबंध में महत्‍वपूर्ण जानकारी प्रदान करेगा जिसे इस योजना के देशव्‍यापी कार्यान्‍वयन में शामिल किया जाएगा।    

कार्यान्‍वयन : 

मंज़ूर व्‍यय और निर्धारित लक्ष्‍यों के भीतर चुने गए ‘वायबल’ प्राथमि‍क कृषि क्रेडिट समितियों (PACS) में कृषि और संबंधित उद्देश्यों के लिए गोदाम आदि के निर्माण के माध्यम से ‘सहकारिता क्षेत्र में विश्‍व की सबसे बड़ी अन्‍न भंडारण योजना‘ के लिए संबंधित मंत्रालयों की योजनाओं के दिशानिर्देशों/कार्यान्‍वयन पद्धतियों में आवश्‍यकता के अनुसार संशोधन करने के लिए सहकारिता मंत्री की अध्‍यक्षता में अंतर-मंत्रालयीय समिति (आईएमसी) का गठन किया जाएगा जिसमें कृषि और किसान कल्‍याण मंत्री, उपभोक्‍ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्री, खाद्य प्रसंस्‍करण उद्योग मंत्री और संबंधित मंत्रालयों के सचिव, सदस्‍य के रूप में शामिल होंगे।

इस योजना को संबंधित मंत्रालयों की चिह्नित योजनाओं के तहत उपलब्‍ध कराए गए परिव्‍यय का उपयोग कर कार्यान्वित किया जाएगा।  इस योजना के तहत कन्वर्जेंस के लिए निम्‍नलिखित योजनाएं चिह्नित की गई हैं:

  • (क) कृषि और किसान कल्‍याण मंत्रालय:-
  • कृषि अवसंरचना कोष (AIF),
  • कृषि विपणन अवसंरचना योजना (AMI),
  • एकीकृत बागवानी विकास मिशन (MIDH),
  • कृषि यांत्रिकीकरण पर उपमिशन (SMAM)
  • (ख) खाद्य प्रसंस्‍करण उद्योग मंत्रालय:-
  • प्रधानमंत्री सूक्ष्‍म खाद्य उद्यम उन्‍नयन योजना (PMFME),
  • प्रधानमंत्री किसान संपदा योजना (PMKSY)
  • (ग) उपभोक्‍ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्रालय:-
  • राष्‍ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के अंतर्गत खाद्यान्‍नों का आवंटन,
  • न्‍यूनतम समर्थन मूल्‍य पर खरीद
  • योजना के अनुमानित लाभ  

मौजूदा योजना बहुआयामी है- यह न केवल पैक्‍स के स्‍तर पर गोदामों के निर्माण द्वारा देश में भंडारण के इन्फ्रास्ट्रक्चर की कमियों को दूर करेगी बल्कि पैक्‍स को कई अन्‍य गतिविधियां करने के लिए भी सक्षम बनाएगी, जैसे:-

  • राज्‍य एजेंसियों/भारतीय खाद्य निगम (FCI) के लिए प्रोक्योरमेंट सेंटर्स के रूप में कार्य करना
  • उचित दर दुकानों (FPS) के रूप में सेवा प्रदान करना
  • कस्‍टम हायरिंग सेंटर्स स्‍थापित करना

कॉमन प्रसंस्‍करण इकाइयां स्‍थापित करना जिसमें कृषि उपजों की जांच, छंटाई, ग्रेडिंग इकाई, आदि शामिल हैं।

इसके अलावा, स्‍थानीय स्‍तर पर विकेंद्रीकृत भंडारण क्षमता बनने से खाद्यान्‍न की बर्बादी कम होगी और देश में खाद्य सुरक्षा मजबूत होगी।

किसानों को विभिन्‍न विकल्‍प प्रदान करके फसलों की बहुत कम मूल्य पर आकस्मिक बिक्री रुकेगी और किसानों को अपनी उपज का बेहतर मूल्‍य प्राप्‍त हो सकेगा।

इससे खरीद केन्द्रों तक और फिर वेयरहाउस से उचित दर दुकानों तक खाद्यान्‍नों के परिवहन में होने वाले व्‍यय में भारी कमी आएगी।

‘Whole of Government’ अप्रोच से यह योजना पैक्‍स को उनकी व्‍यावसायिक गतिविधियों को विविधतापूर्ण बनाकर उन्‍हें सशक्‍त करेगी जिसके परिणामस्वरूप किसानों की आय में भी वृद्धि होगी।

समय-सीमा और कार्यान्‍वयन पद्धति : 

  • मंत्रिमंडलयीय मंज़ूरी के एक सप्‍ताह के भीतर राष्‍ट्रीय स्‍तर की समन्‍वय समिति का गठन किया जाएगा।
  • मंत्रिमंडलयीय मंज़ूरी के 15 दिनों के भीतर कार्यान्‍वयन दिशानिर्देश जारी कर दिए जाएंगे।
  • मंत्रिमंडलयीय मंज़ूरी के 45 दिनों के भीतर पैक्‍स को भारत सरकार और राज्‍य सरकारों के साथ लिंक करने के लिए एक पोर्टल शुरू किया जाएगा ।
  • मंत्रिमंडलयीय मंज़ूरी के 45 दिनों के भीतर प्रस्‍ताव का कार्यान्‍वयन शुरू हो जाएगा।

पृष्‍ठभूमि :- 

भारत के प्रधानमंत्री ने सहकारी समितियों की ताकत को उन्‍हें सफल और जीवंत संस्‍थान बनाने में उपयोग करने के लिए प्रयास करने का आह्वान किया है जिससे ‘सहकार से समृद्धि’ की परिकल्‍पना को साकार किया जा सके। इस परिकल्‍पना को साकार करने के लिए सहकारिता मंत्रालय ‘विश्‍व की सबसे बड़ी अन्‍न भंडारण योजना’ लाया है। इस योजना में पैक्‍स के स्‍तर पर भंडारण गृह, कस्‍टम हायरिंग सेंटर्स, प्रसंस्‍करण इकाई आदि कई तरह की कृषि अवसंरचनाएं स्‍थापित करना शामिल है जिससे पैक्स को बहुउद्देशीय बनाया जा सके। पैक्‍स के स्‍तर पर इन्फ्रास्ट्रक्चर निर्माण और उसके आधुनिकीकरण से पर्याप्‍त भंडारण क्षमता निर्माण से खाद्यान्‍नों की बरबादी में कमी आएगी, देश की खाद्य सुरक्षा सशक्‍त होगी और किसानों को अपनी फसलों का बेहतर मूल्‍य प्राप्‍त होगा।

देश में लगभग 1,00,000 प्राथमिक कृषि क्रेडिट समितियां (पैक्‍स) हैं जिनके सदस्य देश के 13 करोड़ से भी अधिक किसान हैं। भारतीय अर्थव्‍यवस्‍था के कृषि और ग्रामीण परिदृश्‍य को जमीनी स्‍तर पर बदलने और उनकी ज़मीनी स्तर तक गहरी पहुंच का लाभ लेने के लिए पैक्‍स के स्‍तर पर विकेन्‍द्रीकृत भंडारण क्षमता के साथ-साथ अन्‍य कृषि इन्फ्रास्ट्रक्चर निर्माण के लिए यह पहल की गई है जिससे न केवल देश की खाद्य सुरक्षा सुदृढ़ होगी बल्कि पैक्‍स भी एक वायब्रेंट आर्थिक संस्था के रूप में काम कर सकेंगे।

Delhi News- विद्युत मंत्री : 

विद्युत मंत्री आर के सिंह ने सुबनसिरी लोअर हाइड्रोइलेक्ट्रिक परियोजना (2000 मेगावाट) के निर्माण की प्रगति और सुरक्षा पहलुओं की समीक्षा की

केंद्रीय विद्युत तथा नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री श्री आर के सिंह ने नई दिल्ली में एक बैठक में एनएचपीसी लिमिटेड द्वारा अरुणाचल प्रदेश/असम में क्रियान्वित की जा रही सुबनसिरी लोअर जल विद्युत परियोजना (2000 मेगावाट) की समीक्षा की।

विद्युत मंत्री ने निर्माण प्रगति परियोजना से जुड़े सुरक्षा पहलुओं तथा आगामी मानसून को देखते हुए की जाने वाली तैयारियों की समीक्षा की। परियोजना के प्रमुख ने आगामी मानसून महीनों को देखते हुए निर्धारित तकनीकी मानकों के अनुसार सुरक्षा विषयों, इसकी तैयारियों के विवरण के साथ विभिन्न कार्य पैकेजों में हुई प्रगति की स्थिति की जानकारी दी। परियोजना ने बांध कंक्रीटिंग में महत्वपूर्ण प्रगति प्राप्त की है। (14 ब्लॉकों ने 210 मीटर का शीर्ष स्तर हासिल किया और शेष दो ब्लॉक जून, 2023 तक पूरे कर लिए जाएंगे), पिछले 6 महीनों के दौरान 2.5 लाख क्यूबिक मीटर से अधिक कंक्रीट डालने के साथ बांध की ऊंचाई 37 मीटर बढ़ाई गई है। यह महत्वपूर्ण उपलब्धि है। इसके अतिरिक्त पावर हाउस की रिवर फेसिंग दीवार को 116 मीटर की सुरक्षित ऊंचाई तक बढ़ाया गया है और सभी इकाइयों के लिए टेल रेस  चैनल को पूरा कर लिया गया है। वाटर कंडक्टर सिस्टम अब लगभग तैयार है।

केंद्रीय मंत्री ने समीक्षा के बाद कार्य की प्रगति पर संतोष व्यक्त किया और एनएचपीसी को सभी आवश्यक सुरक्षा सावधानियों के साथ आगे बढ़ने का निर्देश दिया। एनएचपीसी के सीएमडी ने आश्वासन दिया कि कंपनी आगामी दिसंबर या जनवरी, 2024 में 250 मेगावाट क्षमता की पहली इकाई को चालू करने के लिए प्रयास कर रही है।

बैठक में विद्युत सचिव, मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी तथा केंद्रीय विद्युत प्राधिकरण और एनएचपीसी के वरिष्ठ अधिकारी शामिल हुए। 

Delhi News- आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के तहत अस्पताल में 5 करोड़ दाखिलों को मंजूरी : 

एबी पीएम-जय योजना के तहत अब तक 61,501 करोड़ रुपये का मुफ्त इलाज किया गया

पीएम-जय योजना के तहत सत्यापित 23.39 करोड़ लाभार्थी देश भर के 28,351 सूचीबद्ध अस्पतालों में से किसी में 5 लाख रुपये तक के मुफ्त इलाज का लाभ उठा सकते हैं

आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (एबी पीएम-जय) ने योजना के तहत 61,501 करोड़ रुपये की राशि से 5 करोड़ अस्पताल में दाखिलों की उपलब्धि हासिल कर ली है। राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण (एनएचए) द्वारा कार्यान्वित की जा रही प्रमुख योजना 12 करोड़ लाभार्थी परिवारों को माध्यमिक और तृतीयक देखभाल के तहत अस्पताल में भर्ती के लिए प्रति परिवार प्रति वर्ष 5 लाख रुपये का स्वास्थ्य कवर प्रदान करती है।

उपलब्धि पर विस्तार से बताते हुए, एनएचए के सीईओ ने कहा – “एबी पीएम-जय को सार्वभौमिक स्वास्थ्य कवरेज प्राप्त करने की दृष्टि से लॉन्च किया गया था। वर्तमान में अपने कार्यान्वयन के पांचवें वर्ष में यह योजना चिकित्सा उपचार के लिए जेब खर्च को कम करके गरीब और कमजोर परिवारों के करोड़ों लाभार्थियों की मदद कर रही है। लगातार प्रयासों से चालू वर्ष में पीएम-जय के लिए कई मील के पत्थर हासिल करने में मदद मिली है। योजना के लाभार्थियों को 9.28 करोड़ आयुष्मान कार्ड जारी करने से लेकर 100% आवंटित धन उपयोग और 1.65 करोड़ अस्पताल में दाखिले के अधिकार को प्राप्त करने तक, वर्ष 2022-23 योजना के लिए उपलब्धियों से भरा रहा है।”

एबी पीएम-जय को दिल्ली, ओडिशा और पश्चिम बंगाल को छोड़कर 33 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में लागू किया जा रहा है। अब तक, 23.39 करोड़ लाभार्थियों को सत्यापित किया गया है और योजना के तहत मुफ्त इलाज के लिए आयुष्मान कार्ड जारी किए गए हैं। एबी पीएम-जय के तहत, लाभार्थियों को को-ब्रांडेड पीवीसी आयुष्मान कार्ड जारी किया जाता है।

पीएम-जय पैनलबद्ध अस्पताल नेटवर्क में देश भर में 28,351 अस्पताल (12,824 निजी अस्पतालों सहित) शामिल हैं। वर्ष 2022-23 के दौरान कुल दाखिलों में से करीब 56 फीसदी (राशि के हिसाब से) निजी अस्पतालों में जबकि 44 फीसदी दाखिले सरकारी अस्पतालों में अधिकृत किए गए हैं।

एबी पीएम-जय लाभार्थी 27 विभिन्न विशिष्टताओं के तहत कुल 1,949 प्रक्रियाओं के अनुरूप उपचार का लाभ उठा सकते हैं। चिकित्सा ऑन्कोलॉजी (कैंसर उपचार), आपातकालीन देखभाल, आर्थोपेडिक और यूरोलॉजी (किडनी से संबंधित बीमारियां) शीर्ष तृतीयक देखभाल विशेषताएँ हैं, जिनके तहत लाभार्थियों द्वारा अब तक उपचार का लाभ उठाया गया है।

इसके अलावा, इस योजना के तहत गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवा तक पहुंच में लैंगिक समानता सुनिश्चित करने के लिए एक सचेत प्रयास किया गया है। अनुकूल नीतियों के परिणामस्वरूप, आयुष्मान कार्ड प्राप्त करने वालों में लगभग 49% महिलाएं हैं और एबी पीएम-जय योजना के तहत कुल अधिकृत अस्पताल में प्रवेश का 48% से अधिक महिलाओं द्वारा लाभ उठाया गया है। इसके अलावा, पीएम-जय के तहत 141 से अधिक चिकित्सा प्रक्रियाएं विशेष रूप से महिलाओं के लिए निर्धारित हैं।

केंद्रीय मंत्रिमंडल ने यूपीयू के साथ भारत के समझौते के बाद नई दिल्ली में सार्वभौमिक पोस्टल यूनियन के क्षेत्रीय कार्यालय की स्थापना को मंजूरी दी : 
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने सार्वभौमिक पोस्टल यूनियन के साथ एक समझौता किया है। इसके अंतर्गत क्षेत्र में विकास सहयोग और तकनीकी सहायता गतिविधियों के लिए नई दिल्ली में सार्वभौमिक पोस्टल यूनियन का एक क्षेत्रीय कार्यालय स्थापित करने को मंजूरी दी गई है।

इस अनुमोदन से भारत, विकासशील देशों (दक्षिण-दक्षिण) और त्रिकोणीय सहयोग को बढावा देने के लिए डाक क्षेत्र के विभिन्न संगठनों में सक्रिय भूमिका निभा सकेगा। भारत सार्वभौमिक पोस्टल यूनियन के क्षेत्रीय कार्यालय के लिए एक फील्ड प्रोजेक्ट विशेषज्ञ, कर्मचारी और कार्यालय स्थापित करेगा। सार्वभौमिक पोस्टल यूनियन के साथ समन्वय करके यह कार्यालय क्षमता निर्माण और प्रशिक्षण, डाक सेवाओं की दक्षता और गुणवत्ता में सुधार,  डाक प्रौद्योगिकी में वृद्धि, ई-कॉमर्स और व्यापार संवर्धन पर परियोजनाएं तैयार करेगा तथा लागू करेगा।  

इससे भारत के राजनयिक संबंधों का विस्तार होगा और अन्य देशों विशेष रूप से एशिया-प्रशांत क्षेत्र में संबंध सुदृढ़ बनाने में मदद मिलेगी। इससे वैश्विक डाक मंचों पर भारत की उपस्थिति बढ़ेगी।
ANJ NEWS MEDIA PRESENTATION

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