Gaya DM Inaugurated Gopashtami Mahotsava

*DM ने की गोपाष्टमी महोत्सव का उद्घाटन*
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गया : जिलाधिकारी अभिषेक सिंह मानपुर अवस्थित श्रीगया गौशाला के 130 वीं गोपाष्टमी महोत्सव एवं वार्षिकोत्सव में सम्मिलित हुए। वे अनुमंडल पदाधिकारी सदर एवं गौशाला समिति के सदस्यों के साथ गौ पूजन किया। इसके उपरांत श्री प्रमोद भदानी ने जिलाधिकारी श्री अभिषेक सिंह को पुष्प गुच्छ एवं अंग वस्त्र देकर सम्मानित किया। इसके उपरांत जिलाधिकारी श्री अभिषेक सिंह के कर कमलों से दीप प्रज्ज्वलन किया गया। इस अवसर पर गया गौशाला के अध्यक्ष अनुमंडल पदाधिकारी सदर, स्वयंसेवी उषा डालमिया, समाजसेवी शिव बचन सिंह, चेंबर ऑफ कॉमर्स के कौशलेंद्र कुमार एवं प्रमोद भदानी ने दीप प्रज्ज्वलन में सहयोग किया । इस अवसर पर जिलाधिकारी ने उपस्थित अधिकारियों, गणमान्य व्यक्तियों एवं जनसमूह को संबोधित करते हुए कहा कि यह हम सब का सौभाग्य है कि हम सबको इस पावन कार्य में कहीं ना कहीं जुड़ने का मौका मिला है। यह सब जानते हैं कि गौमाता का हमारे भारतीय संस्कृतिक में क्या रोल है और किस स्तर पर हम लोग अपने संस्कृति में रखे हुए हैं। लेकिन हम उसकी सेवा के लिए कुछ कर सकें वह ज्यादा महत्वपूर्ण होता है। हम अपने कर्म से योगदान देते हैं। 130 वर्षों का गौशाला का इतिहास है। यह विभिन्न प्रयोजनों और विभिन्न उद्देश्यों से शुरू हुआ था। इस बीच बहुत सारे उतार-चढ़ाव आए होंगे लेकिन जब मैं यहां पहली बार भ्रमण पर आया था तो यहां पर जीवंत गौशाला देखने को मिला यहां पॉजिटिव एनर्जी मिला।यहां का रखरखाव काफी अच्छा लगा। मैंने अनेक गौशाला देखा पर गया जिला के मानपुर अवस्थित गौशाला जैसा कहीं नहीं देखा। यहां की समिति और यहां के लोग, जो किसी न किसी रूप से गौशाला से जुड़े हुए हैं। उनका एक प्रयास रहा है कि 130 साल पुराने धरोहर को कैसे संजोकर रखें और इसे कैसे आगे लेकर जाएं। इसके पहले मैंने कई बार पटना के गौशाला का निरीक्षण किया है। लेकिन मुझे ऐसा पॉजिटिव एनर्जी नहीं मिला, नहीं ऐसी व्यवस्था मिली। इसके लिए मैं सभी को धन्यवाद देता हूं। आदि संस्कृतिक में गाय को उच्चतम स्थान दिया गया है। इसलिए हमारी जिम्मेदारी एवं जवाबदेही भी बनती है जब वह दुधधारी नहीं है तब भी उसका लालन पोषण करने की आवश्यकता है, जो यह गौरक्षणी गौशाला में किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि मुझे काफी खुशी है कि पितृपक्ष मेला के पूर्व और उस दौरान नगर निगम को जिला प्रशासन ने निर्देशित किया था और उसमें ऐसी गायें जिसे हम आवारा कहते हैं, जो किन्हीं कारणों से अपने मालिकों द्वारा परित्यक्त की गई है, उनको यहां लाया गया और उनका भरण पोषण किया जा रहा है। इससे बड़ा पुण्य का कार्य नहीं हो सकता है। हम कितना भी पूजा पाठ की बात कर लें लेकिन परित्यक्त गाय की सेवा और उसका भरण पोषण से बड़ा पुण्य काम नहीं हो सकता है। इसके लिए उन्होंने सभी को पुण्य का पात्र बताया। उन्होंने कहा कि जो अतिरिक्त गाय पितृपक्ष मेला के दौरान लाई गई थीं, उनके लिए भी अतिरिक्त गौशेड का निर्माण किया गया है। लेकिन जो हमारे गया शहर के आसपास का रिक्वायरमेंट है उसमें आंतरिक संसाधन से हम क्या कर सकते हैं ?इसके लिए हम प्रयास कर रहे हैं। इसके साथ ही हम चारा व अन्य सामग्री जो बाज़ार से आ रहा है, जो पहले शायद उगाया जाता था। उन्होंने कहा कि हाल में 38 एकड़ जमीन मिली है, उसे बेहतर तरीके से उपयोग किया जाए तो बहुत महत्वपूर्ण होगा, अगर उसका कोई भाग चारे के लिए उपयोग किया जा सके। या कुछ अन्य भाग गायों के भ्रमण के लिये उपयोग किया जाए तो बेहतर रहेगा। इसके अलावा समय के साथ एक आधुनिकरण की व्यवस्था भी होगी जिसमें खासकर दूध उत्पादन के साथ संचय की व्यवस्था और ज्यादा से ज्यादा लोगों को उसका लाभ मिल सके इसकी व्यवस्था और इसके लिए अगर आवश्यकता होगी तो जिला पशुपालन पदाधिकारी को निर्देशित किया गया है कि समय-समय पर यहां कैंप लगाकर चिकित्सा की व्यवस्था करते रहेंगें। 

इसके साथ ही जो फिजिकल डोनेशन की व्यवस्था है, वैसे बहुत सारे लोग मिलते हैं जो इस पूरे कार्यक्रम से बहुत ही भावनात्मक रूप से जुड़े हुए हैं, पर किसी न किसी कारणों से यहां नहीं आ सकते हैं। जो लोग पितृपक्ष में आते हैं या विष्णुपद आते हैं वे तो फिजिकली(भौतिक रूप से) सेवा कर सकते हैं। यहां बहुत सारे ऐसे लोग हैं जो इस विषय से काफी भावनात्मक रूप से जुड़े हुए हैं, वे भी कुछ न कुछ करना चाहते हैं। उनके लिए ऑनलाइन डोनेशन का या छोटा सा वेबसाइट चालू करने का, जहां से लोगों को पता चले कि वे कैसे इसमें डोनेट कर सकते हैं, इससे काफी लोग आगे आएंगे और वे किसी न किसी माध्यम से इसमें योगदान करना चाहेंगे। इसके लिए अनुमंडल पदाधिकारी सदर को निर्देश दिया गया है कि इसमें बेहतर ऑनलाइन डोनेशन की सुविधा भी मुहैया कराएं। उन्होंने पटना के अपने 2 साल के कार्य अनुभव बताए कि पटना में ऐसे ही गायें सड़कों पर छोड़ दी जाती थीं, जो अक्सर देखने मे खराब लगता था। दूसरा ट्रैफिक की भी एक समस्या होती थी और उन्हें बड़ी संवेदना रहती थी। उन्होंने कहा कि मार्गदर्शन के लिए वे माननीय मुख्यमंत्री के प्रति आभार प्रगट करना चाहेंगे कि उनका स्पष्ट निर्देश था कि ऐसे सभी गायों को, जो किन्ही कारणों से अपने मूल स्थान से पृथक हो गई है, नगर निगम के माध्यम से उनके संरक्षण एवं भरण पोषण की व्यवस्था की जाए। तब हम लोगों ने गौशाला का निरीक्षण किया और प्रयास किया कि इसे आगे लेकर चला जाए और जो काफी सफल रहा। उन्होंने उपस्थित सभी लोगों से निवेदन किया कि वे अपने गलियों में, अपने सड़कों पर, अन्य जगहों पर गायों को न छोड़ें। अगर उनकी आस्था गौ माता के प्रति है, समर्पण है तो वह अंतिम समय तक रहना चाहिए। उन्होंने सभी से अनुरोध किया कि ऐसी गायों को गौशाला समिति को सुपुर्द करें। गौशाला समिति सुनिश्चित करेंगे कि उसका रखरखाव एवं भरण पोषण किया जाए। उन्होंने कहा कि गौशाला के पीछे की जमीन काफी उपजाऊ थी, इसमें चारा उगाया जाता था, नाले की पानी के बहाव के कारण वहाँ दलदल की स्थिति बनी हुई है। उन्होंने सदर अनुमंडल पदाधिकारी एवं नगर निगम को मिलकर उस नाले की निकासी की व्यवस्था करने का निदेश दिया। उन्होंने इस बृहद आयोजन के लिए एवं विभिन्न विषयों पर खुले रूप से जो चर्चा के लिए तथा भविष्य में मुक्त रूप से दान देने के संकल्प के साथ सभी को धन्यवाद ज्ञापन किया और आशा जताया कि गया गौरक्षणी गौशाला के द्वारा जो कार्य होगा या जो भविष्य में संपादित किया जाएगा वह पूरे बिहार के लिए उदाहरण प्रस्तुत करेगा। इसके उपरांत सदर अनुमंडल पदाधिकारी सूरज कुमार सिन्हा ने बताया कि जो आंतरिक संसाधन है इस गौशाला का उसे हम और भी ज्यादा संग्रहित करने का प्रयास कर रहे हैं। आर्थिक स्रोत में तकरीबन 40% से 50% आय बस स्टैंड से आती है। अप्रैल महीने तक 3 हजार रुपये प्रतिदिन को 5 हजार रुपये प्रतिदिन किया गया है। इसके अलावा किराए पर दुकानदारों के किराया वसूली को नियमित किया गया और 5 साल के बकाये रकम की वसूली एक सप्ताह में की गई। सूबे के चुनिंदा गौशालाओं में से श्रीगया गौशाला को बिहार सरकार द्वारा आदर्श गौशाला घोषित किया गया है। इसके फलस्वरूप गौ संवर्धन के लिए इनफ्रास्ट्रक्चर के डेवलपमेंट के लिए 20 लाख रुपये का फंड प्राप्त हुआ है। उन्होंने बताया कि चारागाह के लिए 33 एकड़ भूमि जो मुक्त कराई गई है, उसमें से तकरीबन 2 एकड़ भूमि में खेती करवाना आरंभ कर दिया गया है जिससे चारे की प्राप्ति होगी और आगे आने वाले दिनों में योजना है कि उसमें पंपिंग सेट भी लगाया जाए जिससे सिंचाई की व्यवस्था की जाएगी। उन्होंने कहा कि नगर आयुक्त से भी लगातार संपर्क किया जा रहा है कि आने वाले दिनों में वार्ड नंबर 51 में एक बड़े नाले का निर्माण किया जाए जिससे जल निकासी एवं सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट के साथ साथ गौशाला की भूमि संरक्षित हो सके। इसके उपरांत चेंबर ऑफ कॉमर्स के अध्यक्ष श्री कौशलेंद्र सिंह ने धन्यवाद ज्ञापन किया।- AnjNewsMedia

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