Drought Meaning in Hindi | Gaya DM | गया ज़िले में सुखाड़ की स्थिति ! आकलन में जुटे

Drought Meaning in Hindi | Gaya DM | गया  ज़िले में सुखाड़ की स्थिति ! आकलन में जुटे  - Anj News Media
Drought Meaning in Hindi | Gaya DM | गया ज़िले में सुखाड़ की स्थिति ! आकलन में जुटे – Anj News Media

गया, (अंज न्यूज़ मीडिया)

Advertisement
ज़िले में सुखाड़ की उत्पन्न स्थिति को देखते हुए Gaya DM थियागराजन की अध्यक्षता में जिला कृषि टास्क फोर्स की बैठक हुई। ऐसी है Drought Meaning in Hindi. जाहिर हो ज़िले भर में धान की रोपनी प्रभावित है। खेतों में वीरानगी है। ज़िले में अकाल की स्थिति मंडरा रही है। जो बेहद चिंतनीय है। मौसम की मार ऐसी है की बारिश वगैर खेत सूखे पड़े हैं।

वर्षापात का सही आंकड़ा सही तरीके से संधारित करें : डीएम 
नहरों से पर्याप्त सिंचाई सुविधा उपलब्ध कराने का निर्देश
फसलों के आच्छादन पर सतत निगरानी रखें

जिला सांख्यिकी पदाधिकारी ने बताया कि माह जुलाई में 288.90 मि०मी० के विरुद्ध अभी तक 125.45 मि०मी वर्षा हुई है। खरीफ मौसम में माह जून एवं जुलाई में कुल वर्षापात 429.60 मि०मी के विरुद्ध 163.95 मि०मी वर्षा हुई है। ज़िले के टिकारी प्रखंड में सबसे अधिक वर्षा आंकी गई है।

जिला कृषि पदाधिकारी ने बताया कि माह जून के अन्तिम सप्ताह से वर्षा की स्थिति सामान्य रही है। जिससे किसानों द्वारा बिचड़ा गिरा लिया गया है। परन्तु अभी तक धान की रोपनी हेतु पर्याप्त वर्षा नही हुई है। जो चिंतनीय है। जिससे जिले में धान की रोपनी का कार्य प्रभावित है। जिले में धान आच्छादन का लक्ष्य 190186.60 हे० है। जिसके विरुद्ध लगभग 3603 हे० में धान की रोपनी हुई है। सबसे ज्यादा टिकारी प्रखंड में 1046 हेक्टेयर में धान की रोपनी हुई है।

यह रोपनी सोन उच्च स्तरीय नहर से प्राप्त होने वाली सिंचाई सुविधा से हुई है। Gaya DM द्वारा निर्देश दिया गया कि प्रखंडवार रोपनी की वास्तविक स्थिति का जायजा क्षेत्रवार निरीक्षण कर प्राप्त करें। साथ ही निरीक्षण के दौरान किसानों से रोपनी में आने वाली समस्याओं की हर हाल में जानकारी लें। उन्होंने कहा कि आज से ही अपने सभी कृषि विभाग के अनुमंडल कृषि पदाधिकारी, प्रखंड कृषि पदाधिकारी, कृषि समन्वयक सहित अन्य तमाम कृषि से जुड़े पदाधिकारियों को उनके क्षेत्र में भेज कर किसानों से रूबरू होते हुए रोपनी में किया समस्याएं हैं। पानी की कितनी समस्या है। उसका सही- वास्तविक आकलन करें।  स्थिति की बारीकी से जांच करें।

 

जिला पदाधिकारी ने विभिन्न प्रमंडल अन्तर्गत नहरों, तालाबों, नदियों में पानी की स्थिति की पृच्छा की गयी। सोन उच्च स्तरीय नहर प्रमंडल, टिकारी ने बताया कि उनके नहर में पानी पर्याप्त मात्रा में मौजूद है। जिससे टिकारी एवं कोंच तक के किसानों को पानी का लाभ मिल रहा है। सोन उच्चस्तरीय कुर्था प्रमंडल ने बताया कि 12 जुलाई से उनके नहर में पानी प्रवाहित हो रहा है। अगले 1 सप्ताह में रोपनी का कार्य तेजी से होने की उम्मीद है। कार्यपालक अभियंता, तिलैया ढ़ाढ़र नहर प्रमंडल, वजीरगंज ने बताया कि उनके प्रमंडल अन्तर्गत महुयेन नहर में 20 किलोमीटर के एवज में मात्र 8 किलोमीटर में पानी पहुँचा है।

 

मोराताल बतसपुर में पर्याप्त पानी का बहाव है। कार्यपालक अभियंता, सिंचाई प्रमंडल ने बताया कि लीलांजन सिंचाई परियोजना के तहत मुख्य नहर में 27.5 किलोमीटर के एवज में मात्र 16 किलोमीटर कैनाल में पानी पहुँचा है। मोरहर नदी में जलस्त्राव नही होने के कारण अपर मोरहर एवं लोवर मोरहर नहर में पानी नही पहुँचा है।

 

सभी सिंचाई प्रमंडल के कार्यपालक/सहायक अभियंताओं को निर्देश दिया गया कि वे अपने प्रमंडल से संबंधित जलाशयों में उपलब्ध पानी का अधिकतम सदुपयोग करते हुए किसानों को अधिकतम सिंचाई सुविधा उपलब्ध कराएं ताकि किसानों को रोपनी कार्य में सहायता मिल सके। कार्यपालक अभियंता विद्युत को निर्देश दिया गया की गाँव में अनिवार्य रूप से अधिकतम अवधि तक बिजली उपलब्ध कराएं। इसमें कोताही ना बरतें, ना तो लापरवाही करें।

Leave a Comment

You cannot copy content of this page

error: Content is protected !!