मिर्ज़ा ग़ालिब कॉलेज में याद की गईं महादेवी वर्मा
गया : मिर्ज़ा ग़ालिब कॉलेज गया के सेमिनार हॉल में हिन्दी विभाग की ओर से छायावाद की प्रसिद्ध कवयित्री महादेवी वर्मा का जन्मोत्सव मनाया गया, जिसकी अध्यक्षता कॉलेज के उप प्राचार्य डा शुजात अली खान और संचालन हिन्दी विभाग के प्राध्यापक डा जियाउर रहमान जाफरी ने की. इस अवसर पर कॉलेज के अन्य विभाग के प्राध्यापक और छात्र -छात्राओं की भी उपस्थिति रही.
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अपने अध्यक्षीय भाषण में डा शुजात अली खान ने कहा कि महादेवी के परिवार में सात पीढ़ी के बाद कोई लड़की पैदा हुई, इसलिए उनका नाम महादेवी रखा गया. हिन्दी विभाग के अध्यक्ष डा इबरार खान ने माना कि महादेवी की कविताओं का रहस्य उन्हें अज्ञात सत्ता की तरफ ले जाता है. डा गोलोक बिहारी श्रीवास्तव ने उनकी कविताओं में सामाजिक विद्रोह का प्रश्न उठाया. डा नुसरत अली सिद्दीकी का मानना था पद्य की तरह उनका गद्य पक्ष भी बेहद मज़बूत है, जिसपर हमारा ध्यान कम जाता है. प्रोफेसर सियाराम तिवारी ने अपनी बात रखते हुए कहा कि उनकी कविता में जो प्रतीक और बिम्ब है उसपर छायावाद का प्रभाव है. डा loZr ‘kelh ने कहा कि हमें महादेवी वर्मा की जिंदगी से स्त्री शक्ति का एहसास होता है.
कार्यक्रम का धन्यवाद ज्ञापन डा राम उदय प्रसाद ने किया. उन्होंने स्वीकारा कि महादेवी की कविताओं में दुख है, निराशा नहीं.
इस अवसर पर तसमीन आरा, डा फज़लुर रहमान, डा फरज़ाना तबस्सुम, डा बदरुद्दीन, इत्यादि भी मौजूद थे.
मिर्ज़ा ग़ालिब कॉलेज गया में आयोजित हुआ सायबर क्राइम और ऑनलाइन ट्रांजेक्शन पर जागरूकता कार्यक्रम
मिर्ज़ा ग़ालिब कॉलेज गया में सायबर क्राइम और ऑनलाइन ट्रांजेक्शन पर एक जागरूकता कार्यक्रम का शानदार आयोजन किया गया, जिसमें प्रमुख वक्ता के तौर पर भारतीय पुलिस सेवा के अधिकारी और गया के पूर्व पुलिस अधीक्षक सुशील कुमार – कमांडेंट,
बीएमपी -3 ने अपनी शिरकत दर्ज की. महाविद्यालय के सेमिनार हॉल में आयोजित इस कामयाब कार्यक्रम का संचालन डा loZr ‘kelh ने किया. इस मौके पर महाविद्यालय के सचिव शबी आरफीन शम्सी प्राचार्य डा जलालुद्दीन अंसारी, उप प्राचार्य डा शुजाअत अली खान, इत्यादि मौजूद थे.
अपने सम्बोधन में सायबर क्राइम को विस्तार से समझते हुए भारतीय पुलिस सेवा के अधिकारी सुशील कुमार ने आगाह किया कि हम थोड़ी सी सावधानी से सायबर क्राइम से बच सकते हैं.उनका मानना था कि देश के अस्सी फीसदी लोग सायबर क्राइम के शिकार हैं लेकिन उन्हें पता नहीं होता. श्री कुमार ने यह भी बताया कि सोशल नेटवर्क पर एक सेटिंग के द्वारा भी हम कई प्रकार के हैकिंग से बच सकते हैं. सायबर अपराधी कुछ ऐसे सॉफ्टवेयर आपके कंप्यूटर पर भेजते हैं, जिसके वायरस आपके डेटा की चोरी कर लेते हैं. श्री कुमार ने बताया कि एटीएम पूरी तरह से लेनदेन के लिए सुरक्षित है, पर उसमें सचेत रहने की ज़रूरत है, आपके पीछे खड़ा व्यक्ति सायबर अपराधी भी हो सकता है.
इस मौके पर पी पी टी के माध्यम से उन्होंने दिखाया कि किस प्रकार से अपराधी इन क्रियाओं को अंजाम देते हैं.
श्री सुशील कुमार ने प्रश्नोत्तर कार्यक्रम में एक प्रश्न का उत्तर देते हुए कहा कि सायबर ठग का शिकार होने पर किसी भी थाने में एफ आई आर दर्ज किया जा सकता है. उन्होंने एक महत्वपूर्ण जानकारी दी कि अगर आपने ओ टी पी शेयर नहीं किया है तो बैंक आपके पैसे की पूरी ज़िम्मेवारी लेता है. बैंक में पैसा पूरी तरह सुरक्षित है.
इस अवसर पर महाविद्यालय की ओर से उन्हें सम्मानित भी किया गया.
➖AnjNewsMedia