बाढ़- सुखाड़ तथा एईएस/ जेई बीमारी से बचाव
गया : जिला पदाधिकारी, गया श्री अभिषेक सिंह की अध्यक्षता में बाढ़ एवं सुखाड़ तथा ए०ई०एस०/ जे०ई० बीमारी से बचाव को लेकर समाहरणालय सभागार में बैठक आयोजित की गई।
जिला पदाधिकारी ने प्रभारी पदाधिकारी जिला आपदा शाखा को निर्देश दिया कि बाढ़ एवं सुखाड़ से संबंधित सभी प्रकार की निविदा का कार्य पूर्ण कर लिया जाए। यदि कोई टेंडर का दर/ रेट के कारण नहीं हो पा रहा है, तो मगध प्रमंडल के संबंधित जिलों से समन्वय स्थापित कर दर निर्धारण कर निविदा पूर्ण कर लें। जिला पदाधिकारी ने पॉलिथीन सीट की उपलब्धता पर जोर देते हुए कहा कि पर्याप्त संख्या में गया जिला में पॉलिथीन सीट उपलब्ध रहे, यह सुनिश्चित किया जाए। जिला पदाधिकारी ने घोड़ा घाट एवं अन्य महत्वपूर्ण घाटों का वाटर लेवल की मॉनिटरिंग लगातार करवाते रहने का निर्देश जल संसाधन विभाग के अभियंता को दिया तथा प्रत्येक 3-3 घंटे पर वाटर लेवल का रिपोर्ट उपलब्ध कराने का निर्देश दिया। जिला पदाधिकारी ने कहा कि यदि किसी प्रखंड या गया जिला में लगातार 48 घंटे से ऊपर बारिश होती है तो संबंधित घाटों एवं नदी, पोखर के समीप मजिस्ट्रेट तथा पुलिस पदाधिकारी की प्रतिनियुक्ति कराना सुनिश्चित करेंगे। उन्होंने सभी अंचलाधिकारी को निर्देश दिया कि वज्रपात या आंधी तूफान आने के कारण किसी मवेशी/ व्यक्ति की मृत्यु, कच्चे घर की क्षति पहुंचती है तो वैसे संबंधित घरों या आश्रितों को तत्काल रिलीफ/ मुआवजा दिया जाए। जिला पदाधिकारी ने कृषि पदाधिकारी को निर्देश दिया कि सभी प्रखंडों एवं पंचायतों में फसल क्षति का आकलन ससमय कराने हेतु टीम को एक्टिव मोड में रखेंगे। जिला कृषि पदाधिकारी द्वारा यह भी बताया कि इस वर्ष बारिश अच्छी होने की संभावना है। इस वर्ष लगभग 5 से 10 जुलाई के बीच धान की रोपनी प्रारंभ हो जाएगा जो पिछले कुछ वर्षों से अगस्त माह में रोपनी का कार्य प्रारंभ होते थे।
जिला पदाधिकारी ने सभी अंचल कार्यालयों में लगाए गए वर्षा मापी यंत्र को फंक्शन रखने का निर्देश दिया तथा प्रत्येक दिन होने वाली वर्षा का रिपोर्ट उपलब्ध कराने का निर्देश दिया। जिला पदाधिकारी ने मोहड़ा, अतरी, डोभी, बाराचट्टी गुरुआ अंचल में अधिष्ठापित वर्षा मापी यंत्र को जांच करवाने का निर्देश दिया। जिला पदाधिकारी ने वर्षा को ध्यान में रखते हुए गोताखोरों को चिन्हित रखने का निर्देश दिया ताकि जरूरत पड़ने पर उनसे मदद लिया जा सके।
ए०ई०एस०/ जे०ई० की समीक्षा में जिला पदाधिकारी ने अनुग्रह नारायण मगध मेडिकल अस्पताल के अधीक्षक को निर्देश दिया कि यदि कोई मरीज भर्ती होते हैं तो उसकी सूचना अविलंब उपलब्ध कराया जाए ताकि संबंधित प्रखंड, पंचायत या संबंधित टोला के लोगों को जांच कराते हुए उन पर नजर रखी जा सके। उन्होंने कहा कि मरीज का पूरा पता लिखें रहने से उस गांव के शेष बच्चों पर नजर रखते हुए उनका उपचार/ ट्रीटमेंट ससमय कराया जा सकता है।
सिविल सर्जन द्वारा बताया गया कि गया जिले में 161 सुअर बारा टोला (पिगरी एरिया) चिन्हित किया गया है। सभी संबंधित टोलों में मुख्यमंत्री ग्राम परिवहन योजना के तहत दिए गए वाहन को चिन्हित किया गया है। जिला पदाधिकारी ने संबंधित वाहन चालक / वाहन मालिक का मोबाइल नंबर, वाहन चालक का नाम पूरा पता इत्यादि का लिस्ट तैयार कर संबंधित प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, जयप्रकाश नारायण अस्पताल, मगध मेडिकल अस्पताल तथा जिला नियंत्रण कक्ष में उपलब्ध कराएं ताकि जरूरत पड़ने पर बिना समय गवाएं उनसे संपर्क किया जा सके तथा मरीजों का ससमय इलाज किया जा सके। सभी 161 टोलों में लगातार दवा का छिड़काव /फोगिंग करवाते रहने तथा साफ-सफाई करवाते रहने का निर्देश दिया।
सिविल सर्जन द्वारा बताया गया कि ए०ई०एस० बीमारी को चिन्हित करने के लिए सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में ए०ई०एस० जांच किट उपलब्ध कराया जा चुका है। जिला पदाधिकारी ने सभी प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी को निर्देश दिया कि ए०ई०एस० के केस आने पर तुरंत रेस्पॉन्ड करें।
ए०ई०एस० के संबंध में उन्होंने यह भी कहा कि पूर्व में ही सभी चिकित्सको/ पारा मेडिकल स्टाफ का अच्छी तरह प्रशिक्षण प्रॉपर ट्रीटमेंट प्रोटोकोल के तहत कराना सुनिश्चित करें। जिला पदाधिकारी ने जोर देकर कहा कि मरीजों का समुचित इलाज करने में किसी प्रकार की कोताही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
जिला पदाधिकारी ने सभी चिकित्सा पदाधिकारी, सिविल सर्जन तथा अधीक्षक मगध मेडिकल को निर्देश दिया कि किसी भी स्तर पर लापरवाही के कारण एक भी बच्चों की मृत्यु नहीं होना चाहिए, यह ध्यान रखें।
जिला पदाधिकारी ने सिविल सर्जन को निर्देश दिया कि सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में सांप काटने के उपरांत बचाव हेतु दवा उपलब्ध कराना सुनिश्चित करें। जिला पदाधिकारी ने कहा कि ए०ई०एस० के मरीजों के बचाव हेतु सभी चिकित्सकों को जिम्मेदारी लेना होगा तथा सुबह में संबंधित अस्पतालों में उपस्थित रहना होगा। उन्होंने बताया कि ए०ई०एस० के मरीज ज्यादातर सुबह में आते हैं, इसलिए सभी चिकित्सक अर्ली मॉर्निंग में ही अपने अस्पतालों में उपस्थित रहकर मरीजों का ससमय इलाज करेंगे।
सिविल सर्जन द्वारा बताया गया कि चिकित्सको की उपस्थिति को लेकर सभी अस्पतालों में दर्पण एप चालू किया जाएगा।
जिला पदाधिकारी को जे०ई० (जापानी इंसेफलाइटिस) टीकाकरण की समीक्षा के क्रम में जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी द्वारा बताया गया कि जिले में जे०ई० से संबंधित 21924 टीकाकरण का लक्ष्य निर्धारित किया गया है, जिसमें से 7 जून 2021 से 15 जून 2021 तक 6054 बच्चों को जे०ई० का टीका लगाया गया है, जो जिले का कुल औसत 27.6% है।
टीकाकरण कार्य में कुछ प्रखंड द्वारा उत्कृष्ट कार्य किया गया है, जो इस प्रकार हैं:- टिकारी प्रखंड द्वारा जे०ई० टीकाकरण में 99.2%, वजीरगंज 89.4%, नीमचक बथानी 80.5%, टाउन ब्लॉक 73.1% तथा मोहरा 67.3% है।
बैठक में सहायक समाहर्ता, सिविल सर्जन, अधीक्षक अनुग्रह नारायण मगध मेडिकल अस्पताल, प्राचार्य मगध मेडिकल अस्पताल, अपर समाहर्ता, जिला जनसंपर्क पदाधिकारी, जिला आपदा पदाधिकारी, जिला कृषि पदाधिकारी, जिला पंचायत राज पदाधिकारी सहित संबंधित पदाधिकारी उपस्थित थे।